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ये हैं ताजनगरी के 'लॉकडाउन मैन', अब पुलिस के लिए जनता को करेंगे जागरूक

अपनी मेहनत और समाजसेवा के प्रति समर्पण के बल पर आगरा के एक शिक्षक ने अपनी अलग पहचान बना ली है. इनका नाम है विजय कुमार गौतम. लोग उन्हें 'लॉकडाउन मैन' के नाम से जानते हैं. वह शहर में न सिर्फ गंदगी को बीनते हैं, बल्कि सड़क पर थूकने वाले लोगों को भी टोककर हिंदी और अंग्रेजी में नसीहत देते हैं. लॉकडाउन के दौरान विजय कुमार गौतम ने आगरा में लोगों को जागरुक करने के काम को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया.

ताजनगरी के 'लॉकडाउन मैन'.
ताजनगरी के 'लॉकडाउन मैन'.
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Published : Feb 15, 2021, 1:06 PM IST

आगरा : एक हाथ में तिरंगा और माइक, दूसरे हाथ में स्लोगन की तख्ती. गले में स्लोगन लिखा बैनर, अब यही इनकी पहचान है. जी हां, शख्स हैं ताजनगरी के लॉकडाउन मैन यानी विजय कुमार गौतम की. विजय पेशे से शिक्षक हैं, मगर, उन्हें दूसरों की जिंदगी की बहुत परवाह है. 10 माह से लॉकडाउन मैन शहर में स्वच्छता का संदेश, चौराहों पर आमजन को यातायात नियमों की नसीहत देते हैं. वहीं अब लॉकडाउन मैन आए दिन पुलिस पर हो रहे हमले से ज्यादा दुखी हैं. अब 'लॉकडाउन मैन' ने लोगों को जागरूक करने की ठान ली है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट.

आवास विकास कॉलोनी सेक्टर-8 निवासी 60 वर्षीय विजय कुमार गौतम पेशे से अंग्रेजी के अध्यापक हैं. कोचिंग देकर अपने परिवार की गुजर-बसर कर रहे हैं. परिवार में पत्नी और एक बेटा है, बेटी की शादी कर दी है. वह हर दिन शहर के सड़कों पर लोगों को जागरूक करने निकलते हैं. दरअसल यह लॉकडाउन में लोगों की मदद के लिए सड़कों पर उतरे थे, तब से अब यह उनकी दिनचर्या बन गई है.

ताजनगरी के 'लॉकडाउन मैन'.
ताजनगरी के 'लॉकडाउन मैन'.

यूं पड़ गया 'लॉकडाउन मैन' नाम
लॉकडाउन मैन उर्फ विजय कुमार गौतम का कहना है कि, कोरोना महामारी के चलते मार्च 2020 में लॉकडाउन लग गया. इसके चलते तमाम लोग बेरोजगार हो गए, उसमें मैं भी उनमें शामिल था. मेरे पड़ोस में हालात ऐसे बने कि, लोगों के सामने खाने का संकट आ गया. अपने लोगों की यह हालत देख कर मैंनें मदद के लिए गुहार लगाई. लेकिन कई लोगों ने मदद दी, तो कईयों ने दुत्कार करके भेज दिया. लेकिन, मैंने हार नहीं मानी. लॉकडाउन में लोगों को राशन सामग्री के पैकेट, सैनिटाइजर, दवाएं और अन्य जरूरी चीजें उपलब्ध कराईं. तभी से मेरा नाम 'लॉकडाउन मैन' पड़ गया.

ताजनगरी के 'लॉकडाउन मैन'.
ताजनगरी के 'लॉकडाउन मैन'.

कूड़ा बीनकर रास्तों को किया साफ
लॉकडाउन मैन ने बताया कि, हर दिन सुबह घर से निकल जाता हूं. जिस रास्ते से पैदल निकलता हूं, अगर वहां गंदगी दिखती है तो उसे उठाकर कचरे के डिब्बे में डालता हूं. इसना ही नहीं सड़क पर थूकने वालों को भी टोकता हूं, उन्हें जागरूक करता हूं. हिंदी और अंग्रेजी में चौराहों, तिराहों और बाजारों में खड़े होकर माइक से लोगों को स्वच्छता का संदेश देता हूं.

ताजनगरी के 'लॉकडाउन मैन'.
ताजनगरी के 'लॉकडाउन मैन'.

पुलिस का सम्मान करे जनता
लॉकडाउन मैन उर्फ विजय कुमार गौतम का कहना है कि, जुलाई में बिकरू कांड, आगरा में पुलिस पर हमला और अब कासगंज में जिस तरह से शराब माफिया ने पुलिस टीम पर हमला किया. जिसमें आगरा के सिपाही देवेंद्र कुमार शहीद हो गए. उन्होंने कहा कि यह गलत है. पुलिस हमारी रक्षक है, प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी भी हमारे मददगार हैं. विजय गौतम ने कहा कि पुलिस को पूरी तैयारी के साथ ऐसे अपराधी प्रवृत्ति के लोगों को पकड़ने के लिए जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि हम सबको पुलिस और प्रशासनिक कर्मचारियों को सम्मान देना चाहिए. इसके साथ ही लॉकडाउन मैन ने पुलिस अधिकारियों से मांग किया कि, जो पुलिस और प्रशासनिक कर्मचारियों पर हमला करते हैं. उन्हें सख्त सजा दी जाए.

