आगरा: आगरा वायु सेना स्टेशन पर दूसरे दिन मंगलवार को आसियान समन्वय-2022 (ASEAN Coordination-2022) में मुख्य अतिथि के तौर पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह पहुंचे. संगोष्ठी 'समन्वय-2022' में आपदा के दौरान बचाव का अभ्यास, हवाई उड़ानों का प्रदर्शन और विभिन्न एजेंसियों के बीच तालमेल का अभ्यास किया गया.
दरअसल, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) दोपहर करीब दो बजे आगरा वायु सेना स्टेशन पहुंचे. उनके सामने आसमान में फाइटर प्लेन सुखोई गरजा और फिर आईएल 76 यानी रिफ्यूलर ने हवा में उड़ते दो फाइटर प्लेन सुखोई में ईंधन दिया. साथ ही मालवाहक विमान सी 70 ने आपदा राहत और बचाव कार्य में एनडीआरएफ और अन्य टीमों को आपदा की जगह पर पहुंचाया. फिर राहत कार्य पूरा किया गया. इसके अलावा एएन-32, चिनूक हेलीकॉप्टर, प्रचंड लाइट कॉमबैट हेलीकॉप्टर के साथ भारतीय नौसेना का सर्विलांस हेलीकॉप्टर डॉनियर ने भी हवा में करतब दिखाए.
बता दें कि, दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन (Association of South East Asian Nations) (आसियान) का समन्वय-2022 का अभ्यास आगरा वायु सेना स्टेशन में सोमवार से शुरू हुआ है. पहले दिन महत्वपूर्ण बैठकें हुई हैं. आसियान समन्वय-2022 में आसियान देशों के प्रतिनिधि, सशस्त्र बल और अन्य एजेंसियों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. इसका उद्देश्य आसियान देशों के साथ विभिन्न विषयों में विशेषज्ञता, अनुभव और श्रेष्ठ व्यवहारों का आदान-प्रदान करना है.
समन्वय -2022 के मुख्य अतिथि रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि आपदा कभी देश में कहकर नहीं आती है. बीते सालों में भारत तेजी से प्रगति के पथ पर अग्रसर है. आज भूकंप, सुनामी अन्य प्राकृतिक आपदाओं से राहत और बचाव कार्य में पूरी तरह सक्षम है. इसके साथ ही भारत अपने साथी मित्र देशों की हर आपदा और असुविधा के दौरान सहयोग मेंअहम भूमिका निभा रहा है और आगे भी निभाता रहेगा. उन्होंने कहा कि सन् 2015 की बात है, जब यमन में 40 भारतीय नागरिकों को आपदा राहत कार्य से सुरक्षित निकाला था. इसके अलावा श्रीलंका, इंडोनेशिया व अन्य देशों में भी आपदा की स्थिति मेंभारत ने सभी मित्र देशों में मदद पहुंचाई.
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हम सभी को आपदाओं के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए. आपदाएं कभी बताकर नहीं आती हैं. आपदा में किसी भी देश किसी भी भूभाग में बड़े पैमाने पर जन हानि पहुंचती है. लेकिन हमारी तैयारियां यदि पहले से होंगी तो जनहानि को रोका जा सकता है. इंडो ओसियन का नाम हमारे देश के नाम पर है. विश्व में आपदा में सभी की मदद में अहम भूमिका निभाएगा.
समन्वय-2022 के जरिए संयुक्त रूप से आपदा के समय जिंदगियों को बचाने का अभ्यास किया जा रहा है, जिसमें नागरिक प्रशासन, सशस्त्र बल, राष्ट्रीय आपदा प्राधिकरण (एचएडीआर), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और नागरिक सुरक्षा, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ), सीमा सड़क संगठन (बीआरओ), भारत मौसम विज्ञान विभाग, भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र के अधिकारी और विशेषज्ञ शामिल हैं. इसके साथ ही आगरा वायु सेना स्टेशन परिसर में विमानों सहित अन्य एजेंसियों के उपकरणों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी.
यह विमान रहे करतब में शामिल
ज्वाइंट एक्सरसाइज में वायु सेना के सी-17 ग्लोबमास्टर, आईएल- 76, सी वन- 30 मालवाहक विमान हैं. इसके साथ एएन-32, सुखोई-30 फाइटर प्लेन, चिनूक हेलीकॉप्टर, प्रचंड लाइट कॉमबैट हेलीकॉप्टर के साथ भारतीय नौसेना का सर्विलांस हेलीकॉप्टर डॉनियर ने भी हवा में करतब दिखाए.
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