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ताजमहल में एंबुलेंस होने के बाद भी पर्यटकों को नहीं मिल रही चिकित्सा सुविधा

एंबुलेंस में दवाइयां और ऑक्सीजन गैस सिलेंडर की व्यवस्था उपलब्ध होने के बावजूद भी ताजमहल घूमने आए पर्यटकों को इलाज नहीं मिल रहा है. डॉक्टर की कमी की वजह से पर्यटकों को प्राथमिक उपचार नहीं मिल रहा है.

पर्यटकों को नहीं मिल रही चिकित्सा सुविधा.
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Published : Jun 17, 2019, 2:22 PM IST

आगरा: ताजमहल के दीदार के लिए प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक आगरा आते हैं. पर्यटकों को ध्यान में रखते हुए ताजमहल के पूर्वी और पश्चिमी गेट पर एंबुलेंस की सुविधा रहती है. वहीं गेटों पर खड़ी दोनों एंबुलेंस की सुविधा सिर्फ शोपीस साबित हो रही हैं.

पर्यटकों को नहीं मिल रही चिकित्सा सुविधा.
  • एंबुलेंस में ऑक्सीजन गैस सिलेंडर और प्राथमिक चिकित्सा की दवाएं उपलब्ध हैं.
  • एंबुलेंस में डॉक्टर की कमी की वजह से पर्यटकों को प्राथमिक उपचार नहीं मिल रहा है.
  • यह एंबुलेंस सिर्फ बीमार पर्यटक को हॉस्पिटल में शिफ्ट करने का ही काम कर रही हैं.
  • चिकित्सा विभाग की यह लापरवाही किसी पर्यटक की जान पर भारी पड़ सकती है.

एंबुलेंस चालक सत्यवीर सिंह ने बताया कि करीब एक साल से एंबुलेंस में चिकित्सक और नर्सिंगकर्मी नहीं हैं. एंबुलेंस में दवाएं और ऑक्सीजन गैस सिलेंडर भी हैं, लेकिन दवाई देने और ऑक्सीजन लगाने वाला कोई नहीं है. इस वजह से पर्यटकों को प्राथमिक उपचार भी नहीं मिल रहा है.


पहले चिकित्सकों को तैनात किया था, क्योंकि तब हमारी डिस्पेंसरी चलती थी. यहां से चिकित्सक एंबुलेंस पर तैनात रहते थे. डिस्पेंसरी की बिल्डिंग जर्जर होने की वजह से वहां पर किसी भी स्टाफ का बैठना संभव नहीं है. इसलिए चिकित्सकों को हटा दिया गया. शासन से 108 एंबुलेंस को दोनों ही गेट पर तैनात करने के लिए प्रस्ताव भेजा है. यह व्यवस्था जल्द ही हो जाएगी.
-डॉ. मुकेश कुमार वत्स, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

आगरा: ताजमहल के दीदार के लिए प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक आगरा आते हैं. पर्यटकों को ध्यान में रखते हुए ताजमहल के पूर्वी और पश्चिमी गेट पर एंबुलेंस की सुविधा रहती है. वहीं गेटों पर खड़ी दोनों एंबुलेंस की सुविधा सिर्फ शोपीस साबित हो रही हैं.

पर्यटकों को नहीं मिल रही चिकित्सा सुविधा.
  • एंबुलेंस में ऑक्सीजन गैस सिलेंडर और प्राथमिक चिकित्सा की दवाएं उपलब्ध हैं.
  • एंबुलेंस में डॉक्टर की कमी की वजह से पर्यटकों को प्राथमिक उपचार नहीं मिल रहा है.
  • यह एंबुलेंस सिर्फ बीमार पर्यटक को हॉस्पिटल में शिफ्ट करने का ही काम कर रही हैं.
  • चिकित्सा विभाग की यह लापरवाही किसी पर्यटक की जान पर भारी पड़ सकती है.

एंबुलेंस चालक सत्यवीर सिंह ने बताया कि करीब एक साल से एंबुलेंस में चिकित्सक और नर्सिंगकर्मी नहीं हैं. एंबुलेंस में दवाएं और ऑक्सीजन गैस सिलेंडर भी हैं, लेकिन दवाई देने और ऑक्सीजन लगाने वाला कोई नहीं है. इस वजह से पर्यटकों को प्राथमिक उपचार भी नहीं मिल रहा है.


