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चंबल नदी में कोटा बैराज से छोड़ा गया 5 लाख क्यूसेक पानी, तटवर्ती को लेकर अलर्ट जारी

आगरा के पिनाहट क्षेत्र से सटी चंबल नदी में कोटा बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया है. इससे नदी का जलस्तर 124 मीटर पहुंच गया है.

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कोटा बैराज से छोड़ा गया पानी
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Published : Aug 17, 2022, 10:37 PM IST

आगरा: जनपद के ब्लॉक पिनाहट क्षेत्र से सटी चंबल नदी में राजस्थान के कोटा बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया. प्रशासन ने नदी में उफान के चलते तटवर्ती इलाकों के गांव में अलर्ट जारी कर दिया है. वहीं, चंबल नदी का जलस्तर बढ़ने से ग्रामीणों में हड़कंप मच गया है. प्रशासन द्वारा बाढ़ नियंत्रित चौकियां स्थापित कर दी गई है. साथ ही लोगों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की अपील की गई है.

भारी बारिश के चलते मंगलवार को राजस्थान के कोटा बैराज से करीब 5 लाख क्यूसेक पानी चंबल नदी में छोड़ा गया है. जिसके कारण चंबल नदी में अचानक उफान आ गया है. जिससे चंबल के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ की स्थिति की संभावना है. मध्य प्रदेश और राजस्थान में हो रही भारी बारिश के चलते मंदसौर के गांधी सागर बांध, राजस्थान के राणा प्रताप बांध, जवाहर सागर बांध में जलस्तर बढ़ गया है. जिससे कोटा बैराज बांध से भारी मात्रा में पानी को डिस्चार्ज किया गया है. वहीं, मध्यप्रदेश और राजस्थान की चंबल में गिरने वाली छोटी नदियों पूनम, पार्वती, कालीसिंध, बनास ,शिप्रा, सिवान, रेतम, में उफान का पूरा पानी चंबल नदी में गिरने से तेज बहाब हो गया है. जिससे धौलपुर में चंबल नदी खतरे के निशान तक पहुंच गई है.

बुधवार शाम तक पिनाहट घाट पर 124 मीटर तक जलस्तर नदी का पहुंच गया, जो लगातार 130 मीटर खतरे के निशान की तरफ बढ़ रहा है. इसे लेकर राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश प्रशासन अलर्ट हो गया है. प्रशासन के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा चंबल के तटवर्ती इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही लोगों को चंबल किनारे न जाने की अपील की गई है. चंबल नदी के बढ़ते हुए जल स्तर को लेकर पिनाहट घाट स्थित चंबल नहर पंप हाउस की बिल्डिंग के ऊपरी गेट पर तत्काल दीवार खड़ी की गई है. ताकि मशीनों में पानी ना जा सके. फिलहाल नदी खतरे के निशान से 6 मीटर नीचे है.

यह भी पढ़ें: घाघरा नदी लाल निशान से आठ सेंटीमीटर ऊपर, चार बीघा जमीन नदी में समाहित

एसडीएम बाह रतन वर्मा ने चंबल क्षेत्र में नियंत्रित चौकी स्थापित की गई है. जिन पर लेखपालों की तैनाती कर अधीनस्थ प्रशासनिक कर्मचारियों को जलस्तर पर निगाह बनाने के लिए आदेश दिए गए हैं. चंबल नदी में स्ट्रीमर एवं नावों का संचालन पूरी तरह से बंद कराया गया है.


आगरा: जनपद के ब्लॉक पिनाहट क्षेत्र से सटी चंबल नदी में राजस्थान के कोटा बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया. प्रशासन ने नदी में उफान के चलते तटवर्ती इलाकों के गांव में अलर्ट जारी कर दिया है. वहीं, चंबल नदी का जलस्तर बढ़ने से ग्रामीणों में हड़कंप मच गया है. प्रशासन द्वारा बाढ़ नियंत्रित चौकियां स्थापित कर दी गई है. साथ ही लोगों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की अपील की गई है.

भारी बारिश के चलते मंगलवार को राजस्थान के कोटा बैराज से करीब 5 लाख क्यूसेक पानी चंबल नदी में छोड़ा गया है. जिसके कारण चंबल नदी में अचानक उफान आ गया है. जिससे चंबल के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ की स्थिति की संभावना है. मध्य प्रदेश और राजस्थान में हो रही भारी बारिश के चलते मंदसौर के गांधी सागर बांध, राजस्थान के राणा प्रताप बांध, जवाहर सागर बांध में जलस्तर बढ़ गया है. जिससे कोटा बैराज बांध से भारी मात्रा में पानी को डिस्चार्ज किया गया है. वहीं, मध्यप्रदेश और राजस्थान की चंबल में गिरने वाली छोटी नदियों पूनम, पार्वती, कालीसिंध, बनास ,शिप्रा, सिवान, रेतम, में उफान का पूरा पानी चंबल नदी में गिरने से तेज बहाब हो गया है. जिससे धौलपुर में चंबल नदी खतरे के निशान तक पहुंच गई है.

बुधवार शाम तक पिनाहट घाट पर 124 मीटर तक जलस्तर नदी का पहुंच गया, जो लगातार 130 मीटर खतरे के निशान की तरफ बढ़ रहा है. इसे लेकर राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश प्रशासन अलर्ट हो गया है. प्रशासन के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा चंबल के तटवर्ती इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही लोगों को चंबल किनारे न जाने की अपील की गई है. चंबल नदी के बढ़ते हुए जल स्तर को लेकर पिनाहट घाट स्थित चंबल नहर पंप हाउस की बिल्डिंग के ऊपरी गेट पर तत्काल दीवार खड़ी की गई है. ताकि मशीनों में पानी ना जा सके. फिलहाल नदी खतरे के निशान से 6 मीटर नीचे है.

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एसडीएम बाह रतन वर्मा ने चंबल क्षेत्र में नियंत्रित चौकी स्थापित की गई है. जिन पर लेखपालों की तैनाती कर अधीनस्थ प्रशासनिक कर्मचारियों को जलस्तर पर निगाह बनाने के लिए आदेश दिए गए हैं. चंबल नदी में स्ट्रीमर एवं नावों का संचालन पूरी तरह से बंद कराया गया है.


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