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बाह जिला बनाओ अभियान तेज, टीम भारतीय ने ग्रामीणों से किया जनसंपर्क

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में स्थित बाह तहसील को अलग जिला बनाने की मांग तेज होती जा रही है. अब बाह को जिला बनाने के अभियान के तहत टीम भारतीय लोगों से संपर्क कर रही है.

बाह जिला बनाओ अभियान तेज
बाह जिला बनाओ अभियान तेज
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Published : Dec 20, 2020, 11:14 AM IST

आगराः जिले में स्थित तहसील बाह को अलग जिला बनाने की मांग तेज हो गई है. इसके लिए टीम भारतीय गांव-गांव जाकर लोगों से संपर्क कर रही है. जनसमर्थन जुटाने के लिए लोगों के इसके फायदे समझा रही है.

लंबे समय से उठ रही मांग
बाह तहसील को जिला बनाने की मांग लंबे समय से होती रही है. मांग करने वालों का कहना है कि आगरा जनपद की सबसे बड़ी तहसील बाह है, जो की आगरा के जिला मुख्यालय से 80 किलोमीटर दूर है. यदि कोई जिला मुख्यालय जाए तो पहुंचने में पूरा दिन खराब हो जाता है. जब तक लोग जिला मुख्यालय पहुंचते हैं तब तक अधिकारियों से मुलाकात नहीं हो पाती. उन्हें बैरंग लौटना पड़ता है. साथ ही क्षेत्र का विकास भी बहुत ही धीमा है. इस कारण लोगों को खासी परेशानी होती है. तमाम राजनीतिक दलों व नेताओं ने बाह को जिला बनाने के वादे किए लेकिन लोगों की बाह जिला बनने की ख्वाहिश अधूरी रही. हर बार चुनावी वादों में बाह को जिला बनाने के लिए जनप्रतिनिधि अपने-अपने दावे ठोकते हैं कि उनकी सरकार आएगी तो बाह को जिला बनाया जाएगा पर मगर सरकारों के कार्यकाल पूरे हो जाते हैं और मांग पूरी नहीं होती.

धरना-हड़ताल तक हुईं
काफी बड़ी तहसील होने के कारण लोगों की यहां शुरू से ही अलग जिले की मांग रही है. कई बार समाजसेवियों ने जिला बनाने के लिए धरने तक दिए, भूख हड़ताल की. लखनऊ जाकर सरकार के नुमाइंदों को ज्ञापन तक सौंप दिया पर स्थिति जस की तस रही. कई बार सरकार ने प्रशासनिक अधिकारियों से जिला बनाने एवं भौगोलिक स्थिति जानने के लिए प्रस्ताव मांगा मगर बाह के जिला बनने की ख्वाहिश अखबारों की सुर्खियां बनने तक रह गईं.

टीम भारतीय का प्रयास
बाह को जिला बनाने के लिए टीम भारतीय प्रमुख घनश्याम भारतीय ने अपनी टीम के साथ लोगों से जनसंपर्क शुरू कर दिया है. जिला बनाने की मांग का अभियान तेज करते हुए वह लगातार बाह, पिनाहट, जैतपुर क्षेत्र में ग्रामीणों से संपर्क कर रहे हैं. लोगों को जिला बनने के फायदे बता रहे हैं. जिला बनने के बाद क्या विकास हो सकता है और क्या जरूरत पूरी हो सकती हैं, इसके लिए वह गांव-गांव जाकर टीम के साथ लोगों को जागरूक कर रहे हैं. इसके लिए रविवार को पिनाहट ब्लॉक क्षेत्र के गांव स्हाईपुरा, पिडोरा, बसई अरेला क्षेत्र में ग्रामीणों से संपर्क किया. इस अभियान में शामिल होने के लिए आग्रह किया. अब लोग जिला बनाने की मांग सोशल मीडिया के माध्यम से भी लगातार कर रहे हैं.

पूर्व में भी हो चुके हैं आंदोलन
बाह तहसील को जिला बनाने के लिए सरकार से कई बार कई सामाजिक संस्थाओं ने मांग की और ज्ञापन सौंपा. यहां तक की संस्थाओं द्वारा धरना-प्रदर्शन कर भूख हड़ताल तक की गई. चुनावी मुद्दों में बाह क्षेत्र को हर बार जिला बनाने के लिए जनता को आश्वासन दिया गया मगर अभी तक जिला बनाने का प्रस्ताव पास नहीं किया गया.

