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आगरा की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत के मतदाताओं की पीड़ा

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का शंखनाद होने के बाद से जिले में संभावित प्रत्याशियों ने चुनावी पिच को लेकर फील्डिंग जमाना शुरू कर दिया है. इस बार राजनीतिक पार्टियों की सीधी दखल से इस बार चुनाव दिलचस्प हो गया है. सुनिए क्या कहते हैं ग्राम पंचायत धनौली के मतदाता...

सुनिए ग्रामीणों की क्या हैं समस्याएं
सुनिए ग्रामीणों की क्या हैं समस्याएं
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Published : Jan 28, 2021, 6:28 AM IST

आगरा: यूपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की रणभेरी बज गई है. गांव की सरकार के लिए संभावित उम्मीदवार अपनी जमीन तैयार करने में जुट गए हैं. नए परिसीमन से इस बार ग्राम पंचायतें कम हुई हैं. ईटीवी भारत ने आगरा जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत धनौली में विकास कार्यों की पड़ताल की, जिसमें जनता ने बताई विकास कार्यों की कहानी. ग्राम पंचायत की जलभराव की समस्या अब लोगों को पलायन के लिए मजबूर कर रही है.

यूपी पंचायत चुनाव को लेकर धनौली से ग्राउंड रिपोर्ट
आगरा जिला पंचायत अध्यक्ष वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष भाजपा के प्रबल प्रताप सिंह हैं. जिले में नए परिसीमन के बाद जिला पंचायत सदस्यों की संख्या जस की तस है. जिले में 51 जिला पंचायत सदस्य हैं. 690 ग्राम पंचायतें हैं.

सबसे बड़ी ग्राम पंचायत में 28990 मतदाता
आगरा ग्रामीण विधानसभा में आने वाली जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत धनौली है. नए परिसीमन के बाद भी इस ग्राम पंचायत में 28990 मतदाता हैं. यह ग्राम पंचायत शहर की सीमा से लगी है. यहां के वर्तमान प्रधान मोहन देवी हैं. वह पहले भी एक बार प्रधान रहीं हैं. इससे पहले मोहन देवी के बेटे अनिल प्रकाश यहीं से पूर्व प्रधान रहे हैं.
सड़क, बिजली और पानी की बेहतर व्यवस्था
ग्राम पंचायत धनौली में सड़क बिजली और पानी की बेहतर व्यवस्था है. शहर से सटी ग्राम पंचायत होने के नाते यहां पर सड़कें भी सही बनी हैं. बिजली भी खूब आती है. पेयजल को लेकर भी किल्लत नहीं है. यहां का भूजल मीठा होने की वजह से लोगों के घर में हैंडपंप और सबमर्सेबल भी लगे हुए हैं.
जलभराव की पहाड़ जैसी पीड़ा
करीब 20 साल से धनौली ग्राम पंचायत में सबसे बड़ी समस्या जलभराव की है. जलभराव के चलते तमाम लोग अपने आशियाने को छोड़कर भी चले गए हैं. जब भी नाला ओवरफ्लो होता है, वैसे ही गंदा पानी घरों में घुस जाता है. सड़कें और गलियां लबालब हो जाती हैं. हालात ऐसे होते हैं नई सड़क भी नाला ओवरफ्लो होने के बाद दलदल में बदल जाती है. जलभराव की समस्या को लेकर यहां की जनता ही नहीं ग्राम प्रधान भी परेशान हैं. लोगों ने जलभराव को लेकर आंदोलन किया. जिम्मेदार अधिकारियों से अपनी जलभराव की पीड़ा के समाधान के लिए गुहार लगाई. मगर, समस्या जस की तस है. क्योंकि यह काम जिला पंचायत या जिला प्रशासन के जरिए कराया जाना है. लेकिन, अधिकारी इस ओर ध्यान ही नहीं देते हैं.
