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अलीगढ़ के 3 दर्जन छात्र यूक्रेन में फंसे, अभिभावकों ने लगाई सरकार से मदद की गुहार

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Published : Feb 25, 2022, 8:48 AM IST

Updated : Feb 25, 2022, 10:15 AM IST

अलीगढ़ जिले के तकरीबन 3 दर्जन छात्र यूक्रेन में रूस के हमले के बाद बनी स्थिति के बीच वहां फंसे हुए हैं. वहीं, उनके अभिभावकों का कहना है अगर रात तक बच्चों को लाने के लिए सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया तो शुक्रवार को अभिभावकों का एक डेलिगेशन प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय जाकर संपर्क करेगा.

यूक्रेन-रूस युद्ध.
यूक्रेन-रूस युद्ध.

अलीगढ़: जिले के करीब 3 दर्जन से अधिक छात्र-छात्राएं यूक्रेन में रहकर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं. इस समय यूक्रेन में रूस के हमले के बाद बनी स्थिति के बीच छात्र-छात्राएं फंसे हुए हैं. इस दौरान उनके परिजन उन्हें वापस लाने की भारत सरकार से मांग करने लगे हैं. अभिभावकों का कहना है रात तक बच्चों को लाने के लिए सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया तो शुक्रवार को अभिभावकों का एक डेलिगेशन प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय जाकर संपर्क करेगा.

जानकारी देते अभिभावक.

उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जनपदों से सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएं यूक्रेन में रहकर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं. इस समय यूक्रेन में रूस के हमले के बाद पैदा हुई स्थिति के बीच अलीगढ़ जिले के करीब 3 दर्जन से अधिक छात्र-छात्राएं फंसे हुए हैं.

यूक्रेन में रूस के हमले के बाद गुरुवार को अलीगढ़ शहर के रहने वाले पंकज धीरज ने कहा कि मेरी बेटी यूक्रेन के अंदर एमबीबीएस सेकंड ईयर की छात्रा है. पिछले कुछ दिनों से जो हालात वहां के बने हुए हैं रूस के युद्ध को लेकर और आज सुबह जो वहां हमला हुआ है. उससे हम सभी अभिभावकों की बहुत ज्यादा चिंता बढ़ा दी है. हम लोगों की इच्छा है कि वर्तमान के अंदर जो स्थिति है. बच्चों की फ्लाइट भी तय हो चुकी थी, लेकिन एयरवेज पर हमले की वजह से अब वह कैंसिल हो गई है.

हम सभी लोगों की इच्छा ये है कि माननीय प्रधानमंत्री इस संबंध में विशेष हस्तक्षेप करके यूक्रेन के अंदर से बच्चों को एयर लिफ्ट करा कर बच्चों को सुरक्षित लाएं. हम लोगों को आज जानकारी मिली है प्रधानमंत्री की हाई लेवल मीटिंग भी हुई है, उसमें वह कुछ निर्णय लेने जा रहे हैं उस निर्णय के बाद निश्चित ही हमें उम्मीद है कि कुछ न कुछ सकारात्मक रूप से विद्यार्थियों के लिए ऐसी प्रणाली तय की जाएगी, जिससे बच्चे सुरक्षित भारत आ सके. इसके साथ ही हमने तय किया है कि कोई निर्णय नहीं होता है तो अलीगढ़ से हमारे सभी अभिभावक जिनके बच्चे यूक्रेन के अंदर पढ़ रहे हैं वो सभी अभिभावक दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्री कार्यालय पर संपर्क करेंगे और बच्चों को सुरक्षित लाने की मांग करेंगे.

इसे भी पढे़ं- यूक्रेन में फंसी कानपुर की जेन्सी, घरवाले परेशान

अलीगढ़: जिले के करीब 3 दर्जन से अधिक छात्र-छात्राएं यूक्रेन में रहकर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं. इस समय यूक्रेन में रूस के हमले के बाद बनी स्थिति के बीच छात्र-छात्राएं फंसे हुए हैं. इस दौरान उनके परिजन उन्हें वापस लाने की भारत सरकार से मांग करने लगे हैं. अभिभावकों का कहना है रात तक बच्चों को लाने के लिए सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया तो शुक्रवार को अभिभावकों का एक डेलिगेशन प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय जाकर संपर्क करेगा.

जानकारी देते अभिभावक.

उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जनपदों से सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएं यूक्रेन में रहकर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं. इस समय यूक्रेन में रूस के हमले के बाद पैदा हुई स्थिति के बीच अलीगढ़ जिले के करीब 3 दर्जन से अधिक छात्र-छात्राएं फंसे हुए हैं.

यूक्रेन में रूस के हमले के बाद गुरुवार को अलीगढ़ शहर के रहने वाले पंकज धीरज ने कहा कि मेरी बेटी यूक्रेन के अंदर एमबीबीएस सेकंड ईयर की छात्रा है. पिछले कुछ दिनों से जो हालात वहां के बने हुए हैं रूस के युद्ध को लेकर और आज सुबह जो वहां हमला हुआ है. उससे हम सभी अभिभावकों की बहुत ज्यादा चिंता बढ़ा दी है. हम लोगों की इच्छा है कि वर्तमान के अंदर जो स्थिति है. बच्चों की फ्लाइट भी तय हो चुकी थी, लेकिन एयरवेज पर हमले की वजह से अब वह कैंसिल हो गई है.

हम सभी लोगों की इच्छा ये है कि माननीय प्रधानमंत्री इस संबंध में विशेष हस्तक्षेप करके यूक्रेन के अंदर से बच्चों को एयर लिफ्ट करा कर बच्चों को सुरक्षित लाएं. हम लोगों को आज जानकारी मिली है प्रधानमंत्री की हाई लेवल मीटिंग भी हुई है, उसमें वह कुछ निर्णय लेने जा रहे हैं उस निर्णय के बाद निश्चित ही हमें उम्मीद है कि कुछ न कुछ सकारात्मक रूप से विद्यार्थियों के लिए ऐसी प्रणाली तय की जाएगी, जिससे बच्चे सुरक्षित भारत आ सके. इसके साथ ही हमने तय किया है कि कोई निर्णय नहीं होता है तो अलीगढ़ से हमारे सभी अभिभावक जिनके बच्चे यूक्रेन के अंदर पढ़ रहे हैं वो सभी अभिभावक दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्री कार्यालय पर संपर्क करेंगे और बच्चों को सुरक्षित लाने की मांग करेंगे.

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Last Updated : Feb 25, 2022, 10:15 AM IST
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