आगराः ताजनगरी के जिला जेल में रविवार सुबह प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की टीम पहुंची. अधिकारियों ने जिला जेल में बैरकों की तलाशी ली. इससे जिला जेल में खलबली मच गई. पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की टीम ने जेल की 15 बैरक और अस्पताल में तलाशी अभियान चलाया. हालांकि इस दौरान अधिकारियों को कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली. अधिकारियों का कहना है कि समय-समय पर इस तरह की चेकिंग होती रहेगी.
दरअसल, बरेली और चित्रकूट जेल में माफिया अतीक अहमद का भाई अशरफ और माफिया मुख्तार अंसारी का बेटा अब्बास अंसारी अपनी पहुंच और हनक के दम पर गैंग ऑपरेट कर रहे थे, जब इसका खुलासा हुआ तो जेल महकमे की खूब किरकिरी हुई. इसके बाद माफिया और जेल कर्मचारियों के गठजोड़ को तोड़ने के लिए जिम्मेदार जेल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई. बता दें कि सरकार यूपी की जेलों में गुंडा, बदमाश, माफिया और जेल कर्मचारियों का गठजोड़ नहीं बनने देना चाहती है. इसलिए, योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं.
बता दें कि डीएम आगरा नवनीत सिंह चहल और आगरा पुलिस कमिश्नर डाॅ. प्रीतेंद्र सिंह के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट आनंद कुमार और एसीपी हरिपर्वत मयंक तिवारी के साथ पुलिस बल रविवार सुबह जिला जेल पहुंचा. सिटी मजिस्ट्रेट आनंद कुमार और एसीपी मयंक तिवारी समेत अन्य अधिकारियों की टीम ने जिला जेल में बैरकों की तलाशी ली. करीब एक घंटे से ज्यादा समय तक अधिकारी जिला जेल में रहे. इस दौरान अधिकारियों ने करीब 15 बैरकों की तलाशी ली. इसके साथ ही जेल परिसर में स्थित अस्पताल का भी औचक निरीक्षण किया. इस दौरान जेल अधिकारी भी साथ रहे. सिटी मजिस्ट्रेट आनंद कुमार ने बताया कि जिला जेल में किसी भी प्रकार की कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है. जेल में सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं, मगर आगे इस तरह का अभियान चलाकर तलाशी ली जाएगी.
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