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राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की पहल, गोद लिए जाएंगे क्षय रोग से ग्रस्त किशोर

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 2025 तक टीबी मुक्त भारत मिशन को लेकर एक नई पहल की है. सामाजिक संगठन, औद्योगिक राजघराने और अन्य लोगों को मोटिवेट करके उन्होंने टीबी से पीड़ित किशोर मरीजों को गोद लेने की बात कही है.

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Published : Aug 21, 2019, 7:38 AM IST

Updated : Aug 21, 2019, 8:08 AM IST

आनंदीबेन पटेल (फाइल फोटो)

आगरा: 14 अगस्त को राजभवन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की बैठक हुई थी, जिसमें उन्होंने विभाग के अधिकारियों से अपील की थी कि 18 साल से कम उम्र के टीबी मरीजों को सामाजिक संगठन, रेड क्रॉस सोसायटी, टीबी एसोसिएशन द्वारा गोद लेने के लिए प्रेरित करें.

क्षय रोग अधिकारी से बातचीत करते संवाददाता.

क्षय रोग को लेकर राज्यपाल की पहल-

  • आगरा में टीबी के करीब 18 हजार मरीज हैं.
  • सरकारी अस्पताल में 12 हजार टीबी के मरीजों का उपचार चल रहा है.
  • छह हजार मरीज निजी क्लीनिक से टीबी का उपचार करा रहे हैं.
  • जिले में टीबी के उपचार की 20 यूनिट हैं और 806 डॉट सेंटर हैं.
  • चिकित्सा विभाग की ओर से लगातार टीवी के उपचार के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं.
  • चिकित्सा विभाग ने डाक विभाग के साथ टीबी के मरीजों के सैंपल कलेक्ट करके जांच सेंटर तक पहुंचाने के लिए हाथ मिलाया और अभियान भी सफल चल रहा है.
  • राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि 18 साल से कम उम्र के टीबी मरीजों को गोद लिया जाय.
  • उन्होंने सामाजिक संगठन और औद्योगिक राजघराना के लोगों से संपर्क करना शुरू कर दिया है.
  • चिकित्सा विभाग ने सभी जिलों के जिला क्षय रोग अधिकारी को निर्देश दिए हैं.


राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने एक पहल शुरू की है, जिसका पत्र भी विभाग से मिल गया है. हमने निर्देश को लेकर तैयारी शुरू कर दी है. टीबी के किशोर मरीजों की एक फाइल बना ली है. जिले के सामाजिक संगठन, रेड क्रॉस सोसायटी, टीबी एसोसिएशन, औद्योगिक राजघराने और अन्य लोगों से बातचीत करके 18 साल से कम उम्र वाले टीबी पीड़ित मरीजों को गोद दिया जाएगा. जिलाधिकारी के सहयोग से और चिकित्सा विभाग के सहयोग से इसे पूरा किया जाएगा.
-डॉ. यूबी सिंह, क्षय रोग अधिकारी

आगरा: 14 अगस्त को राजभवन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की बैठक हुई थी, जिसमें उन्होंने विभाग के अधिकारियों से अपील की थी कि 18 साल से कम उम्र के टीबी मरीजों को सामाजिक संगठन, रेड क्रॉस सोसायटी, टीबी एसोसिएशन द्वारा गोद लेने के लिए प्रेरित करें.

क्षय रोग अधिकारी से बातचीत करते संवाददाता.

क्षय रोग को लेकर राज्यपाल की पहल-

  • आगरा में टीबी के करीब 18 हजार मरीज हैं.
  • सरकारी अस्पताल में 12 हजार टीबी के मरीजों का उपचार चल रहा है.
  • छह हजार मरीज निजी क्लीनिक से टीबी का उपचार करा रहे हैं.
  • जिले में टीबी के उपचार की 20 यूनिट हैं और 806 डॉट सेंटर हैं.
  • चिकित्सा विभाग की ओर से लगातार टीवी के उपचार के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं.
  • चिकित्सा विभाग ने डाक विभाग के साथ टीबी के मरीजों के सैंपल कलेक्ट करके जांच सेंटर तक पहुंचाने के लिए हाथ मिलाया और अभियान भी सफल चल रहा है.
  • राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि 18 साल से कम उम्र के टीबी मरीजों को गोद लिया जाय.
  • उन्होंने सामाजिक संगठन और औद्योगिक राजघराना के लोगों से संपर्क करना शुरू कर दिया है.
  • चिकित्सा विभाग ने सभी जिलों के जिला क्षय रोग अधिकारी को निर्देश दिए हैं.


राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने एक पहल शुरू की है, जिसका पत्र भी विभाग से मिल गया है. हमने निर्देश को लेकर तैयारी शुरू कर दी है. टीबी के किशोर मरीजों की एक फाइल बना ली है. जिले के सामाजिक संगठन, रेड क्रॉस सोसायटी, टीबी एसोसिएशन, औद्योगिक राजघराने और अन्य लोगों से बातचीत करके 18 साल से कम उम्र वाले टीबी पीड़ित मरीजों को गोद दिया जाएगा. जिलाधिकारी के सहयोग से और चिकित्सा विभाग के सहयोग से इसे पूरा किया जाएगा.
-डॉ. यूबी सिंह, क्षय रोग अधिकारी

Intro:आगरा.
टीबी एक ऐसी बीमारी है, जिसका नाम सुनते ही लोगों को टेंशन हो जाती है. मगर इसका उपचार लिया जाए तो मरीज पूरी तरह से ठीक भी हो जाता है. 2025 तक टीबी मुक्त भारत मिशन को लेकर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने एक नई पहल की है. जिससे टीबी पीड़ित मरीजों की पोषण आहार के लिए आर्थिक मदद की जा सके. चिकित्सा विभाग ने सभी जिलों के जिला क्षय रोग अधिकारी को निर्देश दिए हैं. जिसके तहत जिला क्षय रोग अधिकारी को जिलाधिकारी के साथ मिलकर सामाजिक संगठन, औद्योगिक राजघराने और अन्य लोगों को मोटिवेट करके करके टीबी से पीड़ित किशोर मरीजों को गोद दिए जाए. जिले में चिकित्सा विभाग ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की पहल को अमलीजामा पहनाने के लिए सामाजिक संगठन और औद्योगिक राजघराना के लोगों से संपर्क करना शुरू कर दिया है.


Body:आगरा में टीबी के करीब 18 हजार मरीज हैं. सरकारी अस्पताल में 12 हजार टीबी के मरीजों का उपचार चल रहा है. छह हजार मरीज निजी क्लीनिक से टीबी का उपचार ले रहे हैं. जिले में टीबी के उपचार की 20 यूनिट हैं. और 806 डॉट सेंटर है.
लगातार चिकित्सा विभाग की ओर से टीवी के मरीजों के की खोज और उपचार के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं. हाल में ही चिकित्सा विभाग में डाक विभाग के साथ टीबी के मरीजों के सैंपल कलेक्शन करने और सैंपल को जांच सेंटर तक पहुंचाने के लिए हाथ मिलाया. यह अभियान भी सफल चल रहा है.

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. यूबी सिंह ने बताया कि, महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने एक पहल शुरू की है. जिसका पत्र भी विभाग से मिल गया है. हमने निर्देश को लेकर तैयारी शुरू कर दी है. टीबी के किशोर मरीजों की एक फाइल बना ली है. जिले के सामाजिक संगठन, रेड क्रॉस सोसायटी, टीबी एसोसिएशन, औद्योगिक राजघराने और अन्य लोगों से बातचीत करके 18 साल से कम उम्र वाले टीबी पीड़ित मरीजों को गोद दिया जाएगा.जिलाधिकारी के सहयोग से चिकित्सा विभाग के सहयोग से पूरा करेगा. यह हमें निर्देश मिले हैं.

यह हैं लक्षण
- दो सप्ताह पुरानी खांसी।
-तेज बुखार आना है।
- खांसी के साथ बलगम आना।
- बलगम में खून आना ।
- सर्दी में पसीना आना।
- सांस उखड़ना ।
-सांस लेने में तकलीफ होना।





Conclusion:लखनऊ में गत 14 अगस्त को राजभवन में अगस्त राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की बैठक हुई थी. जिसमें राज्यपाल आनंदीबेन ने चिकित्सा विभाग के अधिकारियों से अपील की कि 18 साल से कम उम्र वाले टीबी के मरीजों को सामाजिक संगठन, रेड क्रॉस सोसायटी, टीबी एसोसिएशन द्वारा गोद लेने के लिए प्रेरित करें.

...।।।।
डॉ. यूबी सिंह, जिला क्षय रोग अधिकारी, आगरा

....।...
श्यामवीर सिंह
आगरा
8387893357
Last Updated : Aug 21, 2019, 8:08 AM IST
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