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न्यूक्लिक एसिड जांच ने बचाई कई जान, एचआईवी संक्रमण से हुआ बचाव - world aids day in agra

आज विश्व एड्स दिवस है. आज के दिन दुनिया भर में एचआईवी एड्स की जागरूकता और बचाव को लेकर कार्यक्रम आयोजित होते हैं. आज हम बात करेंगे, एसएन मेडिकल कॉलेज (एसएनएमसी) की ब्लड बैंक में शुरू हुए न्यूक्लिक एसिड जांच की, जिससे एचआईवी, हेपेटाइटिस बी और सी के संक्रमण से दर्जनों लोग बच गए.

आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक में शुरू हुआ न्यूक्लिक एसिड टेस्ट.
आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक में शुरू हुआ न्यूक्लिक एसिड टेस्ट.
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Published : Dec 1, 2020, 1:17 PM IST

आगरा: एसएन मेडिकल कॉलेज (एसएनएमसी) ब्लड बैंक में चार माह पहले न्यूक्लिक एसिड जांच की शुरुआत हुई थी. न्यूक्लिक एसिड जांच में अब तक 14 ऐसे गंभीर बीमारियों के संक्रमित पकड़ में आए हैं, जिनकी रैपिड और एलाइजा टेस्ट निगेटिव आई थी. मगर, न्यूक्लिक एसिड टेस्ट में जांच पॉजिटिव आई है. यह वे लोग हैं जो ब्लड बैंक में ब्लड डोनेट करने पहुंचे थे. यदि यहां पर न्यूक्लिक एसिड जांच नहीं होती तो संक्रमित व्यक्ति का ब्लड चढ़ाए जाने से दूसरे भी संक्रमित हो जाते.

आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक में शुरू हुआ न्यूक्लिक एसिड टेस्ट.
आगरा में एचआईवी एड्स के आंकड़े डराने वाले हैं. एसएनएमसी के एआरटी सेंटर में 10,391 एचआईवी संक्रमित पंजीकृत हैं. इसमें 7,520 हेट्रोसेक्सुअल संबंध, 163 मैन-टू-मैन (समलैंगिक) संबंध, 132 ड्रग्स इंजेक्शन लगाने से, 460 ब्लड ट्रांसफ्यूजन और 664 मां से बच्चे एचआईवी संक्रमित होने वाले शामिल हैं. 14 संक्रमित न्यूक्लिक एसिड टेस्ट में पकड़े एसएनएमसी की ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. नीतू चौहान का कहना है कि अगस्त में न्यूक्लिक एसिड टेस्ट की शुरुआत हुई थी. इन 4 माह में 14 ऐसे केस सामने आए हैं, जिनमें रैपिड और एलाइजा टेस्ट में रिपोर्ट निगेटिव आई थी, लेकिन न्यूक्लिक एसिड टेस्ट में यह लोग संक्रमित मिले. इनमें सबसे ज्यादा आठ केस हेपेटाइटिस बी के हैं. चार केस हेपेटाइटिस सी और दो एचआईवी के थे.
एचआईवी का विंडो पीरियड रह गया तीन दिन
एसएनएमसी की ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. नीतू चौहान का कहना है कि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति अपनी जांच कराने जाता है. एचआईवी के एंटीबॉडी डिटेक्शन का 22 दिन का विंडो पीरियड है. एलाइजा या रेपिड टेस्ट में एचआईवी संक्रमण का पता चलता है. सभी ब्लड बैंक में इसी तरह से एचआईवी की जांच होती है. मगर एसएनएमसी की ब्लड बैंक में नेट की व्यवस्था की गई है. यहां पर अब न्यूक्लिक एसिड टेस्ट से जांच की जाती है. न्यूक्लिक एसिड टेस्ट से एचआईवी का विंडो 22 दिन से घट कर तीन दिन में एचआईवी संक्रमित होने का पता चल रहा है. यानी व्यक्ति के संक्रमित होने के 3 दिन बाद ही जांच रिपोर्ट तैयार की जाती है.

ब्लड बैंक लगाएगी शहर में जांच कैंप
एसएनएमसी की ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. नीतू चौहान का कहना है कि दिसंबर के पहले सप्ताह में एसएनएमसी की ब्लड बैंक की ओर से क्षेत्रों में कैंप लगाकर लोगों की जांच की जाएगी. यहां पर लोगों के ब्लड की जांच की जाएगी, जिनमें एचआईवी, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी सहित अन्य तमाम जांचें शामिल हैं. वीडीआरएल इंफेक्शन की जांच की जाएगी, जो भी संक्रमित मिलेगा. उसे फोन से सूचना दी जाएगी.

