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यमुना एक्सप्रेस-वे: गर्मी, घर्षण और तेज रफ्तार से फट रहे गाड़ियों के टायर, ऐसे करें बचाव

भीषण गर्मी, कांक्रीटेड सड़क और गाड़ियों के टायर घर्षण की वजह से यमुना एक्सप्रेस-वे पर हर दिन कई गाड़ियों के टायर फटने की घटनाएं हो रही हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि यमुना एक्सप्रेस-वे पर चालकों को स्पीड लिमिट का ध्यान रखना चाहिए.

यमुना एक्सप्रेस-वे
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Published : May 7, 2019, 2:53 PM IST

आगरा: सूरज आसमान से आग उगल रहा है. बीते दिनों में पारा 45 का आंकड़ा छू चुका है. ऐसे में सड़कों पर तापमान 8 से 10 डिग्री सेंटीग्रेड अधिक हो जाता है. भीषण गर्मी, कांक्रीटेड सड़क और गाड़ियों के टायर घर्षण की वजह से यमुना एक्सप्रेस-वे पर हर दिन करीब दो गाड़ियों के टायर फटने की घटनाएं हो रही हैं. ईटीवी भारत की टीम ने यमुना एक्सप्रेस-वे पर भीषण गर्मी के चलते हो रहे हादसों का जायजा लिया, जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए.

गर्मी से फट रहे गाड़ियों के टायर
  • यमुना एक्सप्रेस-वे की कांक्रीटेड सड़क गर्मी में टायरों को चाट (खा) रही है.
  • तेज रफ्तार दौड़ रहीं गाड़ियों के टायरों में नॉर्मल हवा भरी होने से सड़क के घर्षण और गर्मी से टायरों में हवा बढ़ जाती है, जिससे टायर फट रहे हैं.
  • आग उगल रही सड़क और तेज रफ्तार से भी गाड़ियां गर्म होकर चलते बंद हो रही हैं.
  • यमुना एक्सप्रेस-वे पर ईटीवी भारत की टीम को कई जगह गर्मी के चलते गाड़ियां बंद मिलीं.
  • जबकि इस बारे में यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी की ओर से सभी टोल प्लाजा पर चालकों को जागरूक करने के लिए फ्लैक्स, बैनर और चेतावनी भी के बोर्ड भी लगाए गए हैं.

स्पीड का रखें विशेष ख्याल

  • रोड सेफ्टी एक्सपर्ट रिटायर्ड कर्नल रविंद्र कुमार सिंह ने बताया कि यमुना एक्सप्रेस-वे पर चालकों को स्पीड लिमिट का ध्यान रखना चाहिए.
  • जो स्पीड लिमिट है, उसी में गाड़ी को चलाना चाहिए क्योंकि यमुना एक्सप्रेस-वे कंक्रीट और सीमेंटेड है. एयरपोर्ट पर ऐसी सड़क बनाई जाती हैं.
  • ऐसे में इस सड़क पर तेज रफ्तार गाड़ी चलाते हैं, तो सीमेंटेड सड़क और गाड़ियों के टायरों के बीच घर्षण की वजह से गर्मी में टायर फटने की संभावनाएं अधिक होती है.
  • इसलिए चालकों को 45 या 50 किलोमीटर की दूरी पर रुककर टायर ठंडा करना चाहिए.

टीनशेड की भी व्यवस्था की जाए
रोड सेफ्टी एक्सपर्ट शब्द कुमार मिश्रा का कहना है कि यमुना एक्सप्रेस-वे पर टोल प्लाजा के पास या अन्य स्थानों पर चालक पिट्स नहीं बने हैं. जहां पर गाड़ियों को खड़ी किया जा सके. टीनशेड की भी व्यवस्था की जाए, जिसमें गाड़ियां कुछ देर तक खड़ी हों और उनके टायर ठंडे हो जाए. इससे भी इस तरह गाड़ियों के टायर फटने की घटनाओं में कमी आएगी.

