आगरा: डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (Dr. Bhimrao Ambedkar University) के पूर्व कुलपति प्रो. अशोक कुमार मित्तल की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. भ्रष्टाचार के आरोप में फंसे प्रो. अशोक कुमार मित्तल (EX VC Prof Ashok Mittal), तीन प्रोफेसर और एक को-ऑर्डिनेटर के खिलाफ विजिलेंस ने जांच शुरू कर दी है. इस बारे में विजिलेंस के आईओ ने कुलसचिव को एक पत्र भेजा है. इसके साथ ही जांच के संबंध में विश्वविद्यालय से तमाम अभिलेख, पत्रावलियां और नियमावलियां मांगी हैं. कुलसचिव से सात दिन में सभी जानकारी भेजने को कहा है.
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय में तमाम नियुक्तियों, कई सत्रों के प्रवेश, परीक्षा और परिणाम संबंधी मामलों की विजिलेंस जांच शुरू हो गई है. इसके साथ ही कई पुराने मामले शामिल हैं. इसमें तीन प्रोफेसरों की नियुक्ति और आंबेडकर चेयर के समन्वयक भी जांच के दायरे में हैं. इनके अलावा विधि परीक्षाओं की फीस संबंधी मामले की पड़ताल भी की जा रही है. इसके अलावा विजिलेंस जांच के दायरे में कई कॉलेजों को परीक्षा केंद्र बनाने का मामला भी शामिल है. विजिलेंस ने भ्रष्टाचार को लेकर विशेष रूप से पूर्व कुलपति प्रो. अशोक कुमार मित्तल की सेवा शुरू होने से लेकर अंतिम कार्यकाल तक की सभी पत्रावलियां तलब की हैं.
इस मामले में पुलिस अधीक्षक (सतर्कता) आगरा ने निरीक्षक धर्मवीर सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त किया है. एसपी विजिलेंस ने कुलसचिव से जांच कराने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्ति करने को लेकर पत्र लिखा है. इसके साथ ही नोडल अधिकारी का नाम, पता मोबाइल नंबर जैसी सभी जानकारियां सात दिनों के अंदर उपलब्ध कराने को कहा गया है.
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इन बिंदुओं पर होगी जांच
- सन् 2018-19 में एलएलएम के छात्रों प्रवेश संबंधित पत्रावलियां.
- सन् 2018-19 में एलएलएम के छात्रों की फीस का विवरण, उपस्थित रजिस्टर, डिग्री संबंधी दस्तावेज, 13 लाख रुपये के भुगतान के दस्तावेज.
- सन् 2020-21 में 103 अतिथि प्रवक्ताओं की नियुक्ति.
- सन 2019 में चार कॉलेजों को परीक्षा केंद्र बनाए जाने के दस्तावेजों की जांच.
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