आगरा. 25 मार्च को योगी सरकार का शपथ ग्रहण होना है. मंत्रिमंडल में कौन-कौन होंगे, इसका अनुमान ही लगाया जा सकता है लेकिन इस बार मंत्रिमंडल में आगरा के विधायकों की दावेदारी काफी मजबूत मानी जा रही है.
विधानसभा चुनाव 2022 में आगरा की जनता ने भाजपा को नौ विधायक दिए हैं. इनमें से कई की दावेदारी तो इतनी मजबूत है कि भाजपा आला पदाधिकारियों के लिए उन्हें मना करना काफी मुश्किल होगा. हालांकि पिछली योगी सरकार में भी आगरा से तीन राज्यमंत्री बनाए गए थे.
भाजपा बना रही है बेबी रानी को मायावती का विकल्प : उत्तराखंड की राज्यपाल रह चुकी बेबी रानी मौर्य आगरा ग्रामीण से चुनाव जीतीं हैं. वे पहली बार विधायक बनीं हैं. बेबी रानी मौर्य आगरा की महापौर भी रह चुकीं हैं. राजनीतिक विश्लेषक एसपी सिंह के मुताबिक भाजपा ने दूर की सोच और दलित वोटबैंक में सेंध लगाने के लिए ही बोबी रानी मौर्य को इस बार विधानसभा चुनाव मैदान में उतारा था. भाजपा उन्हें मायावती का विकल्प मानकर प्रोमोट कर रही है. इसलिए बेबी रानी मौर्य के डिप्टी सीएम बनाए जाने की चर्चा काफी गरम है.
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महिला कोटा से रानी पक्षालिका सिंह का दावा मजबूत : भाजपा विधायक रानी पक्षालिका सिंह भी योगी सरकार में मंत्री बनने की दावेदार है. भदावर राजघराने की रानी पक्षालिका सिंह दूसरी बार विधायक बनीं हैं. उच्च शिक्षा प्राप्त हैं और महिला कोटे से उनका दावा भी बेहद मजबूत है. वहीं, डॉ. धर्मपाल सिंह का भी दावा काफी मजबूत है. वह भी उच्च शिक्षा प्राप्त हैं और वे तीसरी बार विधायक बने हैं. क्षत्रिय समाज से हैं. वहीं अन्य सामाजिक और जातिगत समूहों में भी उनकी गहरी पैठ है.
इसी तरह आगरा दक्षिण से भाजपा विधायक योगेंद्र उपाध्याय का नाम भी मंत्री बनने की दौड़ में शामिल है. योगेंद्र उपाध्याय ब्राह्मण समाज से हैं. पिछली बार भी उनका नाम मंत्री पद के लिए चला था. मगर, उन्हें विधानसभा में मुख्य सचेतक बना दिया गया. इस बार उनका भी मंत्री बनने का दावा मजबूत है.
भाजपा का दलित चेहरा हैं डॉ. जी एस धर्मेश : पिछली योगी सरकार में राज्य मंत्री रहे डॉ. जीएस धर्मेश दूसरी बार आगरा की छावनी विधानसभा से विधायक बने हैं. राजनीतिक विश्लेषक एसपी सिंह बताते हैं कि डॉ. जी.एस धर्मेश भाजपा में दलित समाज का एक बड़ा चेहरा हैं. इसलिए उन्हें भी योगी सरकार में मंत्री पद मिल सकता है.
चौधरी बाबूलाल का भी दावा मजबूत : योगी सरकार में मंत्री रहे चौधरी उदयभान सिंह का टिकट काटकर चौधरी बाबूलाल को भाजपा ने फतेहपुर सीकरी से चुनाव मैदान में उतारा था. चौधरी बाबूलाल तीसरी बार विधायक बने हैं. वे पिछली योगी सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं. जाट समाज में उनकी पहचान है. चौधरी बाबूलाल को मंत्री बनाकर भाजपा जाट वोट बैंक पर अपनी पकड़ को और मजबूत करेगी जिससे 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को फायदा मिल सके.
ओबीसी कोटे से आए इन विधायकों का भी दावा मजबूत : भाजपा और सपा के बीच ओबीसी वोट बैंक को लेकर जबरदस्त खींचतान है. दोनों ही दल ओबीसी वोट बैंक में अपनी पैंठ का दावा करते हैं. निषाद समाज से आने वाले फतेहाबाद के भाजपा विधायक छोटेलाल वर्मा ओबीसी समाज से हैं. साथ ही खेरागढ़ से भाजपा विधायक भगवान सिंह कुशवाह भी तीसरी बार विधायक बने हैं. ऐसे में दोनों की ही दावेदारी काफी मजबूत मालूम पड़ती है.
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