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यूपी इलेक्शन के दौरान यात्रा करना पड़ सकता है भारी, सफर से पहले कर लें ये इंतजाम - agra interstate bus stand

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) के चलते आगरा में हुई बसों और टैक्सियों की कमी. चुनाव सम्पन्न कराने के लिए चुनाव आयोग ने आगरा की 500 में से 250 बसें की अधिग्रहीत. सफर के लिए यात्रियों को झेलना पड़ रहा है महंगा किराया.

यूपी इलेक्शन
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Published : Feb 6, 2022, 2:22 PM IST

आगराः यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) के चलते ताजनगरी आगरा में बसों और टैक्सियों की कमी हो गई है. दरअसल बसों और टैक्सियों के साथ ही ट्रैवल्स के लग्जरी सवारी वाहनों को भी चुनाव ड्यूटी के लिए लगाया जा रहा है. 11 फरवरी तक इसका असर आम जनता पर पड़ेगा. सफर करने के लिए ट्रेन सही ऑप्शन है. वहीं, बस का सफर करना है तो पहले ही ऑनलाइन टिकट करवा लेना सही रहेगा.

चुनाव सम्पन्न कराने के लिए आयोग ने आगरा की 500 में से 250 बसें अधिग्रहीत कर ली हैं. इसके साथ ही 500 से ज्यादा ओला और उबर आदि कंपनियों की टैक्सियां, स्कूल वाहन आदि भी चुनाव ड्यूटी में लगा दिए गए हैं. ट्रेवल्स की प्राइवेट गाड़ियां भी चुनाव के लिए इस्तेमाल की जानी हैं.

यूपी विधानसभा चुनाव 2022

यह भी पढ़ें- बसंत पंचमी 2022: कथक कलाकारों ने दी पंडित बिरजू महाराज को श्रद्धांजलि


बस अड्डों पर आधी से ज्यादा बसें कम होने से लोगों को कई घंटों तक बसों का इंतजार करना पड़ रहा है. जो बसें बाहर से चल रही हैं वो डीलक्स कैटेगिरी से कम की नहीं हैं और उनका किराया साधारण से ज्यादा है. ऐसे में यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है. प्राइवेट टैक्सियां मिलना मुश्किल हो गयी हैं और जो मिल रही हैं, उनके लिए लोगों को अधिक दाम चुकाने पड़ रहे हैं.

रोडवेज लेखाधिकारी रवि मेहरोत्रा ने बताया कि बाहर से बसों की व्यवस्था की गई हैं. जानकारी का अभाव होने की वजह से लोग परेशान हैं. वहीं, आगरा के सबसे बड़े अन्तर्राज्यीय बस अड्डे (आईएसबीटी) पर यात्री अभाव की वजह से बस अड्डे पर ही रात गुजारने को मजबूर हैं. यात्रियों का कहना है कि बस अड्डे से किसी भी प्रकार की कोई सूचना नहीं मिल पा रही है. बसों का कोई टाइमटेबल भी बस स्टॉप पर मौजूद नहीं है. जिसके कारण अन्य राज्यों में जाने के लिए कई यात्री छोटे-छोटे जिलों से यहां आकर बस बदलते हैं. 250 से अधिक बसों को चुनाव में लगा दिया गया है.

बस स्टैंड पर बसों का इंतजार करने वाले यात्रियों का कहना है कि बसों की उपलब्धता न होने पर हम प्राइवेट वाहन मालिकों से संपर्क कर रहे हैं. प्राइवेट वाहन मालिक दोगुना किराया वसूल रहे हैं. जिसके कारण हमें अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए महंगा किराया झेलना पड़ रहा है. ऐसे में आम यात्री की समस्या का समाधान कौन करेगा? इसकी जिम्मेदारी लेने के लिए कोई अधिकारी तैयार नहीं.

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आगराः यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) के चलते ताजनगरी आगरा में बसों और टैक्सियों की कमी हो गई है. दरअसल बसों और टैक्सियों के साथ ही ट्रैवल्स के लग्जरी सवारी वाहनों को भी चुनाव ड्यूटी के लिए लगाया जा रहा है. 11 फरवरी तक इसका असर आम जनता पर पड़ेगा. सफर करने के लिए ट्रेन सही ऑप्शन है. वहीं, बस का सफर करना है तो पहले ही ऑनलाइन टिकट करवा लेना सही रहेगा.

चुनाव सम्पन्न कराने के लिए आयोग ने आगरा की 500 में से 250 बसें अधिग्रहीत कर ली हैं. इसके साथ ही 500 से ज्यादा ओला और उबर आदि कंपनियों की टैक्सियां, स्कूल वाहन आदि भी चुनाव ड्यूटी में लगा दिए गए हैं. ट्रेवल्स की प्राइवेट गाड़ियां भी चुनाव के लिए इस्तेमाल की जानी हैं.

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बस अड्डों पर आधी से ज्यादा बसें कम होने से लोगों को कई घंटों तक बसों का इंतजार करना पड़ रहा है. जो बसें बाहर से चल रही हैं वो डीलक्स कैटेगिरी से कम की नहीं हैं और उनका किराया साधारण से ज्यादा है. ऐसे में यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है. प्राइवेट टैक्सियां मिलना मुश्किल हो गयी हैं और जो मिल रही हैं, उनके लिए लोगों को अधिक दाम चुकाने पड़ रहे हैं.

रोडवेज लेखाधिकारी रवि मेहरोत्रा ने बताया कि बाहर से बसों की व्यवस्था की गई हैं. जानकारी का अभाव होने की वजह से लोग परेशान हैं. वहीं, आगरा के सबसे बड़े अन्तर्राज्यीय बस अड्डे (आईएसबीटी) पर यात्री अभाव की वजह से बस अड्डे पर ही रात गुजारने को मजबूर हैं. यात्रियों का कहना है कि बस अड्डे से किसी भी प्रकार की कोई सूचना नहीं मिल पा रही है. बसों का कोई टाइमटेबल भी बस स्टॉप पर मौजूद नहीं है. जिसके कारण अन्य राज्यों में जाने के लिए कई यात्री छोटे-छोटे जिलों से यहां आकर बस बदलते हैं. 250 से अधिक बसों को चुनाव में लगा दिया गया है.

बस स्टैंड पर बसों का इंतजार करने वाले यात्रियों का कहना है कि बसों की उपलब्धता न होने पर हम प्राइवेट वाहन मालिकों से संपर्क कर रहे हैं. प्राइवेट वाहन मालिक दोगुना किराया वसूल रहे हैं. जिसके कारण हमें अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए महंगा किराया झेलना पड़ रहा है. ऐसे में आम यात्री की समस्या का समाधान कौन करेगा? इसकी जिम्मेदारी लेने के लिए कोई अधिकारी तैयार नहीं.

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