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आगरा: हरे पेड़ों पर चली बिजली विभाग की कुल्हाड़ी - seven trees were cut by power department

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में बिजली विभाग के कर्मचारियों ने हरे पेड़ों पर कुल्हाड़ी चला दी. यहां एक पार्क में लगे सात पौधों को काट दिया गया. बता दें कि आगरा में ताज ट्रिपेजियम जोन के तहत पेड़ों को काटने पर रोक लगी हुई है.

दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड
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Published : Nov 23, 2020, 12:37 PM IST

आगरा: बिजली विभाग ने पिछली बार की तरह इस बार फिर से कार्यालय प्रांगण में खड़े हरे पेड़ों को कुल्हाड़ी से काट दिया. बिजली विभाग के कर्मचारियों ने सात हरे पेड़ काट डाले हैं. वन विभाग को पेड़ काटने की सूचना ही नहीं है. वहीं बिजली विभाग बार-बार ऐसी अनियमितता करने से बाज नहीं आ रहा है.

दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) के सिकंदरा विद्युत वितरण खंड प्रथम के बिजली घर परिसर में नए और पुराने फीडर कंट्रोल रूम के बीच में छोटा सा पार्क बना है. पार्क और परिसर बाउंड्रीवॉल के पास काफी पेड़ थे. बिजलीकर्मियों ने इनमें से सात पेड़ों को कुल्हाड़ी से काट दिया. कटने वाले पेड़ों में ज्यादातर शहजन के पेड़ बताए जा रहे हैं.

अवर अभियंता संतोष सोनी का कहना है कि अपने घर की साफ-सफाई के लिए किसी से अनुमति लेने की जरूरत नहीं होती. परिसर की साफ-सफाई के लिए ही पेड़ काटे गए हैं, जबकि संविदाकर्मियों ने बताया कि टूंडला चुनाव से पहले ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा द्वारा निरीक्षण करने की सूचना प्राप्त हुई. इस वजह से परिसर को खुला दिखाने के लिए पेड़ों को काटा गया था.

वहीं अधीक्षण अभियंता हरीश बंसल का कहना है कि बिना अनुमति के पेड़ों का काटना गलत है. आगरा में ताज ट्रिपेजियम जोन (टीटीजेड) क्षेत्र के अंतर्गत पेड़ काटने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी है.

रखे-रखे सूख गए पौधे

वित्तीय वर्ष 2020-21 में आगरा को 37.50 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य मिला था. बिजलीकर्मियों ने चार हजार से ज्यादा पौधे वन विभाग से ले लिए, जो डिवीजनों में भेजे गए थे. सिकंदरा बिजली घर परिसर में लगभग 100 पौधे थैली में रखे-रखे सूख गए.

आगरा: बिजली विभाग ने पिछली बार की तरह इस बार फिर से कार्यालय प्रांगण में खड़े हरे पेड़ों को कुल्हाड़ी से काट दिया. बिजली विभाग के कर्मचारियों ने सात हरे पेड़ काट डाले हैं. वन विभाग को पेड़ काटने की सूचना ही नहीं है. वहीं बिजली विभाग बार-बार ऐसी अनियमितता करने से बाज नहीं आ रहा है.

दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) के सिकंदरा विद्युत वितरण खंड प्रथम के बिजली घर परिसर में नए और पुराने फीडर कंट्रोल रूम के बीच में छोटा सा पार्क बना है. पार्क और परिसर बाउंड्रीवॉल के पास काफी पेड़ थे. बिजलीकर्मियों ने इनमें से सात पेड़ों को कुल्हाड़ी से काट दिया. कटने वाले पेड़ों में ज्यादातर शहजन के पेड़ बताए जा रहे हैं.

अवर अभियंता संतोष सोनी का कहना है कि अपने घर की साफ-सफाई के लिए किसी से अनुमति लेने की जरूरत नहीं होती. परिसर की साफ-सफाई के लिए ही पेड़ काटे गए हैं, जबकि संविदाकर्मियों ने बताया कि टूंडला चुनाव से पहले ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा द्वारा निरीक्षण करने की सूचना प्राप्त हुई. इस वजह से परिसर को खुला दिखाने के लिए पेड़ों को काटा गया था.

वहीं अधीक्षण अभियंता हरीश बंसल का कहना है कि बिना अनुमति के पेड़ों का काटना गलत है. आगरा में ताज ट्रिपेजियम जोन (टीटीजेड) क्षेत्र के अंतर्गत पेड़ काटने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी है.

रखे-रखे सूख गए पौधे

वित्तीय वर्ष 2020-21 में आगरा को 37.50 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य मिला था. बिजलीकर्मियों ने चार हजार से ज्यादा पौधे वन विभाग से ले लिए, जो डिवीजनों में भेजे गए थे. सिकंदरा बिजली घर परिसर में लगभग 100 पौधे थैली में रखे-रखे सूख गए.

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