आगरा. ताजनगरी में रक्षाबंधन पर जहरीली शराब खपाई गई. इसने खूब कहर बरपाया है. जिले के तीन थाना क्षेत्र में 3 दिन के अंदर 10 लोगों की मौत हो चुकी है.
भले ही पहले जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारी जहरीली शराब से लोगों की मौत होने से नकार करते रहे पर अधिकारियों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद जांच की बात कहनी शुरू कर दी.
इसी बीच बुधवार को अधिकारियों के सुर बदल गए. ईटीवी भारत की टीम ने बुधवार को ताजगंज थाना के गांव देवरी में उन लोगों को खोज निकाला जिन्होंने जहरीली शराब खरीदी थी.
इन लोगों ने बताया कि उन्हें शराब अजीब लगी, पीते ही तबियत भी बिगड़ने लगी. उल्टियां हुईं और घबराहट भी. इसके बाद उन लोगों ने उस क्वर्टर की शराब को फेंक दिया. इसी वजह से उनकी जान बची. अगर पूरा क्वार्टर शराब पी लेते तो शायद जिंदा न होते.
बता दें कि आगरा के डौकी थाना, ताजगंज थाना और शमशाबाद थाना क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से तीन दिन में दस लोगों की मौत हुई है. सभी ने रक्षाबंधन पर अवैध बिक्री की शराब पी थी. लोगों के आक्रोश और सीएम योगी की फटकार के बाद सरकारी महकमा के हाथ पैर फूल गए.
बुधवार को दिनभर एडीजी और कमिश्नर समेत सभी अधिकारी पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे. अधिकारियों ने मृतकों के परिजनों से बातचीत की. अवैध शराब की बिक्री को लेकर जानकारी ली.
एडीजी राजीव कृष्ण का कहना है कि, अब तक आगरा में 10 लोगों की शराब पीने से मौत का मामला सामने आया है. हर पहलू की जांच की जा रही है. जो दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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मुझे फटकार कर भगा दिया था
गांव देवरी निवासी इंदर ने बताया कि रक्षाबंधन के दिन उन्होंने गांव में शराब बेचने वाली पप्पू की पत्नी किशनी से एक क्वार्टर खरीदा था. जब उन्होंने क्वार्टर खोला और उसे पीने लगा तो आधा क्वार्टर पीने के बाद लगा कि शराब खराब है. तुरंत उल्टियां होने लगीं. इससे वह घबरा गए.
वह आधा क्वार्टर लेकर किशनी के पास गए. उसे बताया कि शराब सही नहीं है. इस पर किशनी ने उसे फटकारा और कहा कि तू ही शिकायत करने आया है, और कोई नहीं आया. इस पर उसने क्वार्टर की शराब नाली में फैला दी. अगर, पूरी शराब पी लेता तो शायद जिंदा न बचता.
संभाल कर रख ली थी क्वार्टर की शराब
गांव देवरी निवासी संजय ने बताया कि उसने एक क्वार्टर रक्षाबंधन के दिन किशनी से खरीदा था. जब क्वार्टर खोलकर शराब पीने लगा तो उसका स्वाद अजीब लगा. उसने आधी क्वार्टर पी और बाकी रख दी.
लेकिन, तभी उसे उल्टियां और घबराहट होने लगी. थोड़ी देर बाद वह सो गया. यदि पूरा क्वार्टर पी लेता तो जिंदा नहीं बचता. संजय ने बचे हुए क्वार्टर की शराब पुलिस को सबूत के तौर पर दी है ताकि मामले की जांच हो सके.
ताजगंज पुलिस ने अवैध शराब बेचने वाली किशनी को गिरफ्तार कर लिया. मगर, सवाल यह उठता है कि आखिर गांवों में किसकी सरपरस्ती में अवैध शराब का कारोबार हो रहा है. पुलिस और आबकारी की टीमें क्या कर रही हैं.
ग्रामीणों ने इस बारे में आगरा कमिश्नर अमित कुमार गुप्ता और एडीजी राजीव कृष्ण से भी शिकायत की है. लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हो रहा है.