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अलीगढ़: कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में मण्डलीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी हुई आयोजित - agricultural production productivity seminar

अलीगढ़ जिले में अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में मण्डलीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी का आयोजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया. मुख्य सचिव ने बताया कि गोष्ठी के आयोजन का उद्देश्य किसानों की आय को दोगुना करना, उपज मूल्य दिलाना है.

मण्डलीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी हुई आयोजित.
मण्डलीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी हुई आयोजित.
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Published : Jun 16, 2020, 5:22 AM IST

अलीगढ़: जिले में कृषि उत्पादन आयुक्त और अपर मुख्य सचिव आलोक सिन्हा की अध्यक्षता में मण्डलीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी का आयोजन वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया. अलीगढ़ मण्डल की ओर से कमिश्नर जीएस प्रियदर्शी और जनपद की ओर से जिलाधिकारी चन्द्रभूषण सिंह, मुख्य विकास अधिकारी अनुनय झा सहित विभागीय अधिकारियों और प्रगतिशील किसान भंवर पाल सिंह द्वारा प्रतिभाग किया गया.

आलोक सिन्हा ने कहा कि गोष्ठी के आयोजन का उद्देश्य किसानों की आय को दोगुना करना, उपज मूल्य दिलाना है. साथ ही किसानों की समस्याओं एवं सुझावों को प्राप्त कर उस दिशा में सुधार करते हुए किसानों की समस्याओं का निराकरण करना है.

किसानों की आय बढ़ाने पर की गयी चर्चा
कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा ने कहा कि किसानों की आय को बढ़ाने के लिये वैल्यू एडीशन करने एवं मार्केटिंग की उचित व्यवस्था करनी होगी. उन्होंने कहा कि जिलास्तर पर योजनाएं बनाते समय प्रोडक्शन, प्रोसेसिंग एवं मार्केटिंग का पूरा-पूरा ध्यान रखा जाए. कोविड-19 के दौरान मनरेगा विभिन्न योजनाओं को जोड़ने वाली कड़ी के रूप में सामने आई है, जिसका प्रयोग कर हम विभिन्न प्रकार के एसेट्स विकसित कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि प्रगतिशील किसानों से सुझाव प्राप्त करने में सीडीओ अहम भूमिका निभा सकते हैं.

खरीफ फसलोत्पादन की तैयारियां पूरी
अलीगढ़ कमिश्नर जीएस प्रियदर्शी ने कृषि उत्पादन आयुक्त और अपर मुख्य सचिव को बताया कि मण्डल में 6 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में खरीफ की खेती की जाती है. बाजरा, मक्का एवं धान मुख्य फसलें हैं. मण्डल स्तर पर खरीफ फसलोत्पादन की तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं. बीज, उर्वरक, कृषि रक्षा रसायन की कोई समस्या नहीं है. बिजली, पानी पर्याप्त है.

कुछ नहरों के गेट खराब हैं, जिन्हें ठीक कराने के निर्देश दिए गए हैं. प्रदेश में गेंहू खरीद में अलीगढ़ मण्डल प्रथम स्थान पर रहा है, जिसमें कृषि विभाग द्वारा 6 लाख व्हाट्स एप मैसेज भेजकर किसानों को क्रय केन्द्र पर गेंहू लाने के लिये प्रेरित किया गया. मण्डल में एफपीओ के माध्यम से भी गेंहू खरीद के सफल प्रयास किये गए. कृषि रक्षा रसायन एवं उर्वरक की सरकारी एवं गैर सरकारी दुकानों को गूगल मैप पर अपलोड कराया गया है.

सभी ने रखी अपनी बात
अलीगढ़ जिलाधिकारी चन्द्र भूषण सिंह ने बताया कि जनपद में खरीफ की तैयारियां पूर्ण कर ली गयी हैं. प्रमुख फसलों के रूप में धान, बाजरा, मक्का एवं अरहर का उत्पादन किया जाता है. जिलाधिकारी हाथरस प्रवीण लक्षकार ने ध्यानाकर्षण कराते हुए कहा कि जनपद में 07 बाजरा क्रय केन्द्र खोलने की मांग की है. उन्होंने बताया कि जनपद में एक कृषि विज्ञान केन्द्र 10 साल में भी नहीं बन पाया.

जिलाधिकारी एटा सुखलाल भारती ने बताया कि जनपद में खरीफ में धान, मक्का, बाजरा का प्रमुख रूप से उत्पादन किया जाता है. जनपद में जिप्सम की भारी कमी है. कुछ नहरों में पानी न आने की भी समस्या है. मक्का क्रय केन्द्र खोलने एवं शिमला मिर्च की मार्केटिंग की तरफ ध्यान देने से किसानों की आय को बढ़ाया जा सकता है.

अलीगढ़: जिले में कृषि उत्पादन आयुक्त और अपर मुख्य सचिव आलोक सिन्हा की अध्यक्षता में मण्डलीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी का आयोजन वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया. अलीगढ़ मण्डल की ओर से कमिश्नर जीएस प्रियदर्शी और जनपद की ओर से जिलाधिकारी चन्द्रभूषण सिंह, मुख्य विकास अधिकारी अनुनय झा सहित विभागीय अधिकारियों और प्रगतिशील किसान भंवर पाल सिंह द्वारा प्रतिभाग किया गया.

आलोक सिन्हा ने कहा कि गोष्ठी के आयोजन का उद्देश्य किसानों की आय को दोगुना करना, उपज मूल्य दिलाना है. साथ ही किसानों की समस्याओं एवं सुझावों को प्राप्त कर उस दिशा में सुधार करते हुए किसानों की समस्याओं का निराकरण करना है.

किसानों की आय बढ़ाने पर की गयी चर्चा
कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा ने कहा कि किसानों की आय को बढ़ाने के लिये वैल्यू एडीशन करने एवं मार्केटिंग की उचित व्यवस्था करनी होगी. उन्होंने कहा कि जिलास्तर पर योजनाएं बनाते समय प्रोडक्शन, प्रोसेसिंग एवं मार्केटिंग का पूरा-पूरा ध्यान रखा जाए. कोविड-19 के दौरान मनरेगा विभिन्न योजनाओं को जोड़ने वाली कड़ी के रूप में सामने आई है, जिसका प्रयोग कर हम विभिन्न प्रकार के एसेट्स विकसित कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि प्रगतिशील किसानों से सुझाव प्राप्त करने में सीडीओ अहम भूमिका निभा सकते हैं.

खरीफ फसलोत्पादन की तैयारियां पूरी
अलीगढ़ कमिश्नर जीएस प्रियदर्शी ने कृषि उत्पादन आयुक्त और अपर मुख्य सचिव को बताया कि मण्डल में 6 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में खरीफ की खेती की जाती है. बाजरा, मक्का एवं धान मुख्य फसलें हैं. मण्डल स्तर पर खरीफ फसलोत्पादन की तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं. बीज, उर्वरक, कृषि रक्षा रसायन की कोई समस्या नहीं है. बिजली, पानी पर्याप्त है.

कुछ नहरों के गेट खराब हैं, जिन्हें ठीक कराने के निर्देश दिए गए हैं. प्रदेश में गेंहू खरीद में अलीगढ़ मण्डल प्रथम स्थान पर रहा है, जिसमें कृषि विभाग द्वारा 6 लाख व्हाट्स एप मैसेज भेजकर किसानों को क्रय केन्द्र पर गेंहू लाने के लिये प्रेरित किया गया. मण्डल में एफपीओ के माध्यम से भी गेंहू खरीद के सफल प्रयास किये गए. कृषि रक्षा रसायन एवं उर्वरक की सरकारी एवं गैर सरकारी दुकानों को गूगल मैप पर अपलोड कराया गया है.

सभी ने रखी अपनी बात
अलीगढ़ जिलाधिकारी चन्द्र भूषण सिंह ने बताया कि जनपद में खरीफ की तैयारियां पूर्ण कर ली गयी हैं. प्रमुख फसलों के रूप में धान, बाजरा, मक्का एवं अरहर का उत्पादन किया जाता है. जिलाधिकारी हाथरस प्रवीण लक्षकार ने ध्यानाकर्षण कराते हुए कहा कि जनपद में 07 बाजरा क्रय केन्द्र खोलने की मांग की है. उन्होंने बताया कि जनपद में एक कृषि विज्ञान केन्द्र 10 साल में भी नहीं बन पाया.

जिलाधिकारी एटा सुखलाल भारती ने बताया कि जनपद में खरीफ में धान, मक्का, बाजरा का प्रमुख रूप से उत्पादन किया जाता है. जनपद में जिप्सम की भारी कमी है. कुछ नहरों में पानी न आने की भी समस्या है. मक्का क्रय केन्द्र खोलने एवं शिमला मिर्च की मार्केटिंग की तरफ ध्यान देने से किसानों की आय को बढ़ाया जा सकता है.

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