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'फुल मून' में ताजमहल की 'चमकी' देखने की चाहत रहेगी अधूरी - taj mahal chamaki on full moon

आगरा में इस बार चमकी देखने की चाहत हर किसी की अधूरी रह जाएगी. शरद पूर्णिमा के दिन फुल मून में सफेद संगमरमरिया ताजमहल जब चांद की रोशनी में नहाता है इसे चमकी कहते हैं जिसके दीदार की चाहत हर किसी की होती है, लेकिन इस बार कोरोना के मद्देनजर यह चाहत अधूरी रह जाएगी.

फुल मून में हो सकेगा ताजमहर का दीदार
फुल मून में हो सकेगा ताजमहर का दीदार
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Published : Oct 16, 2020, 6:18 PM IST

Updated : Oct 16, 2020, 8:30 PM IST

आगरा: मोहब्बत की निशानी ताजमहल की दुनिया दीवानी है. मोहब्बत के इस स्मारक को देखने देश विदेश से सैलानी आते हैं, लेकिन कोरोना के ग्रहण ने पिछले छह महीने से लोगों को ताजमहल के दीदार से दूर कर दिया. परिस्थितियां थोड़ी सामान्य होने के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) ने 21 सितंबर को पर्यटकों के लिए ताजमहल 'अनलॉक' किया, तो ताज की दीवानगी में देश-विदेश से पर्यटक ताजनगरी आ रहे हैं. फिर से मोहब्बत की निशानी ताजमहल का वीरान आंगन पर्यटकों से गुलजार हो गया है. मगर, अभी ताजमहल का रात्रि दर्शन बंद है.

फुल मून में नहीं होगा चमकी का दीदार.
बता दें, इस बार देश-विदेश के पर्यटकों की, शरद पूर्णिमा (फुल मून) पर ताजमहल की 'चमकी' देखने की चाहत अधूरी रहेगी. भले ही ताजमहल की 'चमकी' सिर्फ चार घंटे की है, लेकिन पर्यटकों में 'चमकी' का क्रेज बहुत है. एएसआई ने अभी तक ताजमहल के रात्रि दर्शन को लेकर कोई गाइडलाइन नहीं बनाई है. इसलिए इस बार ताजमहल की 'चमकी' देखने वाले पर्यटकों को मायूसी हाथ लगेगी.

क्या है चमकी?

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चांद की दूधिया रोशनी से नहाया ताजमहल
ताजमहल के संगमरमरी बदन पर जब चंद्रमा की रश्मियां अठखेलियां करती हैं, तो पूर्णिमा की चांदनी में ताजमहल पर जड़े पत्थर (सेमी प्रीसियस और प्रीसियस स्टोन) चमकने लगते हैं. यह नजारा अद्भुत होता है. इसे ही 'चमकी' कहते हैं. साल में सिर्फ पांच दिन ही 'चमकी' देखने का मौका मिलता है. इसलिए सैलानियों में 'चमकी' का क्रेज है. और 'चमकी' के दीदार को देशी-विदेशी पर्यटक शरद पूर्णिमा का इंतजार करते हैं.

'चमकी' देखने की चाहत रहेगी अधूरी

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फूल मून की रोशनी में नहाए ताजमहल की छटा
आगामी 31अक्टूबर-2020 की शरद पूर्णिमा है. शरद पूर्णिमा पर चांद अपनी 16 कलाओं के साथ आसमान में चमकता है. इसलिए शरद पूर्णिमा पर ताजमहल की 'चमकी' देखने का क्रेज सैलानियों में रहता है. मगर, एएसआई ने अभी ताजमहल को रात्रि दर्शन के लिए अनलॉक नहीं किया है. इस वजह से सैलानियों का ताजमहल की चमकी देखने का ख्वाब साकार नहीं हो पाएगा. जबकि, आगरा के पर्यटन उद्यमी लगातार ताज का रात्रि दर्शन शुरू करने की मांग कर रहे हैं. जिससे बेपटरी हुआ ताजनगरी का पर्यटन उद्योग पटरी पर आ सके.

