आगरा: तमिलनाडु के कुन्नूर हेलीकॉप्टर हादसे (Coonoor helicopter accident in Tamilnadu) में शहीद सीडीएस बिपिन रावत (Martyr CDS Bipin Rawat) और अन्य शहीदों के पार्थिव शरीर गुरुवार की रात को राजधानी दिल्ली पहुंच गए. अब इस हादसे में हेलीकॉप्टर की कमान संभाल रहे शहीद विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान (Martyr Wing Commander Prithvi Singh Chauhan) का पार्थिव शरीर आगरा लाने के लिए परिजन दिल्ली पहुंच गए हैं. उनका पार्थिव शरीर आज ताजनगरी पहुंचेगा. जहां उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान व विधि-विधान से ताजगंज घाट पर किया जा किया जाएगा. जिसकी जिला प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है. इसकी जानकारी शहीद विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान के ममेरे भाई पुष्पेंद्र सिंह जादौन ने दी. उन्होंने कहा कि ताजगंज घाट पर ही शहीद के दादा-दीदी का भी अंतिम संस्कार हुआ था.
बता दें कि न्यू आगरा के सरन नगर निवासी 42 वर्षीय विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान का हेलीकॉप्टर तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार को आसमान में ही तकनीकी खराबी आने से दुर्घटना का शिकार हो गया था. हेलीकॉप्टर में सीडीएस बिपिन रावत, उनकी पत्नी और अन्य सेना के अफसर थे. हादसे में पृथ्वी सिंह चौहान के साथ सीडीएस बिपिन रावत और अन्य अफसर शहीद हो गए.
घर में मातम, पिता गुमसुम
न्यू आगरा के सरन नगर निवासी बेकरी कारोबारी सुरेंद्र सिंह चौहान को बुधवार को हेलीकॉप्टर हादसे और बेटा पृथ्वी के शहीद होने की खबर मिल गई थी. इसके बाद घर में मातम है. पिता सुरेंद्र सिंह चौहान इकलौता बेटा शहीद होने से गुमसुम हो गए हैं. बेटे की याद में उनकी आंखों से आंसू निकलते रहते हैं. विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान की मां सुशीला देवी का रो रोकर हाल बेहाल है. सरन नगर की हर आंख नम है गली में मातम छाया हुआ है. उनके विंग कमांडर पृथ्वी सिंह के शहीद होने की खबर मिलने के बाद से ही उनके घर सांत्वना देने वाले लोग पहुंच रहे हैं.
इसे भी पढ़ें -दिल्ली लाया गया जनरल बिपिन रावत का पार्थिव शरीर, आज होगा अंतिम संस्कार
बहन कर रही भाई की तस्वीर से बातें
न्यू आगरा के सरन नगर में होनहार विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान के शहीद होने से हर व्यक्ति उनकी सादगी और जांबाजी के किस्से साझा करते रहते हैं. जहां परिजन और रिश्तेदार रुंधे गले से उसकी बचपन की यादों में बार-बार खो जाते थे. वहीं, स्थानीय लोग उनकी जिंदादिली और मोटिवेशनल बातों को याद कर रहे हैं. हर व्यक्ति उनकी तस्वीर के आगे पुष्प अर्पित कर रहा है. पिछले 36 घंटों से विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान की बहन मीना चौहान के आंसू नहीं रुक रहे हैं. भाई की तस्वीर लेकर मीना सिंह कभी अपनी मां को ढांढस बनाती हैं तो कभी दूसरे कमरे में पिता के आंसुओं को पोछने की कोशिश करती हैं. इसके बाद मीना खुद अलग कमरे में फूट-फूटकर छोटे भाई के गम में रोने लगती हैं.
बिजनेस नहीं, देश सेवा चुनी
जांबाज विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान की मेहनत, सादगी और जज्बे का हर कोई कायल था. ममेरे भाई पुष्पेंद्र सिंह जादौन का कहना है कि, भैया जब भी घर आते थे तो पड़ोसियों और रिश्तेदारों से जरूर मिलते थे. वे बचपन से ही साहसी थे. हमेशा ही वे फौजियों की जांबाजी के किस्से सुनाते थे. भले ही फूफा का बड़ा बिजनेस था. बिजनेस फैमिली से ताल्लुक होने पर भी उनका सपना फौजी बनने का था. इसलिए उन्होंने साल 1990 में आर्मी स्कूल ज्वॉइन कर किया था.
राजकीय सम्मान से होगा अंतिम संस्कार
जिलाधिकारी प्रभु नारायण ने सिंह बताया कि शहीद विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान का राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. हालांकि पहले पोइया घाट स्थित श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार की बात कही गई थी, लेकिन अब परिजनों की ओर से ताजगंज घाट पर अंतिम संस्कार किए जाने की जानकारी बात कही गई है. जिसकी तैयारी की जा रही है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप