आगराः असम के गुवाहाटी से सेव राइनो मिशन के सिरूमोनी डोले और सेक्रेटरी पापोटिटेरा 'मिशन सेव राइनो' का संदेश देने के लिए भारत भ्रमण पर निकले हुए हैं. सिरूमोनी डोले ने 'मिशन सेव राइनो' को लेकर ताजमहल के सामने नोज पेंटिंग की. नोज पेंटिंग को उन्होंने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण अधिकारियों को भेंट की.
- नोज पेंटर सिरूमोनी डोले ताज के पूर्वी गेट और दशहरा घाट के साए में नोज पेंटिंग की.
- इस पेंटिंग में उन्होंने विलुप्त होती गैंडे (राइनो) की प्रजाति को बचाने का संदेश दिया.
- सेव राइनो मिशन' करीब 10 साल पहले शुरू हुआ था. आज उनकी टीम में 100 सदस्य हैं.
- नोज से पेंटिंग बना रहे सिरूमोनी को देखने के लिए देशी-विदेशी पर्यटकों की भीड़ जमा हो गई.
- सभी पर्यटक तालियां बजाकर उत्साहवर्धन कर रहे थे.
क्यो शुरु हुआ 'सेव राइनो मिशन'-
- 'सेव राइनो मिशन' करीब 10 साल पहले शुरू हुआ. इसके पीछे की वजह है राइनो की असमय होती मौत.
- साथ ही राइनो के अंग को लेकर के हो रही तस्करी .
- विदेशों से शिकारी असम से राइनो का शिकार करके उनके होर्न और अन्य अंगों की तस्करी चाइना, वेतनाम सहित अन्य देशों में करते हैं.
- उन्हें करोड़ों का मुनाफा होता है इसलिए राइनो लगातार घट रहे हैं.
ताज पर देश-विदेश के पर्यटक आते हैं. हम ऐसे ही टूरिस्ट पॉइंट ऊपर जाकर या बड़े शहरों में जाकर के लोगों को 'सेव राइनो' का संदेश दे रहे हैं.
-सिरूमोनी डोले, नोज पेंटर
असम के जंगलों में ही दुनियाभर राइनो पाए जाते हैं. लेकिन उन राइनो का शिकार हो रहा है. दूसरे देशों से लोग यहां पर आते हैं और राइनो का शिकार करते हैं.
-पापोटिटेरा, सेक्रेटरी, सेव राइनो मिशन
यह मिशन बहुत अच्छा है. हमें राइनो का संरक्षण करना चाहिए और लोगों को जागरुक करना चाहिए.
-अंकित नामदेव, एएसआई, ताजमहल संरक्षण सहायक