अलीगढ़ः समाजवादी पार्टी के सबसे बड़े मुस्लिम चेहरे और मुलायम सिंह के संघर्ष के दिनों के साथी आजम खां सियासत से दरकिनार हो चुके हैं. जिसको देखते हुए पार्टी को अब एक नये मुस्लिम चेहरे की तलाश है. शायद इसीलिए मुंबई से आने वाले समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष अबू आसिम आजमी को उत्तर प्रदेश की राजनीति में आगे किया जा रहा है. इससे पहले जहां मुसलमानों के बीच समाजवादी की ओर से आजम खान वकालत करने हुए नजर आते थे. अब उनकी जगह अबू आमिम आजमी नजर आ रहे हैं.
मुसलमानों की राजनीति के सबसे बड़े गढ़ अलीगढ़ में वे पिछले तीन दिन से हैं. अबू आसिम आजमी अलीगढ़ दौरे पर सपा कार्यालय के उद्घाटन में भी शामिल हुए हैं. .यूनिवर्सिटी बंद है, इसलिए यूनिवर्सिटी में कोई प्रोग्राम हो ही नहीं सकता, लेकिन अलीगढ़ आए हैं और यूनिवर्सिटी न जाए यह भी मुमकिन नहीं, क्योंकि मुसलमानों की निगाह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय पर हमेशा टिकी रहती है.
अबू आसिम आजमी के एसएस हॉल पहुंचने पर छात्रों ने उन्हें घेर लिया. उन्होंने उनसे पूछा कि 2012 में समाजवादी पार्टी के मेनिफेस्टो में मुसलमानों के लिए 18% रिजर्वेशन का वादा किया गया था, जो अब तक अधूरा है. इससे भी खास सवाल यह रहा कि छात्रों का यह इलज़ाम था कि समाजवादी सरकार में 5 साल योगी आदित्यनाथ की गोरखपुर दंगों की फाइल दबा कर रखी और उस पर एक्शन नहीं होने दिया.
छात्रों का कहना था कि अखिलेश यादव ने योगी आदित्यनाथ को संरक्षण दिया और उन्हीं की वजह से वह आज जेल से बाहर हैं, तो जो संरक्षण दे रहा है. हम यह कैसे मान लें कि वह ईमानदारी से योगी सरकार के खिलाफ राजनैतिक लड़ाई लड़ेगा?
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छात्रों ने कहा कि मुजफ्फरनगर दंगे के पहले 67 मुस्लिम एमएलए उत्तर प्रदेश विधानसभा में थे. लेकिन दंगे बाद की स्थिति के लिए समाजवादी पार्टी ही जिम्मेदार है. छात्रों के इस सवाल के बाद अबू आसिम भागते नजर आए. सिर्फ इतना ही कह सके कि अखिलेश यादव ने बहुत काम किया है. लेकिन कौन सा काम किया है ये नहीं गिना सके और जल्द ही गाड़ी में बैठे और वहां से निकल गए.