टायर के ट्यूब में नाइट्रोजन गैस का प्रयोग करें
आरटीआई एक्टिविस्ट अधिवक्ता केसी जैन ने बताया कि उन्होंने यमुना एक्सप्रेस-वे पर टायर फटने से होने हो रहे सड़क हादसों का रिकॉर्ड यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी से मांगा था तो उसमें यह बात सामने आई थी कि 12% सड़क हादसे टायर फटने की वजह से होते हैं. इसलिए चालकों को 50 से 60 किलोमीटर की दूरी पर गाड़ी को खड़ा करके 10 से 15 मिनट का ब्रेक लेना चाहिए, जिससे टायर ठंडा हो जाए. इसके बाद आगे का सफर तय करें तो गाड़ी के टायर नहीं फटेंगे. टायरों गाड़ियों के टायर के ट्यूब में नाइट्रोजन गैस का प्रयोग करें, जो ठंडी होती है. ऐसा करने से भी टायर फटने की घटनाएं रुक सकती हैं.

आगरा: सूरज आसमान से आग उगल रहा है. बीते दिनों में पारा 45 का आंकड़ा छू चुका है. ऐसे में सड़कों पर तापमान 8 से 10 डिग्री सेंटीग्रेड अधिक हो जाता है. भीषण गर्मी, कांक्रीटेड सड़क और गाड़ियों के टायर घर्षण की वजह से यमुना एक्सप्रेस-वे पर हर दिन करीब दो गाड़ियों के टायर फटने की घटनाएं हो रही हैं. ईटीवी भारत की टीम ने यमुना एक्सप्रेस-वे पर भीषण गर्मी के चलते हो रहे हादसों का जायजा लिया, जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए.

गर्मी से फट रहे गाड़ियों के टायर
  • यमुना एक्सप्रेस-वे की कांक्रीटेड सड़क गर्मी में टायरों को चाट (खा) रही है.
  • तेज रफ्तार दौड़ रहीं गाड़ियों के टायरों में नॉर्मल हवा भरी होने से सड़क के घर्षण और गर्मी से टायरों में हवा बढ़ जाती है, जिससे टायर फट रहे हैं.
  • आग उगल रही सड़क और तेज रफ्तार से भी गाड़ियां गर्म होकर चलते बंद हो रही हैं.
  • यमुना एक्सप्रेस-वे पर ईटीवी भारत की टीम को कई जगह गर्मी के चलते गाड़ियां बंद मिलीं.
  • जबकि इस बारे में यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी की ओर से सभी टोल प्लाजा पर चालकों को जागरूक करने के लिए फ्लैक्स, बैनर और चेतावनी भी के बोर्ड भी लगाए गए हैं.

स्पीड का रखें विशेष ख्याल

  • रोड सेफ्टी एक्सपर्ट रिटायर्ड कर्नल रविंद्र कुमार सिंह ने बताया कि यमुना एक्सप्रेस-वे पर चालकों को स्पीड लिमिट का ध्यान रखना चाहिए.
  • जो स्पीड लिमिट है, उसी में गाड़ी को चलाना चाहिए क्योंकि यमुना एक्सप्रेस-वे कंक्रीट और सीमेंटेड है. एयरपोर्ट पर ऐसी सड़क बनाई जाती हैं.
  • ऐसे में इस सड़क पर तेज रफ्तार गाड़ी चलाते हैं, तो सीमेंटेड सड़क और गाड़ियों के टायरों के बीच घर्षण की वजह से गर्मी में टायर फटने की संभावनाएं अधिक होती है.
  • इसलिए चालकों को 45 या 50 किलोमीटर की दूरी पर रुककर टायर ठंडा करना चाहिए.

टीनशेड की भी व्यवस्था की जाए
रोड सेफ्टी एक्सपर्ट शब्द कुमार मिश्रा का कहना है कि यमुना एक्सप्रेस-वे पर टोल प्लाजा के पास या अन्य स्थानों पर चालक पिट्स नहीं बने हैं. जहां पर गाड़ियों को खड़ी किया जा सके. टीनशेड की भी व्यवस्था की जाए, जिसमें गाड़ियां कुछ देर तक खड़ी हों और उनके टायर ठंडे हो जाए. इससे भी इस तरह गाड़ियों के टायर फटने की घटनाओं में कमी आएगी.

टायर के ट्यूब में नाइट्रोजन गैस का प्रयोग करें
आरटीआई एक्टिविस्ट अधिवक्ता केसी जैन ने बताया कि उन्होंने यमुना एक्सप्रेस-वे पर टायर फटने से होने हो रहे सड़क हादसों का रिकॉर्ड यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी से मांगा था तो उसमें यह बात सामने आई थी कि 12% सड़क हादसे टायर फटने की वजह से होते हैं. इसलिए चालकों को 50 से 60 किलोमीटर की दूरी पर गाड़ी को खड़ा करके 10 से 15 मिनट का ब्रेक लेना चाहिए, जिससे टायर ठंडा हो जाए. इसके बाद आगे का सफर तय करें तो गाड़ी के टायर नहीं फटेंगे. टायरों गाड़ियों के टायर के ट्यूब में नाइट्रोजन गैस का प्रयोग करें, जो ठंडी होती है. ऐसा करने से भी टायर फटने की घटनाएं रुक सकती हैं.

