आगरा: सूरज आसमान से आग उगल रहा है. बीते दिनों में पारा 45 का आंकड़ा छू चुका है. ऐसे में सड़कों पर तापमान 8 से 10 डिग्री सेंटीग्रेड अधिक हो जाता है. भीषण गर्मी, कांक्रीटेड सड़क और गाड़ियों के टायर घर्षण की वजह से यमुना एक्सप्रेस-वे पर हर दिन करीब दो गाड़ियों के टायर फटने की घटनाएं हो रही हैं. ईटीवी भारत की टीम ने यमुना एक्सप्रेस-वे पर भीषण गर्मी के चलते हो रहे हादसों का जायजा लिया, जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए.
- यमुना एक्सप्रेस-वे की कांक्रीटेड सड़क गर्मी में टायरों को चाट (खा) रही है.
- तेज रफ्तार दौड़ रहीं गाड़ियों के टायरों में नॉर्मल हवा भरी होने से सड़क के घर्षण और गर्मी से टायरों में हवा बढ़ जाती है, जिससे टायर फट रहे हैं.
- आग उगल रही सड़क और तेज रफ्तार से भी गाड़ियां गर्म होकर चलते बंद हो रही हैं.
- यमुना एक्सप्रेस-वे पर ईटीवी भारत की टीम को कई जगह गर्मी के चलते गाड़ियां बंद मिलीं.
- जबकि इस बारे में यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी की ओर से सभी टोल प्लाजा पर चालकों को जागरूक करने के लिए फ्लैक्स, बैनर और चेतावनी भी के बोर्ड भी लगाए गए हैं.
स्पीड का रखें विशेष ख्याल
- रोड सेफ्टी एक्सपर्ट रिटायर्ड कर्नल रविंद्र कुमार सिंह ने बताया कि यमुना एक्सप्रेस-वे पर चालकों को स्पीड लिमिट का ध्यान रखना चाहिए.
- जो स्पीड लिमिट है, उसी में गाड़ी को चलाना चाहिए क्योंकि यमुना एक्सप्रेस-वे कंक्रीट और सीमेंटेड है. एयरपोर्ट पर ऐसी सड़क बनाई जाती हैं.
- ऐसे में इस सड़क पर तेज रफ्तार गाड़ी चलाते हैं, तो सीमेंटेड सड़क और गाड़ियों के टायरों के बीच घर्षण की वजह से गर्मी में टायर फटने की संभावनाएं अधिक होती है.
- इसलिए चालकों को 45 या 50 किलोमीटर की दूरी पर रुककर टायर ठंडा करना चाहिए.
टीनशेड की भी व्यवस्था की जाए
रोड सेफ्टी एक्सपर्ट शब्द कुमार मिश्रा का कहना है कि यमुना एक्सप्रेस-वे पर टोल प्लाजा के पास या अन्य स्थानों पर चालक पिट्स नहीं बने हैं. जहां पर गाड़ियों को खड़ी किया जा सके. टीनशेड की भी व्यवस्था की जाए, जिसमें गाड़ियां कुछ देर तक खड़ी हों और उनके टायर ठंडे हो जाए. इससे भी इस तरह गाड़ियों के टायर फटने की घटनाओं में कमी आएगी.
टायर के ट्यूब में नाइट्रोजन गैस का प्रयोग करें
आरटीआई एक्टिविस्ट अधिवक्ता केसी जैन ने बताया कि उन्होंने यमुना एक्सप्रेस-वे पर टायर फटने से होने हो रहे सड़क हादसों का रिकॉर्ड यमुना एक्सप्रेस-वे अथॉरिटी से मांगा था तो उसमें यह बात सामने आई थी कि 12% सड़क हादसे टायर फटने की वजह से होते हैं. इसलिए चालकों को 50 से 60 किलोमीटर की दूरी पर गाड़ी को खड़ा करके 10 से 15 मिनट का ब्रेक लेना चाहिए, जिससे टायर ठंडा हो जाए. इसके बाद आगे का सफर तय करें तो गाड़ी के टायर नहीं फटेंगे. टायरों गाड़ियों के टायर के ट्यूब में नाइट्रोजन गैस का प्रयोग करें, जो ठंडी होती है. ऐसा करने से भी टायर फटने की घटनाएं रुक सकती हैं.