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सुरेश रैना में बाकी थी अभी और क्रिकेट : कोच पीके गुप्ता

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Published : Aug 19, 2020, 1:40 AM IST

एमएस धोनी के साथ लंबे समय तक भारतीय टीम के लिए खेलने वाले सुरेश रैना ने अपने पूर्व कप्तान के साथ ही इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया. 2003 से 2007 तक रैना के शुरुआती कोच रहे पूर्व रणजी खिलाड़ी पीके गुप्ता ने ईटावी भारत से रैना से जुड़े कई पहलुओं पर बातचीत की.

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सुरेश रैना के साथ कोच पीके गुप्ता.

आगरा: कैप्टन कूल धोनी के इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने के कुछ देर बाद ही सुरेश रैना ने भी सबको चौंका दिया. रैना ने भी संन्यास की घोषणा कर दी. दोनों की जोड़ी ने मिलकर कई बड़े मैचों में शानदार जीत दर्ज कराई है. धोनी और रैना के इस तरह संन्यास लेने से क्रिकेट प्रेमी हैरान हैं. वहीं इंटरनेशनल क्रिकेटर सुरेश रैना के 2003 से 2007 तक कोच रहे क्रिकेटर पीके गुप्ता ने ईटीवी भारत से रैना से जुड़े कई पहलुओं पर बातचीत की.

सुरेश रैना के शुरुआती कोच पीके गुप्ता से ईटीवी भारत की बातचीत.
मेरी भविष्यवाणी समझी थी रैना ने मजाक, दोनों हुईं सच पूर्व रणजी खिलाड़ी व कोच पीके गुप्ता ने बताया कि साल 2003 में सुरेश रैना गोमतीनगर (लखनऊ) स्पोर्ट्स हॉस्टल आए थे. उस समय रैना अंडर-19 खेल कर उनके पास पहुंचे थे. उनके खेल को देख कर एक माह बाद मैंने कहा था कि एक दिन वह भारतीय टीम में जरूर खेलेंगे और इंडिया टीम में कप्तान भी बनेंगे. इस पर सुरेश रैना ने हंसते हुए कहा था, गुरुजी यह मजाक है. मैंने कहा था कि तुम ऐसी लगन से यदि खेलते रहोगे तो भारतीय टीम में जरूर जगह बनाओगे. जब श्रीलंका के खिलाफ साल 2005 में सुरेश रैना का चयन हुआ तो उन्होंने फोन करके मुझसे कहा था कि गुरुजी आपकी एक बात सच हो गई और फिर जब जिंबाब्वे के खिलाफ इंडियन टीम की कमान सुरेश रैना को सौंपी गई तो भी सुरेश रैना ने मुझे फोन करके कहा था कि गुरुजी आपकी दूसरी भविष्यवाणी भी सच हो गई. जजमेंट बेहतरीन और शानदार फील्डर हैं रैनाकोच पीके गुप्ता ने बताया कि सुरेश रैना में रनों की भूख है. उनकी अपनी इंनिग को लेकर रणनीति बढ़िया थी. उनका फील्डिंग का बैलेंस बहुत अच्छा है. कैच पकड़ने का जजमेंट अच्छा है. इसलिए सुरेश रैना विश्व के बेहतरीन फील्डरों में शामिल हैं. भारतीय टीम के लिए गिफ्ट था रैनाकोच पीके गुप्ता का कहना है कि अभी सुरेश रैना की एक साल की क्रिकेट बाकी थी. अभी उन्हें संन्यास के लिए एक साल और इंतजार करना चाहिए था. सुरेश रैना में अभी कम बैक करने की क्षमता थी. उन्होंने कहा कि रैना शानदार बल्लेबाज, बॉलर और बेहतरीन फील्डर हैं. वो भारतीय टीम के लिए एक गिफ्ट थे. ऐसा खिलाड़ी सदी में कभी-कभी होता है.


रैना के खेल से कोच सम्मानित महसूस करते थे
कोच पीके गुप्ता का कहना है कि रैना जब भारतीय टीम के लिए मैच खेलते थे तो वह गौरवान्वित महसूस करते थे. रणजी मैच खेल चुके पीके गुप्ता का का कहना है कि मैं भले ही इंटरनेशनल क्रिकेट नहीं खेल पाया, लेकिन हमारा शिष्य रैना देश के लिए खेला है, यही हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है. रैना के भारतीय टीम में खेलने से प्रदेश सरकार ने मुझे दो लाख रुपये पुरुस्कार दिया था. इसके अलावा मुझे बेस्ट कोच ऑफ डिपार्टमेंट सम्मान से नवाजा गया.