शिकायत पर सुनवाई नहीं
ग्रामीण महिला अयोध्या देवी का कहना है कि, नाली की वजह से नालियों का पानी गलियों में बह रहा है. यहां से निकलने पर बच्चे गंदे पानी में गिर जाते हैं. बहुत हालत खराब है. शिकायत लेकर जाते हैं. लेकिन समाधान नहीं हो रहा है. ग्रामीण महिला गुड्डी देवी का कहना है कि नालियों की सफाई और जलभराव को लेकर कई बार ग्राम प्रधान से भी शिकायत की मगर कोई यहां सफाई करने नहीं आया है और इस वजह से गली में बह रहे गंदे पानी में बच्चे गिर कर चोटिल भी हो रहे हैं.
पानी ने करा दिया पलायन
ग्रामीण महिला शिवदेवी का कहना है कि जलभराव की समस्या के चलते सड़कों को ऊंचा करा दिया गया है. गलियां भी ऊंची कर दी है, लेकिन जब नाला बंद होता है तो नालियां ओवरफ्लो हो जाती हैं और गंदा पानी घरों में घुस जाता है. इस वजह से कई लोग अपने घरों को छोड़ कर चले गए हैं. ग्रामीण सतीश का कहना है कि गांव का और नगर निगम की सीमा के क्षेत्र का पानी नाले के जरिए इस तालाब में आता है. इस तालाब से पानी के निकास की कोई व्यवस्था नहीं है. इस वजह से तालाब के आसपास के घरों में पानी भर गया है. लोग अपने घरों को छोड़कर यहां से चले गए हैं.
डीएम भी नहीं करते सुनवाई
ग्रामीण थोलूराम का कहना है कि गंदा नालियों में भरे रहने से बहुत बीमारियां हो रही हैं. इस नाले और गंदे पानी के जलभराव को लेकर तमाम बार जिला अधिकारी से शिकायत की. अपनी समस्या के समाधान के लिए पत्र दिए. जिलाधिकारी भी हमारी समस्या का समाधान नहीं कर रहे हैं ना ही हमारी शिकायत पर कोई सुनवाई हो रही है. अधिकारी आते हैं और देख कर के चले जाते हैं. ग्रामीण कालीचरण का कहना है कि गंदगी की वजह से यहां मच्छरों की भरमार है. ऐसी सर्दी में भी ऐसे हालात हैं कि, रजाई से मुंह निकालने के बाद मच्छर सोने नहीं देते हैं. बच्चों को काट लेते हैं. क्षेत्र में बच्चे और बुजुर्ग मच्छरों की वजह से बीमार भी हो रहे हैं.
अधिकारी सुनते नहीं, अधूरा पड़ा है नाला
ग्राम प्रधान मोहन देवी का कहना है कि, पांच साल में 11.50 करोड़ रुपये का काम ग्राम पंचायत में कराया गया है, जिसमें सड़क, खड़ंजा, नालियां सहित अन्य तमाम काम शामिल हैं. लेकिन, नाले का काम आगे अधूरा पड़ा है. इस वजह से जलभराव की समस्या से सभी जूझ रहे हैं. अधिकारियों को कई बार इस बारे में बता दिया. अधिकारी मौके पर भी आए लेकिन इसका समाधान नहीं हो रहा है.
नगर निगम क्षेत्र का पानी आने से बिगड़े हालात
पूर्व प्रधान अनिल प्रकाश का कहना है कि अभी कुछ दिन पहले ही आगरा जिलाधिकारी ने क्षेत्र का भ्रमण किया था. उन्होंने नालों की सफाई कराई. लेकिन हमने कहा था कि नाले की सफाई से ज्यादा इसके आगे अधूरे पड़े काम को पूरा कराने की जरूरत है. इसके बाद ही इस जलभराव की समस्या का समाधान होगा. क्योंकि पहले तो इस ग्राम पंचायत के गांव का पानी है इधर आता था. लेकिन, अब नगर निगम का पानी आने से हालात ज्यादा खराब हुए हैं.

