ETV Bharat / state

अलीगढ़: हथिनीकुंड बैराज से दोबारा छूटा पानी, खतरे के निशान के करीब यमुना

यूपी के अलीगढ़ में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. प्रशासन ने किनारे के गांवों और जिले के सभी विभागों को अलर्ट रहने को कहा है.

author img

By

Published : Aug 22, 2019, 8:42 PM IST

बाढ़ से पिड़ित ग्रामीण.

अलीगढ़: हथिनीकुंड बैराज से पानी छूटने की वजह से यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. टप्पल क्षेत्र में यमुना का पानी गांव रामगढ़ी, अमरगढ़ी, शेरपुर, महाराजगढ़, पीपली आदि गांवों में पहुंच गया है. जिसके चलते इन क्षेत्रों में करीब छह हजार बीघा फसल जलमग्न हो गई है.

अलीगढ़ में बाढ़ को लेकर अलर्ट जारी.

इसे भी पढ़ें:-अलीगढ़: राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने शिक्षकों की समस्याओं को लेकर सौंपा ज्ञापन

खतरे के निशान के करीब यमुना:

  • दो दिन पहले हरियाणा के हथिनीकुंड से 8 लाख क्यूसेक पानी छोड़ गया था और बुधवार को फिर से ढाई लाख क्युसेक पानी छोड़ा गया.
  • जिससे अनुमान है कि एक-दो दिन में यमुना का पानी खतरे के निशान से ऊपर जा सकता है.
  • खतरे का निशान 200 मीटर पर है और जलस्तर अभी खतरे के निशान से तीन मीटर नीचे है.
  • प्रशासन किनारे के गांवों एहतियात के लिए पीएसी भेज रहा है.
  • कलक्ट्रेट में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है और टप्पल मंडी में बाढ़ चौकी बनाई गई है.
  • महाराजगढ़, पीपली और शेरपुर के लोगों को गांव छोड़ने के लिए तैयार रहने के निर्देश भी दे दिए गए हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि अफसर बाढ़ के समय ही आते हैं और देखकर चले जाते हैं लेकिन कुछ सुविधा नहीं देते. यमुना नदी के किनारे बसे लोग पिछले कई सालों से बाढ़ का सामना करते रहे हैं. पानी गांवो में आने से फसलें बर्बाद हो गईं और गाय भैंसों के लिए चारे की दिक्कत हो रही है.

कुछ गांवों में पानी आने की संभावना है, अलर्ट जारी कर दिया है और वैकल्पिक स्थान बनाए गए हैं. स्थिति अभी हमारे नियंत्रण में है. बचाव के पूरे इंतजाम किए गए हैं.
चंद्र भूषण सिंह, जिलाधिकारी

अलीगढ़: हथिनीकुंड बैराज से पानी छूटने की वजह से यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. टप्पल क्षेत्र में यमुना का पानी गांव रामगढ़ी, अमरगढ़ी, शेरपुर, महाराजगढ़, पीपली आदि गांवों में पहुंच गया है. जिसके चलते इन क्षेत्रों में करीब छह हजार बीघा फसल जलमग्न हो गई है.

अलीगढ़ में बाढ़ को लेकर अलर्ट जारी.

इसे भी पढ़ें:-अलीगढ़: राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने शिक्षकों की समस्याओं को लेकर सौंपा ज्ञापन

खतरे के निशान के करीब यमुना:

  • दो दिन पहले हरियाणा के हथिनीकुंड से 8 लाख क्यूसेक पानी छोड़ गया था और बुधवार को फिर से ढाई लाख क्युसेक पानी छोड़ा गया.
  • जिससे अनुमान है कि एक-दो दिन में यमुना का पानी खतरे के निशान से ऊपर जा सकता है.
  • खतरे का निशान 200 मीटर पर है और जलस्तर अभी खतरे के निशान से तीन मीटर नीचे है.
  • प्रशासन किनारे के गांवों एहतियात के लिए पीएसी भेज रहा है.
  • कलक्ट्रेट में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है और टप्पल मंडी में बाढ़ चौकी बनाई गई है.
  • महाराजगढ़, पीपली और शेरपुर के लोगों को गांव छोड़ने के लिए तैयार रहने के निर्देश भी दे दिए गए हैं.

