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लापरवाही की हदः शिक्षकों के न पहुंचने पर ग्रामीणों ने स्कूल में भरा अनाज, जानें पूरा मामला - आगरा में प्राथमकि विद्यालय

आगरा जिले में प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों का भविष्य खतरे में है. विद्यालय में अध्यापक पढ़ाने ही नहीं आते हैं. वहीं, ग्रामीण विद्यालय को अपनी प्रॉपर्टी समझ कर उसमें अनाज भर रहे हैं, पढ़िए पूरी खबर..

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गांव रघुवीर पुरा स्थित प्राथमिक विद्यालय
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Published : Jul 9, 2022, 9:32 PM IST

आगराः जिले के पिनहट ब्लॉक क्षेत्र में शिक्षा विभाग की लापरवाही देखनी को मिली है. सरकार ने विद्यालय की इमारत के निर्माण में लाखों रुपये खर्च किए हैं. साथ ही बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक तैनात किए हैं. लेकिन यहां शिक्षक सरकार से बच्चों को पढ़ाने के नाम पर वेतन तो ले रहे हैं, लेकिन विद्यालय नहीं पहुंच रहे हैं. वहीं, जहां बच्चों को बैठकर पढ़ाई करनी थी वहां पर किसान अपनी फसलों को रख रहे हैं. फिलहाल मामले की जानकारी ग्रामीणों ने शिकायती पत्र लिखकर उप जिलाधिकारी को दी है.

यह है पूरा मामला

दरअसल, ब्लॉक पिनाहट की ग्राम पंचायत उमरैठा के उप गांव रघुवीर पुरा स्थित प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षक विद्यालय के बच्चों को कभी कभार ही पढ़ाने पहुंचते हैं. लेकिन विद्यालय बंद होने के कारण और शिक्षक नहीं पहुंचने के चलते कुछ ग्रामीणों ने विद्यालय को अपने रख-रखाव के लिए जरूर इस्तेमाल किया है. ग्रामीणों ने विद्यालय में अपनी मक्का की फसल स्कूल के सभी कमरों में भर दी. जिससे स्कूल में पठन-पाठन का काम अपने आप ही बंद पड़ा हुआ है.

गांव के निवासी शैलेश ने उपजिलाधिकारी बाह रतन वर्मा से शनिवार को प्रार्थना पत्र देकर शिकायत की. उन्होंने आरोप लगाया कि गांव के ही महेन्द्र सिंह, पप्पू और दिलीप ने अपनी मक्का की फसल को सरकारी स्कूल के सभी कमरों में फैलाकर भर दिया है. जिससे स्कूल में बच्चों की पढ़ाई का काम बंद पड़ा है. वहीं, शिक्षक इस मामले पर कोई भी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. कई दिनों से स्कूल में मक्के की फसल सूखने को कमरों मे भरी पड़ी है और शिक्षा विभाग की इतनी बड़ी लापरवाही से कोई फर्क नहीं पड़ा.

पढ़ेंः नगर पालिका चेयरमैन ने नौकर के नाम फर्जी कंपनी बनाकर किया करोड़ों का घोटाला, RTI से हुआ खुलासा

ग्रामीणों की माने तो स्कूल का प्रधानाध्यापक और शिक्षक-शिक्षिकाएं कभी-कभार ही स्कूल पहुंचते हैं. बाकी दिनों में स्कूल बंद पड़ा रहता है. जिसके कारण ग्रामीणों ने उसे अपना भंडारण स्थान बना लिया है. वहीं, शिक्षकों की लापरवाही के चलते गांव के बच्चों का भविष्य अंधकार में है. ग्रामीणों की माने तो स्कूल में मिड-डे-मील बनता ही नहीं जिसका पूरा खाका कागजों में ही शिक्षक तैयार कर देते हैं. देखा जाए तो शिक्षा विभाग की यह लापरवाही है. ग्रामीणों में भारी आक्रोश है. ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों से शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने एवं स्कूल परिसर से ग्रामीणों के अनाज फसल को उठाए जाने की मांग की है.

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आगराः जिले के पिनहट ब्लॉक क्षेत्र में शिक्षा विभाग की लापरवाही देखनी को मिली है. सरकार ने विद्यालय की इमारत के निर्माण में लाखों रुपये खर्च किए हैं. साथ ही बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक तैनात किए हैं. लेकिन यहां शिक्षक सरकार से बच्चों को पढ़ाने के नाम पर वेतन तो ले रहे हैं, लेकिन विद्यालय नहीं पहुंच रहे हैं. वहीं, जहां बच्चों को बैठकर पढ़ाई करनी थी वहां पर किसान अपनी फसलों को रख रहे हैं. फिलहाल मामले की जानकारी ग्रामीणों ने शिकायती पत्र लिखकर उप जिलाधिकारी को दी है.

यह है पूरा मामला

दरअसल, ब्लॉक पिनाहट की ग्राम पंचायत उमरैठा के उप गांव रघुवीर पुरा स्थित प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षक विद्यालय के बच्चों को कभी कभार ही पढ़ाने पहुंचते हैं. लेकिन विद्यालय बंद होने के कारण और शिक्षक नहीं पहुंचने के चलते कुछ ग्रामीणों ने विद्यालय को अपने रख-रखाव के लिए जरूर इस्तेमाल किया है. ग्रामीणों ने विद्यालय में अपनी मक्का की फसल स्कूल के सभी कमरों में भर दी. जिससे स्कूल में पठन-पाठन का काम अपने आप ही बंद पड़ा हुआ है.

गांव के निवासी शैलेश ने उपजिलाधिकारी बाह रतन वर्मा से शनिवार को प्रार्थना पत्र देकर शिकायत की. उन्होंने आरोप लगाया कि गांव के ही महेन्द्र सिंह, पप्पू और दिलीप ने अपनी मक्का की फसल को सरकारी स्कूल के सभी कमरों में फैलाकर भर दिया है. जिससे स्कूल में बच्चों की पढ़ाई का काम बंद पड़ा है. वहीं, शिक्षक इस मामले पर कोई भी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. कई दिनों से स्कूल में मक्के की फसल सूखने को कमरों मे भरी पड़ी है और शिक्षा विभाग की इतनी बड़ी लापरवाही से कोई फर्क नहीं पड़ा.

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ग्रामीणों की माने तो स्कूल का प्रधानाध्यापक और शिक्षक-शिक्षिकाएं कभी-कभार ही स्कूल पहुंचते हैं. बाकी दिनों में स्कूल बंद पड़ा रहता है. जिसके कारण ग्रामीणों ने उसे अपना भंडारण स्थान बना लिया है. वहीं, शिक्षकों की लापरवाही के चलते गांव के बच्चों का भविष्य अंधकार में है. ग्रामीणों की माने तो स्कूल में मिड-डे-मील बनता ही नहीं जिसका पूरा खाका कागजों में ही शिक्षक तैयार कर देते हैं. देखा जाए तो शिक्षा विभाग की यह लापरवाही है. ग्रामीणों में भारी आक्रोश है. ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों से शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने एवं स्कूल परिसर से ग्रामीणों के अनाज फसल को उठाए जाने की मांग की है.

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