आगरा: यूपी में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की रणभेरी बज गई है. गांव की सरकार के लिए संभावित उम्मीदवार अपनी जमीन तैयार करने में जुट गए हैं. नए परिसीमन से इस बार ग्राम पंचायतें कम हुई हैं. ईटीवी भारत ने आगरा जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत धनौली में विकास कार्यों की पड़ताल की, जिसमें जनता ने बताई विकास कार्यों की कहानी. ग्राम पंचायत की जलभराव की समस्या अब लोगों को पलायन के लिए मजबूर कर रही है.

यूपी पंचायत चुनाव को लेकर धनौली से ग्राउंड रिपोर्ट
आगरा जिला पंचायत अध्यक्ष वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष भाजपा के प्रबल प्रताप सिंह हैं. जिले में नए परिसीमन के बाद जिला पंचायत सदस्यों की संख्या जस की तस है. जिले में 51 जिला पंचायत सदस्य हैं. 690 ग्राम पंचायतें हैं.

सबसे बड़ी ग्राम पंचायत में 28990 मतदाता
आगरा ग्रामीण विधानसभा में आने वाली जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत धनौली है. नए परिसीमन के बाद भी इस ग्राम पंचायत में 28990 मतदाता हैं. यह ग्राम पंचायत शहर की सीमा से लगी है. यहां के वर्तमान प्रधान मोहन देवी हैं. वह पहले भी एक बार प्रधान रहीं हैं. इससे पहले मोहन देवी के बेटे अनिल प्रकाश यहीं से पूर्व प्रधान रहे हैं.
सड़क, बिजली और पानी की बेहतर व्यवस्था
ग्राम पंचायत धनौली में सड़क बिजली और पानी की बेहतर व्यवस्था है. शहर से सटी ग्राम पंचायत होने के नाते यहां पर सड़कें भी सही बनी हैं. बिजली भी खूब आती है. पेयजल को लेकर भी किल्लत नहीं है. यहां का भूजल मीठा होने की वजह से लोगों के घर में हैंडपंप और सबमर्सेबल भी लगे हुए हैं.
जलभराव की पहाड़ जैसी पीड़ा
करीब 20 साल से धनौली ग्राम पंचायत में सबसे बड़ी समस्या जलभराव की है. जलभराव के चलते तमाम लोग अपने आशियाने को छोड़कर भी चले गए हैं. जब भी नाला ओवरफ्लो होता है, वैसे ही गंदा पानी घरों में घुस जाता है. सड़कें और गलियां लबालब हो जाती हैं. हालात ऐसे होते हैं नई सड़क भी नाला ओवरफ्लो होने के बाद दलदल में बदल जाती है. जलभराव की समस्या को लेकर यहां की जनता ही नहीं ग्राम प्रधान भी परेशान हैं. लोगों ने जलभराव को लेकर आंदोलन किया. जिम्मेदार अधिकारियों से अपनी जलभराव की पीड़ा के समाधान के लिए गुहार लगाई. मगर, समस्या जस की तस है. क्योंकि यह काम जिला पंचायत या जिला प्रशासन के जरिए कराया जाना है. लेकिन, अधिकारी इस ओर ध्यान ही नहीं देते हैं.
शिकायत पर सुनवाई नहीं
ग्रामीण महिला अयोध्या देवी का कहना है कि, नाली की वजह से नालियों का पानी गलियों में बह रहा है. यहां से निकलने पर बच्चे गंदे पानी में गिर जाते हैं. बहुत हालत खराब है. शिकायत लेकर जाते हैं. लेकिन समाधान नहीं हो रहा है. ग्रामीण महिला गुड्डी देवी का कहना है कि नालियों की सफाई और जलभराव को लेकर कई बार ग्राम प्रधान से भी शिकायत की मगर कोई यहां सफाई करने नहीं आया है और इस वजह से गली में बह रहे गंदे पानी में बच्चे गिर कर चोटिल भी हो रहे हैं.
पानी ने करा दिया पलायन
ग्रामीण महिला शिवदेवी का कहना है कि जलभराव की समस्या के चलते सड़कों को ऊंचा करा दिया गया है. गलियां भी ऊंची कर दी है, लेकिन जब नाला बंद होता है तो नालियां ओवरफ्लो हो जाती हैं और गंदा पानी घरों में घुस जाता है. इस वजह से कई लोग अपने घरों को छोड़ कर चले गए हैं. ग्रामीण सतीश का कहना है कि गांव का और नगर निगम की सीमा के क्षेत्र का पानी नाले के जरिए इस तालाब में आता है. इस तालाब से पानी के निकास की कोई व्यवस्था नहीं है. इस वजह से तालाब के आसपास के घरों में पानी भर गया है. लोग अपने घरों को छोड़कर यहां से चले गए हैं.
डीएम भी नहीं करते सुनवाई
ग्रामीण थोलूराम का कहना है कि गंदा नालियों में भरे रहने से बहुत बीमारियां हो रही हैं. इस नाले और गंदे पानी के जलभराव को लेकर तमाम बार जिला अधिकारी से शिकायत की. अपनी समस्या के समाधान के लिए पत्र दिए. जिलाधिकारी भी हमारी समस्या का समाधान नहीं कर रहे हैं ना ही हमारी शिकायत पर कोई सुनवाई हो रही है. अधिकारी आते हैं और देख कर के चले जाते हैं. ग्रामीण कालीचरण का कहना है कि गंदगी की वजह से यहां मच्छरों की भरमार है. ऐसी सर्दी में भी ऐसे हालात हैं कि, रजाई से मुंह निकालने के बाद मच्छर सोने नहीं देते हैं. बच्चों को काट लेते हैं. क्षेत्र में बच्चे और बुजुर्ग मच्छरों की वजह से बीमार भी हो रहे हैं.
अधिकारी सुनते नहीं, अधूरा पड़ा है नाला
ग्राम प्रधान मोहन देवी का कहना है कि, पांच साल में 11.50 करोड़ रुपये का काम ग्राम पंचायत में कराया गया है, जिसमें सड़क, खड़ंजा, नालियां सहित अन्य तमाम काम शामिल हैं. लेकिन, नाले का काम आगे अधूरा पड़ा है. इस वजह से जलभराव की समस्या से सभी जूझ रहे हैं. अधिकारियों को कई बार इस बारे में बता दिया. अधिकारी मौके पर भी आए लेकिन इसका समाधान नहीं हो रहा है.
नगर निगम क्षेत्र का पानी आने से बिगड़े हालात
पूर्व प्रधान अनिल प्रकाश का कहना है कि अभी कुछ दिन पहले ही आगरा जिलाधिकारी ने क्षेत्र का भ्रमण किया था. उन्होंने नालों की सफाई कराई. लेकिन हमने कहा था कि नाले की सफाई से ज्यादा इसके आगे अधूरे पड़े काम को पूरा कराने की जरूरत है. इसके बाद ही इस जलभराव की समस्या का समाधान होगा. क्योंकि पहले तो इस ग्राम पंचायत के गांव का पानी है इधर आता था. लेकिन, अब नगर निगम का पानी आने से हालात ज्यादा खराब हुए हैं.
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