आगरा : एक हाथ में तिरंगा और माइक, दूसरे हाथ में स्लोगन की तख्ती. गले में स्लोगन लिखा बैनर, अब यही इनकी पहचान है. जी हां, शख्स हैं ताजनगरी के लॉकडाउन मैन यानी विजय कुमार गौतम की. विजय पेशे से शिक्षक हैं, मगर, उन्हें दूसरों की जिंदगी की बहुत परवाह है. 10 माह से लॉकडाउन मैन शहर में स्वच्छता का संदेश, चौराहों पर आमजन को यातायात नियमों की नसीहत देते हैं. वहीं अब लॉकडाउन मैन आए दिन पुलिस पर हो रहे हमले से ज्यादा दुखी हैं. अब 'लॉकडाउन मैन' ने लोगों को जागरूक करने की ठान ली है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट.

आवास विकास कॉलोनी सेक्टर-8 निवासी 60 वर्षीय विजय कुमार गौतम पेशे से अंग्रेजी के अध्यापक हैं. कोचिंग देकर अपने परिवार की गुजर-बसर कर रहे हैं. परिवार में पत्नी और एक बेटा है, बेटी की शादी कर दी है. वह हर दिन शहर के सड़कों पर लोगों को जागरूक करने निकलते हैं. दरअसल यह लॉकडाउन में लोगों की मदद के लिए सड़कों पर उतरे थे, तब से अब यह उनकी दिनचर्या बन गई है.

ताजनगरी के 'लॉकडाउन मैन'.
ताजनगरी के 'लॉकडाउन मैन'.

यूं पड़ गया 'लॉकडाउन मैन' नाम
लॉकडाउन मैन उर्फ विजय कुमार गौतम का कहना है कि, कोरोना महामारी के चलते मार्च 2020 में लॉकडाउन लग गया. इसके चलते तमाम लोग बेरोजगार हो गए, उसमें मैं भी उनमें शामिल था. मेरे पड़ोस में हालात ऐसे बने कि, लोगों के सामने खाने का संकट आ गया. अपने लोगों की यह हालत देख कर मैंनें मदद के लिए गुहार लगाई. लेकिन कई लोगों ने मदद दी, तो कईयों ने दुत्कार करके भेज दिया. लेकिन, मैंने हार नहीं मानी. लॉकडाउन में लोगों को राशन सामग्री के पैकेट, सैनिटाइजर, दवाएं और अन्य जरूरी चीजें उपलब्ध कराईं. तभी से मेरा नाम 'लॉकडाउन मैन' पड़ गया.

ताजनगरी के 'लॉकडाउन मैन'.
ताजनगरी के 'लॉकडाउन मैन'.

कूड़ा बीनकर रास्तों को किया साफ
लॉकडाउन मैन ने बताया कि, हर दिन सुबह घर से निकल जाता हूं. जिस रास्ते से पैदल निकलता हूं, अगर वहां गंदगी दिखती है तो उसे उठाकर कचरे के डिब्बे में डालता हूं. इसना ही नहीं सड़क पर थूकने वालों को भी टोकता हूं, उन्हें जागरूक करता हूं. हिंदी और अंग्रेजी में चौराहों, तिराहों और बाजारों में खड़े होकर माइक से लोगों को स्वच्छता का संदेश देता हूं.

ताजनगरी के 'लॉकडाउन मैन'.
ताजनगरी के 'लॉकडाउन मैन'.

पुलिस का सम्मान करे जनता
लॉकडाउन मैन उर्फ विजय कुमार गौतम का कहना है कि, जुलाई में बिकरू कांड, आगरा में पुलिस पर हमला और अब कासगंज में जिस तरह से शराब माफिया ने पुलिस टीम पर हमला किया. जिसमें आगरा के सिपाही देवेंद्र कुमार शहीद हो गए. उन्होंने कहा कि यह गलत है. पुलिस हमारी रक्षक है, प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी भी हमारे मददगार हैं. विजय गौतम ने कहा कि पुलिस को पूरी तैयारी के साथ ऐसे अपराधी प्रवृत्ति के लोगों को पकड़ने के लिए जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि हम सबको पुलिस और प्रशासनिक कर्मचारियों को सम्मान देना चाहिए. इसके साथ ही लॉकडाउन मैन ने पुलिस अधिकारियों से मांग किया कि, जो पुलिस और प्रशासनिक कर्मचारियों पर हमला करते हैं. उन्हें सख्त सजा दी जाए.

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