भारतीय क्रिकेट टीम के मिडिल ऑर्डर को रैना ने धोनी और युवराज सिंह के साथ मजबूत किया. दोनों के साथ मैच जिताऊ पारियां खेलीं. रैना ने भारतीय टीम के लिए 18 टेस्ट, 226 वन डे और 78 टी-20 मैच खेले. रैना ने आईपीएल में 193 मैच खेले हैं, जिसमें 5,368 रन बनाए और 25 विकेट भी लिए हैं.

आगरा: कैप्टन कूल धोनी के इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने के कुछ देर बाद ही सुरेश रैना ने भी सबको चौंका दिया. रैना ने भी संन्यास की घोषणा कर दी. दोनों की जोड़ी ने मिलकर कई बड़े मैचों में शानदार जीत दर्ज कराई है. धोनी और रैना के इस तरह संन्यास लेने से क्रिकेट प्रेमी हैरान हैं. वहीं इंटरनेशनल क्रिकेटर सुरेश रैना के 2003 से 2007 तक कोच रहे क्रिकेटर पीके गुप्ता ने ईटीवी भारत से रैना से जुड़े कई पहलुओं पर बातचीत की.

सुरेश रैना के शुरुआती कोच पीके गुप्ता से ईटीवी भारत की बातचीत.
मेरी भविष्यवाणी समझी थी रैना ने मजाक, दोनों हुईं सच पूर्व रणजी खिलाड़ी व कोच पीके गुप्ता ने बताया कि साल 2003 में सुरेश रैना गोमतीनगर (लखनऊ) स्पोर्ट्स हॉस्टल आए थे. उस समय रैना अंडर-19 खेल कर उनके पास पहुंचे थे. उनके खेल को देख कर एक माह बाद मैंने कहा था कि एक दिन वह भारतीय टीम में जरूर खेलेंगे और इंडिया टीम में कप्तान भी बनेंगे. इस पर सुरेश रैना ने हंसते हुए कहा था, गुरुजी यह मजाक है. मैंने कहा था कि तुम ऐसी लगन से यदि खेलते रहोगे तो भारतीय टीम में जरूर जगह बनाओगे. जब श्रीलंका के खिलाफ साल 2005 में सुरेश रैना का चयन हुआ तो उन्होंने फोन करके मुझसे कहा था कि गुरुजी आपकी एक बात सच हो गई और फिर जब जिंबाब्वे के खिलाफ इंडियन टीम की कमान सुरेश रैना को सौंपी गई तो भी सुरेश रैना ने मुझे फोन करके कहा था कि गुरुजी आपकी दूसरी भविष्यवाणी भी सच हो गई. जजमेंट बेहतरीन और शानदार फील्डर हैं रैनाकोच पीके गुप्ता ने बताया कि सुरेश रैना में रनों की भूख है. उनकी अपनी इंनिग को लेकर रणनीति बढ़िया थी. उनका फील्डिंग का बैलेंस बहुत अच्छा है. कैच पकड़ने का जजमेंट अच्छा है. इसलिए सुरेश रैना विश्व के बेहतरीन फील्डरों में शामिल हैं. भारतीय टीम के लिए गिफ्ट था रैनाकोच पीके गुप्ता का कहना है कि अभी सुरेश रैना की एक साल की क्रिकेट बाकी थी. अभी उन्हें संन्यास के लिए एक साल और इंतजार करना चाहिए था. सुरेश रैना में अभी कम बैक करने की क्षमता थी. उन्होंने कहा कि रैना शानदार बल्लेबाज, बॉलर और बेहतरीन फील्डर हैं. वो भारतीय टीम के लिए एक गिफ्ट थे. ऐसा खिलाड़ी सदी में कभी-कभी होता है.


रैना के खेल से कोच सम्मानित महसूस करते थे
कोच पीके गुप्ता का कहना है कि रैना जब भारतीय टीम के लिए मैच खेलते थे तो वह गौरवान्वित महसूस करते थे. रणजी मैच खेल चुके पीके गुप्ता का का कहना है कि मैं भले ही इंटरनेशनल क्रिकेट नहीं खेल पाया, लेकिन हमारा शिष्य रैना देश के लिए खेला है, यही हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है. रैना के भारतीय टीम में खेलने से प्रदेश सरकार ने मुझे दो लाख रुपये पुरुस्कार दिया था. इसके अलावा मुझे बेस्ट कोच ऑफ डिपार्टमेंट सम्मान से नवाजा गया.

भारतीय क्रिकेट टीम के मिडिल ऑर्डर को रैना ने धोनी और युवराज सिंह के साथ मजबूत किया. दोनों के साथ मैच जिताऊ पारियां खेलीं. रैना ने भारतीय टीम के लिए 18 टेस्ट, 226 वन डे और 78 टी-20 मैच खेले. रैना ने आईपीएल में 193 मैच खेले हैं, जिसमें 5,368 रन बनाए और 25 विकेट भी लिए हैं.

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