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अंग्रेजी हुकूमत में DSP की नौकरी छोड़ 'अंग्रेजों भारत छोड़ो' आंदोलन से जुड़े थे शंभूनाथ चतुर्वेदी, बने थे नगर प्रमुख - ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय

यूपी के आगरा जिले के बाह गांव के शंभूनाथ चतुर्वेदी सन् 1960 में नगर प्रमुख बने थे. 1948 में जिला परिषद के चेयरमैन, 1952 में बाह गांव से विधायक और फिर 1977 में वह सांसद बने.

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Published : Apr 19, 2023, 10:38 AM IST

Updated : Apr 19, 2023, 5:17 PM IST

आगरा : अंग्रेजी हकूमत में डीएसपी की नौकरी छोड़कर बाह गांव के शंभूनाथ चतुर्वेदी उस वक्त राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ जुड गए थे. 'अंग्रेजों भारत छोड़ो' आंदोलन में शामिल हुए. सन् 1960 के नगर महापालिका चुनाव में स्वर्गीय शंभूनाथ चतुर्वेदी पहले नगर प्रमुख बने थे. कांग्रेस और रिपब्लिकन पार्टी ने गठबंधन में कांग्रेस से शंभूनाथ चतुर्वेदी चुनाव में उतरे थे. तब रिपब्लिकन पार्टी के सदस्य को उप नगर प्रमुख बनाया गया था.


बता दें कि, बाह गांव निवासी शंभूनाथ चतुर्वेदी अंग्रेजी हुकूमत में डीएसपी थे. देश में आजादी का बिगुल बज चुका था. आंदोलन चरम पर था. ऐसे में शंभूनाथ चतुर्वेदी भी महात्मा गांधी से प्रभावित हुए. उन्होंने सन 1942 में डीएसपी पद से इस्तीफा दे दिया. फिर, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन से जुड़ गए. तब उन्होंने सेंट जॉन्स कॉलेज में जनसभा की तो उन्हें अंग्रेजी हुकूमत ने गिरफ्तार कर लिया. करीब तीन साल शंभूनाथ चतुर्वेदी जेल में रहे. फिर, देश आजाद हो गया. इसके बाद वे समाज सेवा और राजनीति में सक्रिय हो गए.

पार्षद शिरोमणि सिंह
पार्षद शिरोमणि सिंह

तब आगरा नगर महापालिका में था कांग्रेस का दबदबा : वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व पार्षद शिरोमणि सिंह बताते हैं कि 'एक फरवरी 1960 को आगरा नगर महापालिका अस्तित्व में आई थी. उस समय नगर महापालिका में 27 वार्ड थे. तब सभी हर वार्ड से दो सदस्य चुनने का नियम था. इस तरह तब नगर महापालिका में 54 सदस्य चुनाव जीते और छह नामित सदस्य चुने गए. तब यह भी नियम था कि सदस्यों के बहुमत से नगर प्रमुख बनाए जाते थे. इस पर कांग्रेस और रिपब्लिकन पार्टी के बीच गठबंधन इस शर्त पर हुआ कि नगर प्रमुख कांग्रेस का होगा. जिसका कार्यकाल एक वर्ष का होगा. इसके साथ ही उप नगर प्रमुख रिपब्लिकन पार्टी का चुना जाएगा. तब उप नगर प्रमुख का कार्यकाल पांच वर्ष का था, लेकिन उन्हें हर वर्ष बदला जाएगा. तब कांग्रेस और रिपब्लिकन पार्टी के 44 सदस्यों के बहुमत से शंभूनाथ चतुर्वेदी आगरा के पहले नगर प्रमुख बने थे.'

आगरा नगर निगम
आगरा नगर निगम

महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की अगवानी की थी : वह बताते हैं कि ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय पहली बार प्रिंस फिलिप (ड्यूक ऑफ़ एडिनबर्ग) के साथ जनवरी 1961 में छह सप्ताह की यात्रा पर भारत आई थीं. 26 जनवरी 1961 को दिल्ली दिवस के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वह 30 जनवरी 1961 को एलिजाबेथ द्वितीय आगरा में ताजमहल व आगरा किला देखने आईं थीं. तब आगरा के तत्कालीन नगर प्रमुख शभूनाथ चतुर्वेदी ने उनकी अगवानी की थी.

शंभूनाथ चतुर्वेदी का राजनीतिक सफर : बता दें कि, सन 1948 में शंभूनाथ चतुर्वेदी जिला परिषद के चेयरमैन बने. इसके बाद 1952 में बाह गांव से विधायक चुने गए. फिर सन् 1960 में आगरा नगर महापालिका में पहले नगर प्रमुख बने. इसके बाद वह लोकसभा चुनाव में उतरे. सन 1977 में वह सांसद बने.

स्वच्छ जल और ड्रेनेज सिस्टम सुधारने का किया काम : पूर्व सांसद शंभूनाथ चतुर्वेदी के पुत्र रिटायर्ड एयर कमोडोर गौतम चतुर्वेदी बताते हैं कि, 'पिताजी जब नगर प्रमुख बने थे तो उन्होंने स्वच्छ जल की आपूर्ति के लिए काम किया था. तभी वाटरवर्क्स के जल शोधन प्लांट में सुधार किया गया. इसके साथ ही उन्होंने शहर के ड्रेनेज सिस्टम पर भी काम किया.'

