आगरा: ताजमहल मंदिर है या मकबरा. इसका खूब हल्ला मचता है. मगर, भारतीय पुरातत्व विभाग (एएसआई) ने ताजमहल के तहखानों के बंद 22 कमरों में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों होने से साफ इनकार कर दिया है. एएसआई एक आरटीआई के जवाब में अपना रुख साफ कर दिया है. जिसके मुताबिक, ताजमहल का निर्माण मंदिर की जमीन पर नहीं किया गया है. वैसे पहले भी एएसआई इस बारे में अपना रुख साफ कर चुका है.
उठी तहखाना के बंद कमरों को खोलने की मांग
अयोध्या के भाजपा मीडिया प्रभारी डॉ. रजनीश सिंह ने गत 7 मई 2022 को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की थी. जिसमें ताजमहल के तहखाना के 22 बंद कमरों को खोलने की मांग की थी. आशंका जताई थी कि, ताजमहल के तहखाना के बंद कमरों में हिंदू-देवी-देवताओं की मूर्ति हैं. इसलिए इसका रहस्य सबके सामने आना चाहिए. जब इस याचिका पर सुनवाई 12 मई को हाईकोर्ट में हुई तो हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी.
तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने मांगी थी ASI से जानकारी
ताममहल को लेकर हल्ला मचा और तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत एस गोखले ने एएसआई में 20 जून को आरटीआई दायर की. जिसमें उन्होंने एएसआई से 2 सवाल की जानकारी मांगी थी. पहला सवाल यह पूछा कि, ताजमहल जिस जमीन पर बना है, वह जमीन क्या मंदिर की है या नहीं. इसके सबूत दें. दूसरा सवाल यह था कि, तहखानों के बंद 22 कमरों में हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्ति हैं या नहीं.
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