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यूपी में खुलेंगे विदेशी विश्वविद्यालय के कैंपस, रूस और यूक्रेन वार से लिया सबक

यूपी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में कई विदेशी शिक्षा संस्थानों ने अपने कैंपस यूपी में खोलने की रुचि दिखाई थी. इसके बाद यूपी सरकार इस दिशा में काम कर रही है. जानिए कब तक यूपी में विदेशी संस्थानों के कैंपस यूपी में खुलेंगे?

यूपी में खुलेंगे विदेशी विश्वविद्यालय के कैंपस
यूपी में खुलेंगे विदेशी विश्वविद्यालय के कैंपस
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Published : Apr 8, 2023, 4:07 PM IST

यूपी में खुलेंगे विदेशी विश्वविद्यालय के कैंपस

आगरा: यूक्रेन और रूस के युद्ध से यूपी के सैकड़ों स्टूडेंट की पढ़ाई अधर में लटक गई है. इसके साथ ही सैकड़ों ऐसे मेधावी हैं, जो विदेश जाकर पढ़ाई करना चाहते हैं. लेकिन विदेश में रहकर पढ़ाई करने के लिए उनके पास रुपये नहीं है. योगी सरकार ने ऐसे मेधावियों की समस्या के समाधान के लिए यूपी में ही मशहूर विदेशी विश्वविद्यालयों के कैंपस खोलने की दिशा में कदम उठाया है. ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने यह जानकारी दी.

उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय बताया कि यूपी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में कई विदेशी संस्थानों ने अपनी दिलचस्पी दिखाई थी. अब विदेशी संस्थानों के कैंपस भी यूपी में खोले जाने का ब्लूप्रिंट बन रहा है. जिसके तहत यूपी में रूस, यूक्रेन समेत अन्य देशों के मशहूर संस्थानों के कैंपस उत्तर प्रदेश में खोले जाएंगें. इससे उत्तर प्रदेश में शिक्षा का और बेहतर माहौल बनेगा, रोजगार के अवसर पैदा होंगे. विदेशी संस्थानों के कैंपस खुलने से यूपी एजुकेशन का नया हब बन जाएगा.

उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि विदेशी संस्थाओं के यूपी में कैंपस खोलने का मामला विदेश से जुड़ा हुआ है. इसलिए, प्रदेश सरकार अब केंद्र सरकार से इस बारे में बातचीत कर रही है. उत्तर प्रदेश में विदेशी संस्थानों के कैंपस खोलने का ब्लूप्रिंट छह महीने में बन जाएगा. केंद्र सरकार की मदद से इसके बाद यूपी में मशहूर विदेशी शिक्षा संस्थानों के कैंपस खुलेंगे. जहां पर यूपी के मेधावी छात्र अपने चुने कोर्स की पढ़ाई कर सकेंगे. उन्हें डिग्री और डिप्लोमा की पढ़ाई के लिए विदेश जाना नहीं पड़ेगा. जिससे अभिभावकों की जेब पर भी कम भार पड़ेगा.

बता दें कि यूक्रेन और रूस में चल रहे युद्ध में यूपी के सैकड़ों स्टूडेंट यूक्रेन में फंस गए थे. परिजनों ने जब राज्य सरकार से गुहार लगाई. जिस पर केंद्र सरकार ने यूक्रेन में फंसे यूपी और अन्य राज्यों के स्टूडेंट्स को सुरक्षित देश लाया था. लेकिन यूक्रेन में पढ़ने वाले छात्रों की पढ़ाई अधर में लटकी हुई है, लाखों रुपये खर्च हो गए. लेकिन, पढ़ाई पूरी नहीं होने से डिग्री भी नहीं मिली है. इसलिए सरकार ने विदेशी विश्वविद्यालय कैंपस खोलने की पहल की है.

यह भी पढ़ें: केंद्र और राज्य की योजनाओं को अमलीजामा पहनाने से बढ़ रही यूपी की चमक

यूपी में खुलेंगे विदेशी विश्वविद्यालय के कैंपस

आगरा: यूक्रेन और रूस के युद्ध से यूपी के सैकड़ों स्टूडेंट की पढ़ाई अधर में लटक गई है. इसके साथ ही सैकड़ों ऐसे मेधावी हैं, जो विदेश जाकर पढ़ाई करना चाहते हैं. लेकिन विदेश में रहकर पढ़ाई करने के लिए उनके पास रुपये नहीं है. योगी सरकार ने ऐसे मेधावियों की समस्या के समाधान के लिए यूपी में ही मशहूर विदेशी विश्वविद्यालयों के कैंपस खोलने की दिशा में कदम उठाया है. ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने यह जानकारी दी.

उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय बताया कि यूपी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में कई विदेशी संस्थानों ने अपनी दिलचस्पी दिखाई थी. अब विदेशी संस्थानों के कैंपस भी यूपी में खोले जाने का ब्लूप्रिंट बन रहा है. जिसके तहत यूपी में रूस, यूक्रेन समेत अन्य देशों के मशहूर संस्थानों के कैंपस उत्तर प्रदेश में खोले जाएंगें. इससे उत्तर प्रदेश में शिक्षा का और बेहतर माहौल बनेगा, रोजगार के अवसर पैदा होंगे. विदेशी संस्थानों के कैंपस खुलने से यूपी एजुकेशन का नया हब बन जाएगा.

उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि विदेशी संस्थाओं के यूपी में कैंपस खोलने का मामला विदेश से जुड़ा हुआ है. इसलिए, प्रदेश सरकार अब केंद्र सरकार से इस बारे में बातचीत कर रही है. उत्तर प्रदेश में विदेशी संस्थानों के कैंपस खोलने का ब्लूप्रिंट छह महीने में बन जाएगा. केंद्र सरकार की मदद से इसके बाद यूपी में मशहूर विदेशी शिक्षा संस्थानों के कैंपस खुलेंगे. जहां पर यूपी के मेधावी छात्र अपने चुने कोर्स की पढ़ाई कर सकेंगे. उन्हें डिग्री और डिप्लोमा की पढ़ाई के लिए विदेश जाना नहीं पड़ेगा. जिससे अभिभावकों की जेब पर भी कम भार पड़ेगा.

बता दें कि यूक्रेन और रूस में चल रहे युद्ध में यूपी के सैकड़ों स्टूडेंट यूक्रेन में फंस गए थे. परिजनों ने जब राज्य सरकार से गुहार लगाई. जिस पर केंद्र सरकार ने यूक्रेन में फंसे यूपी और अन्य राज्यों के स्टूडेंट्स को सुरक्षित देश लाया था. लेकिन यूक्रेन में पढ़ने वाले छात्रों की पढ़ाई अधर में लटकी हुई है, लाखों रुपये खर्च हो गए. लेकिन, पढ़ाई पूरी नहीं होने से डिग्री भी नहीं मिली है. इसलिए सरकार ने विदेशी विश्वविद्यालय कैंपस खोलने की पहल की है.

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