पहले चिकित्सकों को तैनात किया था, क्योंकि तब हमारी डिस्पेंसरी चलती थी. यहां से चिकित्सक एंबुलेंस पर तैनात रहते थे. डिस्पेंसरी की बिल्डिंग जर्जर होने की वजह से वहां पर किसी भी स्टाफ का बैठना संभव नहीं है. इसलिए चिकित्सकों को हटा दिया गया. शासन से 108 एंबुलेंस को दोनों ही गेट पर तैनात करने के लिए प्रस्ताव भेजा है. यह व्यवस्था जल्द ही हो जाएगी.
-डॉ. मुकेश कुमार वत्स, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

Intro:आगरा.
मोहब्बत की निशानी ताजमहल के दीदार कै प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में देशी-विदेशी टूरिस्ट आगरा आते हैं. भीषण गर्मी टूरिस्टों को सता रही है. गर्मी से हर रोज दो से तीन टूरिस्ट की तबीयत बिगड़ रही है. ऐसे में ताजमहल के ईस्ट और वेस्ट पर खड़ी दोनों एंबुलेंस की सुविधा शोपीस साबित हो रही है. एंबुलेंस में ऑक्सीजन गैस सिलेंडर और प्राथमिक चिकित्सा की दवाएं भी उपलब्ध हैं. मगर फिर भी बीमार टूरिस्टों को प्राथमिक उपचार नहीं मिल रहा हैं. ये दोनों ही एंबुलेंस सिर्फ बीमार टूरिस्ट को हॉस्पिटल में शिफ्ट करने का ही काम कर रही हैं. इसकी वजह है, एंबुलेंस पर चिकित्सक और नर्सिंग कर्मी की तैनाती नहीं होना है. एंबुलेंस चालक सिर्फ मरीजों को सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती कराने का ही काम कर रहे हैं. ऐसे यदि किसी हार्ट या दूसरी गंभीर बीमारी से पीड़ित टूरिस्ट की तबियत बिगड़ गई तो उसकी जान पर आ जाएगी. इसकी जवाबदेही स्वास्थ्य विभाग की होगी.




Body:चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से ताजमहल देखने वाले टूरिस्ट को बेहतर चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए ईस्ट और वेस्ट गेट पर एंबुलेंस की व्यवस्था की गई थी. लेकिन यह एंबुलेंस अब सिर्फ मरीजों को ढोने के काम ही आ रही है. तबीयत बिगड़ने पर टूरिस्टों को प्राथमिक उपचार भी इन एंबुलेंस और से नहीं मिल पा रहा है.
ईस्ट गेट पर खड़ी रहने वाली एंबुलेंस के चालक सत्यवीर सिंह ने बताया कि करीब एक साल से एंबुलेंस पर चिकित्सक और नर्सिंगकर्मी नहीं है. इस वजह से ताजमहल देखने आने वाले जिस भी टूरिस्ट की तबीयत खराब होती है. वह उस टूरिस्ट को एंबुलेंस से सरकारी और निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराने का ही काम कर रहा है. क्योंकि एंबुलेंस में दवाएं भी हैं और ऑक्सीजन गैस सिलेंडर भी है. दवाई देने और ऑक्सीजन लगाने वाला कोई नहीं होने की वजह से टूरिस्टों को प्राथमिक उपचार भी इन एंबुलेंस से नहीं मिल रहा है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मुकेश कुमार वत्स ने बताया दोनों ही एंबुलेंस में पहले चिकित्सकों को तैनात किया था. क्योंकि तब हमारी डिस्पेंसरी चलती थी. जहां से चिकित्सक एंबुलेंस पर तैनात रहते थे. डिस्पेंसरी की बिल्डिंग जर्जर होने की वजह से अब वहां पर किसी भी स्टाफ का बैठना संभव नहीं है. ऐसे में दिन भर चिकित्सा और नर्सिंग स्टाफ कैसे एंबुलेंस में बैठे रहे. इन सब को देखते हुए चिकित्सकों को हटा दिया गया है. इस बारे में 108 एंबुलेंस बातचीत की है. जिससे 108 एंबुलेंस को दोनों ही गेट पर तैनात कर दिया जाएगा. यह व्यवस्था जल्दी हो जाएगी.


Conclusion:- ताजमहल देखते समय यदि किसी टूरिस्ट की तबीयत खराब होने पर उसे समय पर प्राथमिक उपचार नहीं मिलता है. चिकित्सा विभाग की ओर से ताजमहल के ईस्ट और वेस्ट गेट पर तैनात की गई एंबुलेंस पर एक साल से चिकित्सक ही तैनात नहीं हैं. इससे एंबुलेंस शोपीस बनी खड़ी रहती हैं. यह एंबुलेंस सिर्फ मरीजों को हॉस्पिटल में शिफ्ट करने काम कर रही हैं. चिकित्सा विभाग की यह लापरवाही किसी भी गंभीर बीमारी से पीड़ित टूरिस्ट की जान पर भारी पड़ सकती है.

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इस खबर में पहली बाइट एंबुलेंस चालक सत्यवीर सिंह और दूसरी बाइट डॉ. मुकेश कुमार वत्स, सीएमओ आगरा की है.

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श्यामवीर सिंह
ईटीवी भारत, आगरा
8387893357
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