आगरा: एसएन मेडिकल कॉलेज (SN Medical College) में ब्लैक फंगस (Black Fungus) यानि म्यूकरमाइकोसिस (Mucormycosis) के चार मरीजों की आंखें बचाने के लिए ट्रैम सर्जरी (Tram Surgery) की गई. इस सर्जरी में मरीज की आंख में एंटी फंगल इंजेक्शन (Anti Fungal Injection) लगाए गए हैं. इसके साथ ही दूरबीन विधि (Binocular method) से तीन मरीजों के नाक का ऑपरेशन (Operation of Nose) किया गया. एसएनएमसी (SNMC) में अब तक 39 मरीज भर्ती हुए हैं, जिनके उपचार के लिए इंजेक्शन उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं. इधर, ब्लैक फंगस से पीड़ित एक महिला मरीज की शुक्रवार को मौत हो गई. छह मरीजों की हालत गंभीर है.
बच सकेगी मरीजों की आंख
एसएनएमसी के नेत्र रोग विभागाध्यक्ष डॉ. हिमांशु यादव ने बताया कि ब्लैक फंगस के चार मरीजों की आंखों में ट्रैम सर्जरी के माध्यम से एंटी फंगल इंजेक्शन लगाए गए हैं, जिससे इन मरीजों की आंख बच सकेगी. ट्रैम सर्जरी के बाद सभी मरीजों की हालत में सुधार दिख रहा है.
18 मरीजों की हुई सर्जरी
नोडल अधिकारी एवं ईएनटी सर्जन डॉ. अखिल प्रताप सिंह ने बताया कि, दूरबीन विधि से तीन मरीजों के नाक के रास्ते साइनस से ब्लैक फंगस निकाला गया है. अभी तक एसएनएमसी में भर्ती हुए 18 मरीजों की सर्जरी हो चुकी है. यहां पर सर्जरी के बाद 15 मरीज ठीक हुए हैं. एसएनएमसी में हर दिन ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. अब तक ब्लैक फंगस के 39 मरीज भर्ती हुए हैं.
महिला मरीज की मौत
नोडल अधिकारी एवं ईएनटी सर्जन डॉ. अखिल प्रताप सिंह ने बताया कि एसएनएमसी में भर्ती तीन मरीजों के दिमाग में ब्लैक फंगस (Black Fungus in Brain) पहुंच चुका है. छह मरीजों की हालत गंभीर हैं, जिनमें तीन मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं. एंटी फंगल इंजेक्शन और दवाओं की कमी (Shortage of Medicines) है. इससे इलाज में समस्या (Problem in Treatment) आ रही है. आगरा निवासी एक महिला मरीज की शुक्रवार को मौत (Death) हो गई. कोरोना निगेटिव होने के बाद महिला ब्लैक फंगस से पीड़ित हुई थी. अभी महिला मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर थी.
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मरीजों को बचाने का हर संभव किया जा रहा प्रयास
एसएनएमसी के चिकित्सक ब्लैक फंगस के मरीजों को बचाने में लगे हुए हैं. यहां एंटी फंगल दवाओं और इंजेक्शन का टोटा (Shortage of Anti Fungal Medicines) है, फिर भी सर्जरी से मरीजों की जान बचाने के हर संभव प्रयास कर रहे हैं. इसका ही नतीजा है कि अभी तक 18 मरीजों की सर्जरी की गई है, जिनमें से 15 मरीज धीरे-धीरे स्वस्थ हो रहे हैं.