आगराः जिले में स्थित तहसील बाह को अलग जिला बनाने की मांग तेज हो गई है. इसके लिए टीम भारतीय गांव-गांव जाकर लोगों से संपर्क कर रही है. जनसमर्थन जुटाने के लिए लोगों के इसके फायदे समझा रही है.

लंबे समय से उठ रही मांग
बाह तहसील को जिला बनाने की मांग लंबे समय से होती रही है. मांग करने वालों का कहना है कि आगरा जनपद की सबसे बड़ी तहसील बाह है, जो की आगरा के जिला मुख्यालय से 80 किलोमीटर दूर है. यदि कोई जिला मुख्यालय जाए तो पहुंचने में पूरा दिन खराब हो जाता है. जब तक लोग जिला मुख्यालय पहुंचते हैं तब तक अधिकारियों से मुलाकात नहीं हो पाती. उन्हें बैरंग लौटना पड़ता है. साथ ही क्षेत्र का विकास भी बहुत ही धीमा है. इस कारण लोगों को खासी परेशानी होती है. तमाम राजनीतिक दलों व नेताओं ने बाह को जिला बनाने के वादे किए लेकिन लोगों की बाह जिला बनने की ख्वाहिश अधूरी रही. हर बार चुनावी वादों में बाह को जिला बनाने के लिए जनप्रतिनिधि अपने-अपने दावे ठोकते हैं कि उनकी सरकार आएगी तो बाह को जिला बनाया जाएगा पर मगर सरकारों के कार्यकाल पूरे हो जाते हैं और मांग पूरी नहीं होती.

धरना-हड़ताल तक हुईं
काफी बड़ी तहसील होने के कारण लोगों की यहां शुरू से ही अलग जिले की मांग रही है. कई बार समाजसेवियों ने जिला बनाने के लिए धरने तक दिए, भूख हड़ताल की. लखनऊ जाकर सरकार के नुमाइंदों को ज्ञापन तक सौंप दिया पर स्थिति जस की तस रही. कई बार सरकार ने प्रशासनिक अधिकारियों से जिला बनाने एवं भौगोलिक स्थिति जानने के लिए प्रस्ताव मांगा मगर बाह के जिला बनने की ख्वाहिश अखबारों की सुर्खियां बनने तक रह गईं.

टीम भारतीय का प्रयास
बाह को जिला बनाने के लिए टीम भारतीय प्रमुख घनश्याम भारतीय ने अपनी टीम के साथ लोगों से जनसंपर्क शुरू कर दिया है. जिला बनाने की मांग का अभियान तेज करते हुए वह लगातार बाह, पिनाहट, जैतपुर क्षेत्र में ग्रामीणों से संपर्क कर रहे हैं. लोगों को जिला बनने के फायदे बता रहे हैं. जिला बनने के बाद क्या विकास हो सकता है और क्या जरूरत पूरी हो सकती हैं, इसके लिए वह गांव-गांव जाकर टीम के साथ लोगों को जागरूक कर रहे हैं. इसके लिए रविवार को पिनाहट ब्लॉक क्षेत्र के गांव स्हाईपुरा, पिडोरा, बसई अरेला क्षेत्र में ग्रामीणों से संपर्क किया. इस अभियान में शामिल होने के लिए आग्रह किया. अब लोग जिला बनाने की मांग सोशल मीडिया के माध्यम से भी लगातार कर रहे हैं.

पूर्व में भी हो चुके हैं आंदोलन
बाह तहसील को जिला बनाने के लिए सरकार से कई बार कई सामाजिक संस्थाओं ने मांग की और ज्ञापन सौंपा. यहां तक की संस्थाओं द्वारा धरना-प्रदर्शन कर भूख हड़ताल तक की गई. चुनावी मुद्दों में बाह क्षेत्र को हर बार जिला बनाने के लिए जनता को आश्वासन दिया गया मगर अभी तक जिला बनाने का प्रस्ताव पास नहीं किया गया.

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