मून लाइट में ताजमहल शाइन करता है. ताजमहल में जड़े सेमी प्रीशियस और प्रीशीयस स्टोन स्पार्कल करते हैं. इसलिए शुरू से ही ताजमहल की चमकी का बहुत महत्व है. पर्यटकों में मूनलाइट में ताजमहल देखने का बहुत क्रेज रहता है. जब से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पहली बार ऐसा होगा, कि लॉकडाउन के बाद ताजमहल खुला भी लेकिन, पर्यटक ताजमहल की 'चमकी' नहीं देख पाएंगे.

-नितिन सिंह, टूरिस्ट गाइड

एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार का कहना है कि, अभी तक ताजमहल के रात्रि दर्शन के लिए कोई भी दिशा-निर्देश नहीं हैं. स्टैंडर्ड प्रोसीजर ऑपरेटिंग (एसओपी) में भी ताजमहल को रात्रि में खोलने का कोई उल्लेख नहीं है, कि रात्रि में ताजमहल को खोला जाए. इसकी वजह है कि, रात्रि दर्शन के लिए 50-50 पर्यटकों के आठ ग्रुप जाते हैं और कोरोना संक्रमण की गाइडलाइन के तहत सोशल डिस्टेंस मेंटेन करना बड़ा मुश्किल होगा. जब तक एसओपी या मंत्रालय से कोई भी दिशा निर्देश नहीं आएगा. तब तक ताजमहल को रात्रि दर्शन के लिए नहीं खोला जाएगा.

पांच दिन तक होती थी ताजमहल की 'चमकी'

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फुल मून में कुछ ऐसा दिखता है ताजमहल.
एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद वसंतकुमार स्वर्णकार का कहना है, कि पूर्णिमा पर ताजमहल का रात्रि दर्शन पांच दिन होता है. पूर्णिमा से दो दिन पहले, पूर्णिमा और फिर पूर्णिमा के दो दिन बाद ताजमहल रात्रि दर्शन के लिए खोला जाता है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद एक दिन में रात्रि दर्शन के लिए 400 टिकट बुक की जाती हैं. भारतीय पर्यटकों के लिए टिकट 510 रुपये और विदेशी पर्यटकों के लिए टिकट 750 रुपये का है. अलग-अलग ग्रुप में 50-50 पर्यटक ताजमहल के रात्रि दर्शन के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में जाते हैं. 30 मिनट का समय ही पर्यटकों को मिलता है. ताजमहल के रॉयल गेट के पास बने वीडियो प्लेटफार्म से पर्यटक ताजमहल की चमकी देखते हैं.

पहले रातभर खुलता था ताजमहल
भले ही ताजमहल अभी 'चमकी' के लिए 4 घंटे खुलता है, लेकिन पूर्व में ताजमहल पूरी रात खुलता था. सन् 1984 से पहले तक ताजमहल में चमकी देखने पर कोई भी बंदिश नहीं थी. उस समय मुख्य मकबरे पर रेलिंग के पत्थर हटाकर चमकी देखने के लिए लकड़ी का रैंप बनाया जाता था. उससे ही सैलानी ऊपर जाते थे. मगर सन् 1984 में सुरक्षा कारणों से ताजमहल को रात्रि दर्शन के लिए बंद कर दिया गया. फिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सन् 2004 में फिर से ताज का रात्रि दर्शन शुरू हुआ. यह वजह है कि रात्रि दर्शन में सोशल डिस्टेंस का पालन कराना मुश्किल. 50-50 के ग्रुप में पर्यटकों का ताजमहल में जाना. ताजमहल के सैनिटाइजेशन में दिक्कत आना.

कोरोना संक्रमण का ग्रहण ताजमहल की 'चमकी' पर लग गया है. भले ही एएसआई ने ताजमहल को दिन में पर्यटकों के लिए 'अनलॉक' कर दिया. मगर, अभी भी ताजमहल पर्यटकों के रात्रि दर्शन के लिए बंद है. इससे शरद पूर्णिमा पर पर्यटक ताजमहल की 'चमकी' नहीं देख पाएंगे.

आगरा: मोहब्बत की निशानी ताजमहल की दुनिया दीवानी है. मोहब्बत के इस स्मारक को देखने देश विदेश से सैलानी आते हैं, लेकिन कोरोना के ग्रहण ने पिछले छह महीने से लोगों को ताजमहल के दीदार से दूर कर दिया. परिस्थितियां थोड़ी सामान्य होने के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) ने 21 सितंबर को पर्यटकों के लिए ताजमहल 'अनलॉक' किया, तो ताज की दीवानगी में देश-विदेश से पर्यटक ताजनगरी आ रहे हैं. फिर से मोहब्बत की निशानी ताजमहल का वीरान आंगन पर्यटकों से गुलजार हो गया है. मगर, अभी ताजमहल का रात्रि दर्शन बंद है.

फुल मून में नहीं होगा चमकी का दीदार.
बता दें, इस बार देश-विदेश के पर्यटकों की, शरद पूर्णिमा (फुल मून) पर ताजमहल की 'चमकी' देखने की चाहत अधूरी रहेगी. भले ही ताजमहल की 'चमकी' सिर्फ चार घंटे की है, लेकिन पर्यटकों में 'चमकी' का क्रेज बहुत है. एएसआई ने अभी तक ताजमहल के रात्रि दर्शन को लेकर कोई गाइडलाइन नहीं बनाई है. इसलिए इस बार ताजमहल की 'चमकी' देखने वाले पर्यटकों को मायूसी हाथ लगेगी.

क्या है चमकी?

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चांद की दूधिया रोशनी से नहाया ताजमहल
ताजमहल के संगमरमरी बदन पर जब चंद्रमा की रश्मियां अठखेलियां करती हैं, तो पूर्णिमा की चांदनी में ताजमहल पर जड़े पत्थर (सेमी प्रीसियस और प्रीसियस स्टोन) चमकने लगते हैं. यह नजारा अद्भुत होता है. इसे ही 'चमकी' कहते हैं. साल में सिर्फ पांच दिन ही 'चमकी' देखने का मौका मिलता है. इसलिए सैलानियों में 'चमकी' का क्रेज है. और 'चमकी' के दीदार को देशी-विदेशी पर्यटक शरद पूर्णिमा का इंतजार करते हैं.

'चमकी' देखने की चाहत रहेगी अधूरी

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फूल मून की रोशनी में नहाए ताजमहल की छटा
आगामी 31अक्टूबर-2020 की शरद पूर्णिमा है. शरद पूर्णिमा पर चांद अपनी 16 कलाओं के साथ आसमान में चमकता है. इसलिए शरद पूर्णिमा पर ताजमहल की 'चमकी' देखने का क्रेज सैलानियों में रहता है. मगर, एएसआई ने अभी ताजमहल को रात्रि दर्शन के लिए अनलॉक नहीं किया है. इस वजह से सैलानियों का ताजमहल की चमकी देखने का ख्वाब साकार नहीं हो पाएगा. जबकि, आगरा के पर्यटन उद्यमी लगातार ताज का रात्रि दर्शन शुरू करने की मांग कर रहे हैं. जिससे बेपटरी हुआ ताजनगरी का पर्यटन उद्योग पटरी पर आ सके.

मून लाइट में ताजमहल शाइन करता है. ताजमहल में जड़े सेमी प्रीशियस और प्रीशीयस स्टोन स्पार्कल करते हैं. इसलिए शुरू से ही ताजमहल की चमकी का बहुत महत्व है. पर्यटकों में मूनलाइट में ताजमहल देखने का बहुत क्रेज रहता है. जब से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पहली बार ऐसा होगा, कि लॉकडाउन के बाद ताजमहल खुला भी लेकिन, पर्यटक ताजमहल की 'चमकी' नहीं देख पाएंगे.

-नितिन सिंह, टूरिस्ट गाइड

एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार का कहना है कि, अभी तक ताजमहल के रात्रि दर्शन के लिए कोई भी दिशा-निर्देश नहीं हैं. स्टैंडर्ड प्रोसीजर ऑपरेटिंग (एसओपी) में भी ताजमहल को रात्रि में खोलने का कोई उल्लेख नहीं है, कि रात्रि में ताजमहल को खोला जाए. इसकी वजह है कि, रात्रि दर्शन के लिए 50-50 पर्यटकों के आठ ग्रुप जाते हैं और कोरोना संक्रमण की गाइडलाइन के तहत सोशल डिस्टेंस मेंटेन करना बड़ा मुश्किल होगा. जब तक एसओपी या मंत्रालय से कोई भी दिशा निर्देश नहीं आएगा. तब तक ताजमहल को रात्रि दर्शन के लिए नहीं खोला जाएगा.

पांच दिन तक होती थी ताजमहल की 'चमकी'

etv bharat
फुल मून में कुछ ऐसा दिखता है ताजमहल.
एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद वसंतकुमार स्वर्णकार का कहना है, कि पूर्णिमा पर ताजमहल का रात्रि दर्शन पांच दिन होता है. पूर्णिमा से दो दिन पहले, पूर्णिमा और फिर पूर्णिमा के दो दिन बाद ताजमहल रात्रि दर्शन के लिए खोला जाता है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद एक दिन में रात्रि दर्शन के लिए 400 टिकट बुक की जाती हैं. भारतीय पर्यटकों के लिए टिकट 510 रुपये और विदेशी पर्यटकों के लिए टिकट 750 रुपये का है. अलग-अलग ग्रुप में 50-50 पर्यटक ताजमहल के रात्रि दर्शन के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में जाते हैं. 30 मिनट का समय ही पर्यटकों को मिलता है. ताजमहल के रॉयल गेट के पास बने वीडियो प्लेटफार्म से पर्यटक ताजमहल की चमकी देखते हैं.

पहले रातभर खुलता था ताजमहल
भले ही ताजमहल अभी 'चमकी' के लिए 4 घंटे खुलता है, लेकिन पूर्व में ताजमहल पूरी रात खुलता था. सन् 1984 से पहले तक ताजमहल में चमकी देखने पर कोई भी बंदिश नहीं थी. उस समय मुख्य मकबरे पर रेलिंग के पत्थर हटाकर चमकी देखने के लिए लकड़ी का रैंप बनाया जाता था. उससे ही सैलानी ऊपर जाते थे. मगर सन् 1984 में सुरक्षा कारणों से ताजमहल को रात्रि दर्शन के लिए बंद कर दिया गया. फिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सन् 2004 में फिर से ताज का रात्रि दर्शन शुरू हुआ. यह वजह है कि रात्रि दर्शन में सोशल डिस्टेंस का पालन कराना मुश्किल. 50-50 के ग्रुप में पर्यटकों का ताजमहल में जाना. ताजमहल के सैनिटाइजेशन में दिक्कत आना.

कोरोना संक्रमण का ग्रहण ताजमहल की 'चमकी' पर लग गया है. भले ही एएसआई ने ताजमहल को दिन में पर्यटकों के लिए 'अनलॉक' कर दिया. मगर, अभी भी ताजमहल पर्यटकों के रात्रि दर्शन के लिए बंद है. इससे शरद पूर्णिमा पर पर्यटक ताजमहल की 'चमकी' नहीं देख पाएंगे.

Last Updated : Oct 16, 2020, 8:30 PM IST
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