आगरा: ताजनगरी में कोरोना संक्रमितों की संख्या 967 पहुंच गई है, जबकि 50 मरीजों की मौत हो चुकी है. लॉकडाउन में मिली छूट और बाजार खुलने से ताजनगरी में कोरोना संक्रमण की दर बढ़ रही है. अनलॉक-1 में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए एसएन मेडिकल कॉलेज में 30 बेड की कोविड इमरजेंसी बनाई गई है.
एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती गंभीर कोरोना मरीजों को क्रिटिकल केयर एंबुलेंस से आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया जाएगा. साथ ही गंभीर मरीजों की कोरोना जांच के लिए जिला अस्पताल में ट्रुनेट मशीन लगाई गई है, जिससे एक घंटे में कोरोना की जांच हो जाएगी. इससे गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को बहुत सहूलियत मिलेगी.
जिला अस्पताल में लगाई गई 'ट्रूनेट मशीन'
आगरा में कोरोना की जांच एसएन मेडिकल कॉलेज के साथ जिला अस्पताल और जालमा कुष्ठ संस्थान में की जा रही है, जिसकी रिपोर्ट 24 घंटे से 48 घंटे में आती है. इससे इमरजेंसी वाली गर्भवती महिलाएं और बुजुर्ग मरीजों को परेशानी होती है. इसके लिए जिला अस्पताल में ट्रूनेट मशीन लगाई गई है, जिससे एक बार में दो से चार नमूनों की जांच होगी. इस मशीन से फिलहाल एक दिन में 50 से 60 नमूनों की जांच की जाएगी.
सीएमओ डॉ. आरसी पाण्डेय ने बताया कि ट्रूनेट मशीन से एक घंटे में कोरोना की रिपोर्ट मिल सकेगी. इसकी रिपोर्ट यदि नेगेटिव आई तो मरीज नेगेटिव है. ट्रूनेट मशीन की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर फिर रियल टाइम पीसीआर (आरटीपीसीआर) से कंफर्म के लिए सैंपल की जांच की जाएगी. इससे मरीज गर्भवती, बुजुर्ग और इमरजेंसी मरीज की कोविड जांच की जाएगी.
कोविड इमरजेंसी वार्ड एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि कॉलेज में 30 बेड का कोविड इमरजेंसी वार्ड बनाया जा रहा है. इसमें इमरजेंसी में आने वाले संदिग्ध गंभीर मरीजों को भर्ती करके उपचार शुरू किया जाएगा और सैंपल कोरोना की जांच के लिए दिए जाएंगे. मरीज की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने पर उसे संबंधित वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाएगा. कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर मरीज को कोविड हॉस्पिटल के आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया जाएगा. इमरजेंसी में आने वाले गंभीर मरीजों को आइसोलेशन वार्ड तक शिफ्ट करने के लिए क्रिटिकल केयर एंबुलेंस है, जिसमें वेंटिलेटर, ऑक्सीजन समेत सभी जीवन रक्षक उपकरण मौजूद हैं.