एसएनएमसी की ब्लड बैंक में शुरू की गई न्यूक्लिक एसिड जांच से एचआईवी, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी और अन्य गंभीर संक्रमण का विंडो पीरियड कम हो गया है. इससे संक्रमण की चेन भी ब्रेक करने में चिकित्सकों को मदद मिल रही है.

डॉ. नीतू चौहान, प्रभारी, ब्लड बैंक, एसएनएमसी

आगरा: एसएन मेडिकल कॉलेज (एसएनएमसी) ब्लड बैंक में चार माह पहले न्यूक्लिक एसिड जांच की शुरुआत हुई थी. न्यूक्लिक एसिड जांच में अब तक 14 ऐसे गंभीर बीमारियों के संक्रमित पकड़ में आए हैं, जिनकी रैपिड और एलाइजा टेस्ट निगेटिव आई थी. मगर, न्यूक्लिक एसिड टेस्ट में जांच पॉजिटिव आई है. यह वे लोग हैं जो ब्लड बैंक में ब्लड डोनेट करने पहुंचे थे. यदि यहां पर न्यूक्लिक एसिड जांच नहीं होती तो संक्रमित व्यक्ति का ब्लड चढ़ाए जाने से दूसरे भी संक्रमित हो जाते.

आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक में शुरू हुआ न्यूक्लिक एसिड टेस्ट.
आगरा में एचआईवी एड्स के आंकड़े डराने वाले हैं. एसएनएमसी के एआरटी सेंटर में 10,391 एचआईवी संक्रमित पंजीकृत हैं. इसमें 7,520 हेट्रोसेक्सुअल संबंध, 163 मैन-टू-मैन (समलैंगिक) संबंध, 132 ड्रग्स इंजेक्शन लगाने से, 460 ब्लड ट्रांसफ्यूजन और 664 मां से बच्चे एचआईवी संक्रमित होने वाले शामिल हैं. 14 संक्रमित न्यूक्लिक एसिड टेस्ट में पकड़े एसएनएमसी की ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. नीतू चौहान का कहना है कि अगस्त में न्यूक्लिक एसिड टेस्ट की शुरुआत हुई थी. इन 4 माह में 14 ऐसे केस सामने आए हैं, जिनमें रैपिड और एलाइजा टेस्ट में रिपोर्ट निगेटिव आई थी, लेकिन न्यूक्लिक एसिड टेस्ट में यह लोग संक्रमित मिले. इनमें सबसे ज्यादा आठ केस हेपेटाइटिस बी के हैं. चार केस हेपेटाइटिस सी और दो एचआईवी के थे.
एचआईवी का विंडो पीरियड रह गया तीन दिन
एसएनएमसी की ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. नीतू चौहान का कहना है कि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति अपनी जांच कराने जाता है. एचआईवी के एंटीबॉडी डिटेक्शन का 22 दिन का विंडो पीरियड है. एलाइजा या रेपिड टेस्ट में एचआईवी संक्रमण का पता चलता है. सभी ब्लड बैंक में इसी तरह से एचआईवी की जांच होती है. मगर एसएनएमसी की ब्लड बैंक में नेट की व्यवस्था की गई है. यहां पर अब न्यूक्लिक एसिड टेस्ट से जांच की जाती है. न्यूक्लिक एसिड टेस्ट से एचआईवी का विंडो 22 दिन से घट कर तीन दिन में एचआईवी संक्रमित होने का पता चल रहा है. यानी व्यक्ति के संक्रमित होने के 3 दिन बाद ही जांच रिपोर्ट तैयार की जाती है.

ब्लड बैंक लगाएगी शहर में जांच कैंप
एसएनएमसी की ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. नीतू चौहान का कहना है कि दिसंबर के पहले सप्ताह में एसएनएमसी की ब्लड बैंक की ओर से क्षेत्रों में कैंप लगाकर लोगों की जांच की जाएगी. यहां पर लोगों के ब्लड की जांच की जाएगी, जिनमें एचआईवी, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी सहित अन्य तमाम जांचें शामिल हैं. वीडीआरएल इंफेक्शन की जांच की जाएगी, जो भी संक्रमित मिलेगा. उसे फोन से सूचना दी जाएगी.

एसएनएमसी की ब्लड बैंक में शुरू की गई न्यूक्लिक एसिड जांच से एचआईवी, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी और अन्य गंभीर संक्रमण का विंडो पीरियड कम हो गया है. इससे संक्रमण की चेन भी ब्रेक करने में चिकित्सकों को मदद मिल रही है.

डॉ. नीतू चौहान, प्रभारी, ब्लड बैंक, एसएनएमसी

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