Intro:आगरा. सूरज आसमान से आग उगल रहा है. बीते दिनों में पारा ने 45 का आंकड़ा छू चुका है. ऐसे में सड़कों पर तापमान 8 से 10 डिग्री सेंटीग्रेड अधिक हो जाता है. भीषण गर्मी, सीमेंटेड सड़क और गाड़ियों के टायर घर्षण की वजह से यमुना एक्सप्रेस वे पर हर दिन दो गाड़ियों के टायर फटने की घटनाएं हो रही हैं. ईटीवी भारत की टीम ने यमुना एक्सप्रेस वे पर भीषण गर्मी के चलते हो रहे हादसों का जायजा लिया. जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. यमुना एक्सप्रेस वे की के सीमेंटेड सड़क गर्मी में टायरों को चाट (खा) रही है. तेज रफ्तार दौड़ रहीं गाड़ियों के टायरों में नार्मल हवा भरी होने से सड़क के घर्षण और गर्मी से टायरों में हवा बढ़ जाती है. जिससे टायर फट रहे हैं. आग उगल रही सड़क और तेज रफ्तार से भी गाड़ियां गर्म होकर चलते बंद हो रही हैं. कई गाड़ियों के पहिए और गाड़ियों में आग लग गई है. यमुना एक्सप्रेस-वे पर ईटीवी भारत की टीम को कई जगह गर्मी के चलते गाड़ियां बंद मिलीं. गर्मी में गाड़ी का टायर फटने की घटना भी सामने आई. इतना ही नहीं कई जगह पर लो गर्मी के चलते गाड़ियों के पहियों को पानी डालकर ठंडा करते मिले और टायर ठंडा होने के बाद ही उन्होंने आगे का सफर शुरू किया. वहीं, इस बारे में यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी की ओर से सभी टोल प्लाजा पर चालकों को जागरूक करने के लिए फ्लेक्स, बैनर और चेतावनी भी के बोर्ड भी लगाए गए हैं.