ग्रामीणों का कहना है कि अफसर बाढ़ के समय ही आते हैं और देखकर चले जाते हैं लेकिन कुछ सुविधा नहीं देते. यमुना नदी के किनारे बसे लोग पिछले कई सालों से बाढ़ का सामना करते रहे हैं. पानी गांवो में आने से फसलें बर्बाद हो गईं और गाय भैंसों के लिए चारे की दिक्कत हो रही है.

कुछ गांवों में पानी आने की संभावना है, अलर्ट जारी कर दिया है और वैकल्पिक स्थान बनाए गए हैं. स्थिति अभी हमारे नियंत्रण में है. बचाव के पूरे इंतजाम किए गए हैं.
चंद्र भूषण सिंह, जिलाधिकारी

Intro:अलीगढ़ : यमुना नदी उफान पर हैं  और खतरे के निशान को पार कर पानी  अलीगढ़  के गांवों में आने लगा है. टप्पल क्षेत्र में यमुना का पानी गांव रामगढ़ी, अमरगढ़ी, शेरपुर, महाराजगढ़, पीपली आदि गांवों में पहुंच गया. इन क्षेत्रों में करीब छह हजार बीघा फसल जलमग्न हो गई है. हथिनी कुंड से बुधवार को ढाई लाख क्यूसेक पानी और छोड़ा गया है . इससे  यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है. गांवों के लिए जाने वाली सड़क भी डूब गईं है .   









Body:यमुना में तेजी से जल स्तर बढ़ रहा है. जल स्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है. इसके चलते प्रशासन अलर्ट है. यमुना के किनारे गांवों में पीएसी भी भेजी जा रही है. दो गांवों में मुनादी भी  करा दी गई है. कलक्ट्रेट में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है. यमुना में खतरे का निशान 200 मीटर पर है. जल स्तर खतरे के निशान से तीन मीटर नीचे है. दो दिन पहले हरियाणा के हथिनीकुंड से 8.28 लाख पानी छोड़ गया है. जिससे यमुना में जल स्तर बढऩे लगा है. अनुमान है कि एक-दो दिन में पानी खतरे के निशान से ऊपर जा सकता है. सभी विभागों को अलर्ट जारी किया गया है . महाराजगढ़, पीपली व शेरपुर के लोगों को गांव छोडऩे के लिए तैयार रहने के निर्देश भी दे दिए गए हैं. टप्पल मंडी में बाढ़ चौकी बनाई  गई है.


Conclusion:ग्रामीणों का कहना है कि अफसर बाढ़ के समय ही आते हैं. उसके बाद कोई नहीं आता. यमुना नदी के किनारे बसे लोग पिछले कई सालों से बाढ़ का सामना करते रहे हैं.  प्रेम कुमारी कहती है कि अधिकारी आते तो हैं और देख कर चले जाते हैं. लेकिन कुछ सुविधा नहीं देते हैं . प्रेम कुमारी ने कहा कि जब प्रशासन की तरफ से कोई सुविधा नहीं है तो हमें ऐसे ही यहां रहना पड़ेगा. महाराजगढ़ गांव  के रूप सिंह ने बताया कि हमारे यहां अधिकारी केवल बाहर से ही देख कर निकल जाते हैं. यमुना का पानी गांव में घुस आया है. फसलें बर्बाद हो गई हैं. गाय भैंसों के लिए चारे की दिक्कत है. गांव चारों तरफ  पानी से गिर गया है. जिलाधिकारी ने बताया कि कुछ गांव में पानी आने की संभावना है अलर्ट जारी कर दिया है और वैकल्पिक स्थान बनाए गए हैं. जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने बताया कि अभी स्थिति नियंत्रण में है. बचाव के पूरे इंतजाम किए गए हैं. 

बाइट - प्रेम कुमारी, स्थानीय निवासी
बाइट -भूप सिंह, ग्रामीण
बाइट - चंद्र भूषण सिंह, जिलाधिकारी, अलीगढ़

आलोक सिंह, अलीगढ़
9837830535


ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.