आगरा: कोरोना संक्रमण से 188 दिन की लंबी बंदी के बाद ताजमहल और आगरा किला 21 सितंबर को अनलॉक हो गए. अभी भी ताजमहल की शाही मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए नमाजियों को इंतजार करना होगा. क्योंकि आगरा में अभी भी कोरोना संक्रमण के चलते धार्मिक स्थल बंद हैं. इसलिए शुक्रवार को ताजमहल की शाही मस्जिद में नमाज की इजाजत नहीं मिली.
ताजनगरी में कोरोना संक्रमण शहर से देहात तक कोहराम मचा रहा है. हर दिन 100 से ज्यादा नए संक्रमित मिल रहे हैं. इसको लेकर जिला प्रशासन सतर्क है. जिला प्रशासन ने कोरोना संक्रमण के चलते धार्मिक स्थल खोलने की अभी अनुमति नहीं दी है. लॉक डाउन के बाद से जिले के मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर और अन्य धार्मिक स्थल बंद हैं. एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद वसंत कुमार स्वर्णकार ने बताया कि शुक्रवार को साप्ताहिक बंदी में भी नमाजियों के लिए दो घंटे के लिए ताजमहल खोला जाता है, लेकिन जिला प्रशासन ने अभी धार्मिक गतिविधियों की इजाजत नहीं दी है. इसलिए नमाजियों के लिए आज ताजमहल बंद रहा.
ताजमहल इंतजामिया कमेटी के अध्यक्ष सैयद इब्राहिम जैदी ने बताया कि शुक्रवार को ताजमहल की शाही मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए नमाजी न आएं, यह अपील की थी. अभी जिला प्रशासन ने धार्मिक गतिविधियों की अनुमति नहीं दी है. अगले शुक्रवार तक यदि नमाज की अनुमति मिलती है, तो गाइडलाइन के अनुसार ही लोगों को ताजमहल की शाही मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए प्रवेश दिया जाएगा.
ताजमहल सप्ताह में शुक्रवार को बंद रहता है, लेकिन शुक्रवार को ताजमहल के दरवाजे दो घंटे नमाजियों के लिए खुलते हैं. पहचान पत्र या आधार कार्ड दिखाकर नमाजियों को नि:शुल्क ताजमहल में प्रवेश दिया जाता है, जिससे वे ताजमहल की शाही मस्जिद में नमाज पढ़ सकें.