Body:आगरा और दिल्ली तक 165 किलोमीटर लंबा यमुना एक्सप्रेस वे है. लोग इस एक्सप्रेस-वे पर आगरा और दिल्ली के बीच रफ्तार और रोमांच सफर करते हैं. मगर भीषण गर्मी से तेज रफ्तार और रोमांच का सफर अब हादसों का सफर भी बन गया है. ईटीवी भारत की टीम ने यमुना एक्सप्रेसवे पर सफर करने वाले लोगों से हादसों को लेकर बातचीत की. जिसमें लोगों ने ईटीवी भारत की टीम से अपने अनुभव साझा किए. चालक के बोल नोएडा से आगरा सामान लेकर आ रहे चालक बाबू खां ने बताया कि वैसे तो मुझे नोएडा से आगरा तक अभी कोई दिक्कत सफर में नहीं हुई है, लेकिन मुझे पता है कि, गर्मी के चलते गाड़ी के ट्यूब में नॉर्मल हवा की जगह नाइट्रोजन भरवानी चाहिए. जिससे गर्मी के चलते ट्यूब में हवा का प्रेशर पड़ेगा और ना ही टायर फटेगा. मैं भी अपनी गाड़ी के ट्यूब में नाइट्रोजन भरवा लूंगा. चालक गोविंद नागर ने बताया कि वह दिल्ली से आगरा घूमने आ रहा है. गाड़ी करीब 200 किलोमीटर चल चुकी है, लेकिन गाड़ी के पहियों के ट्यूब में नाइट्रोजन होने की वजह से उसे अभी तक सफर में कोई भी समस्या नहीं हुई है. हां मुझे एक लोग मिले थे, जिनकी गाड़ी गर्मी के चलते बंद हो गई थी. पानी डालकर टायर किए ठंडे, फिर निकले आगे के सफर पर खंदौली टोल प्लाजा पर गुरुग्राम से परिवार के साथ कानपुर जा रहे मयंक जोशी ने अपनी गाड़ी रोककर पहले पानी डालकर उसके टायर ठंडे की इतनी देर में परिवार ने नाश्ता किया मयंक ने बताया कि जब वह उसने यहां पर गाड़ी खड़ी की तो देखा कई लोग अपनी गाड़ी के टायरों पर पानी डाल रहे थे इस बारे में ने जब उनसे पूछा तो एक व्यक्ति ने उसे अपनी स्टैपनी दिखाई जो बिल्कुल नहीं दिख रही थी लेकिन गर्मी के चलते टायर फटा फट गया था इसलिए मैंने अभी पानी डाल कर के टायर को ठंडा किया है अब आगे का सफर कर रहा हूं. तेज रफ्तार में फटा गाड़ी का टायर, बाल-बाल बचा परिवार दिल्ली निवासी विवेक ने बताया कि वह अपने भैया और भाभी के साथ आगरा ताजमहल देखने के लिए आ रहा था. तभी खंदौली टोल प्लाजा से आगे अचानक गाड़ी का पिछला टायर फट गया. उसने जैसे तैसे गाड़ी को कंट्रोल में लिया. जिससे सभी सुरक्षित बच गए.मेरी गाड़ी के टायर पुराना हो गया था, कहने को गाड़ी के ट्यूब में नाइट्रोजन थी. इसके बाद टोल प्लाजा इसके बाद यमुना एक्सप्रेसवे पर लिखे हेल्पलाइन नंबर से मदद मांगी और नया टायर मंगाया है. इसके बाद आगरा जाऊंगा. रोड सेफ्टी एक्सपर्ट रोड सेफ्टी एक्सपर्ट रिटायर्ड कर्नल रविंद्र कुमार सिंह ने बताया कि यमुना एक्सप्रेस वे पर चालकों को स्पीड लिमिट का ध्यान रखना चाहिए. जो स्पीड लिमिट है, उसी में गाड़ी को चलाना चाहिए. क्योंकि यमुना एक्सप्रेस-वे कंक्रीट और सीमेंटेड है. एयरपोर्ट पर ऐसी सड़क बनाई जाती हैं. ऐसे में इस सड़क पर तेज रफ्तार गाड़ी चलाते हैं, तो सीमेंटेड सड़क और गाड़ियों के टायरों के बीच घर्षण की वजह से गर्मी में टायर फटने की संभावनाएं अधिक होती है. इसलिए चालकों को 45 या 50 किलोमीटर की दूरी पर रुककर टायर ठंडा करना चाहिए. रोड सेफ्टी एक्सपर्ट शब्द कुमार मिश्रा का कहना है कि यमुना एक्सप्रेस वे पर टोल प्लाजा के पास या अन्य स्थानों पर ले पिट्स या चालक पिट्स नहीं बने हैं. जहां पर गाड़ियों को खड़ी किया जा सके. टीनसेड की भी व्यवस्था की जाए. जिसमें गाड़ियां कुछ देर तक खड़ी हों और उनके टायर ठंडे हो जाए. इससे भी इस तरह गाड़ियों के टायर फटने की घटनाओं में कमी आएगी. आरटीआई एक्टिविस्ट अधिवक्ता केसी जैन ने बताया कि उन्होंने यमुना एक्सप्रेस वे पर टायर फटने से होने हो रहे सड़क हादसों का रिकॉर्ड यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी से मांगा था तो उसमें यह बात सामने आई थी कि 12% सड़क हादसे टायर फटने की वजह से होते हैं. इसलिए चालकों को 50 से 60 किलोमीटर की दूरी पर गाड़ी को खड़ा करके 10 से 15 मिनट का तक खड़े करके रखना चाहिए. जिससे टायर ठंडा हो जाए. इसके बाद आगे का सफर तय करें तो गाड़ी के टायर नहीं फटेंगे. टायरों गाड़ियों के टायर के ट्यूब में नाइट्रोजन गैस का प्रयोग करें, जो ठंडी होती है. ऐसा करने से भी टायर फटने की घटनाएं रुक सकती हैं.


Conclusion:रोड सेफ्टी एक्सपर्ट बाइट पहली बाइट एक्सपर्ट रिटायर्ड कर्नल रविंद्र कुमार सिंह, दूसरी बाइट शब्द कुमार मिश्रा और तीसरी बाइट आरटीआई एक्टिविस्ट अधिवक्ता केसी जैन. इसमें अभी और है...
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