यह भी पढ़ें : 3D सिस्टम से लैस होगी गोरखपुर नक्षत्रशाला, इसरो और नासा से होगा संपर्क

आगरा : अंग्रेजी हकूमत में डीएसपी की नौकरी छोड़कर बाह गांव के शंभूनाथ चतुर्वेदी उस वक्त राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के साथ जुड गए थे. 'अंग्रेजों भारत छोड़ो' आंदोलन में शामिल हुए. सन् 1960 के नगर महापालिका चुनाव में स्वर्गीय शंभूनाथ चतुर्वेदी पहले नगर प्रमुख बने थे. कांग्रेस और रिपब्लिकन पार्टी ने गठबंधन में कांग्रेस से शंभूनाथ चतुर्वेदी चुनाव में उतरे थे. तब रिपब्लिकन पार्टी के सदस्य को उप नगर प्रमुख बनाया गया था.


बता दें कि, बाह गांव निवासी शंभूनाथ चतुर्वेदी अंग्रेजी हुकूमत में डीएसपी थे. देश में आजादी का बिगुल बज चुका था. आंदोलन चरम पर था. ऐसे में शंभूनाथ चतुर्वेदी भी महात्मा गांधी से प्रभावित हुए. उन्होंने सन 1942 में डीएसपी पद से इस्तीफा दे दिया. फिर, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन से जुड़ गए. तब उन्होंने सेंट जॉन्स कॉलेज में जनसभा की तो उन्हें अंग्रेजी हुकूमत ने गिरफ्तार कर लिया. करीब तीन साल शंभूनाथ चतुर्वेदी जेल में रहे. फिर, देश आजाद हो गया. इसके बाद वे समाज सेवा और राजनीति में सक्रिय हो गए.

पार्षद शिरोमणि सिंह
पार्षद शिरोमणि सिंह

तब आगरा नगर महापालिका में था कांग्रेस का दबदबा : वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व पार्षद शिरोमणि सिंह बताते हैं कि 'एक फरवरी 1960 को आगरा नगर महापालिका अस्तित्व में आई थी. उस समय नगर महापालिका में 27 वार्ड थे. तब सभी हर वार्ड से दो सदस्य चुनने का नियम था. इस तरह तब नगर महापालिका में 54 सदस्य चुनाव जीते और छह नामित सदस्य चुने गए. तब यह भी नियम था कि सदस्यों के बहुमत से नगर प्रमुख बनाए जाते थे. इस पर कांग्रेस और रिपब्लिकन पार्टी के बीच गठबंधन इस शर्त पर हुआ कि नगर प्रमुख कांग्रेस का होगा. जिसका कार्यकाल एक वर्ष का होगा. इसके साथ ही उप नगर प्रमुख रिपब्लिकन पार्टी का चुना जाएगा. तब उप नगर प्रमुख का कार्यकाल पांच वर्ष का था, लेकिन उन्हें हर वर्ष बदला जाएगा. तब कांग्रेस और रिपब्लिकन पार्टी के 44 सदस्यों के बहुमत से शंभूनाथ चतुर्वेदी आगरा के पहले नगर प्रमुख बने थे.'

आगरा नगर निगम
आगरा नगर निगम

महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की अगवानी की थी : वह बताते हैं कि ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय पहली बार प्रिंस फिलिप (ड्यूक ऑफ़ एडिनबर्ग) के साथ जनवरी 1961 में छह सप्ताह की यात्रा पर भारत आई थीं. 26 जनवरी 1961 को दिल्ली दिवस के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वह 30 जनवरी 1961 को एलिजाबेथ द्वितीय आगरा में ताजमहल व आगरा किला देखने आईं थीं. तब आगरा के तत्कालीन नगर प्रमुख शभूनाथ चतुर्वेदी ने उनकी अगवानी की थी.

शंभूनाथ चतुर्वेदी का राजनीतिक सफर : बता दें कि, सन 1948 में शंभूनाथ चतुर्वेदी जिला परिषद के चेयरमैन बने. इसके बाद 1952 में बाह गांव से विधायक चुने गए. फिर सन् 1960 में आगरा नगर महापालिका में पहले नगर प्रमुख बने. इसके बाद वह लोकसभा चुनाव में उतरे. सन 1977 में वह सांसद बने.

स्वच्छ जल और ड्रेनेज सिस्टम सुधारने का किया काम : पूर्व सांसद शंभूनाथ चतुर्वेदी के पुत्र रिटायर्ड एयर कमोडोर गौतम चतुर्वेदी बताते हैं कि, 'पिताजी जब नगर प्रमुख बने थे तो उन्होंने स्वच्छ जल की आपूर्ति के लिए काम किया था. तभी वाटरवर्क्स के जल शोधन प्लांट में सुधार किया गया. इसके साथ ही उन्होंने शहर के ड्रेनेज सिस्टम पर भी काम किया.'

यह भी पढ़ें : 3D सिस्टम से लैस होगी गोरखपुर नक्षत्रशाला, इसरो और नासा से होगा संपर्क

Last Updated : Apr 19, 2023, 5:17 PM IST
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