आगरा. रूस के यूक्रेन पर हमला करते ही ताजनगरी के लोगों की धड़कनें तेज हो गईं. ताजनगरी के कई युवा यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं. इससे घरवालों की चिंता बढ़ गई है. गुरुवार तड़के जब परिजनों को रूस के यूक्रेन पर किए गए हमले की खबर मिली तो उनकी परेशानी और बढ़ गई. सभी अपने बच्चों से बातचीत करके वहां की पलपल की खबर ले रहे हैं. साथ ही यूक्रेन में फंसे मेडिकल स्टूडेंट्स के परिजनों ने सरकार से गुहार लगाई है कि उनके बेटे के साथ ही देश के तमाम लोगों को सुरक्षित भारत लाएं.
जगदीशपुरा थाना क्षेत्र की अवधपुरी निवासी डॉ. गुलाब सिंह का बेटा रजत पांच साल से यूक्रेन में ओडेसा मेडिकल यूनिवर्सिटी से मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है. रजत सिंह यूक्रेन से भारत आया था. इसके बाद रूस और यूक्रेन के बीच चल रही तनातनी के बीच 14 फरवरी-2022 को रजत आगरा से यूक्रेन चला गया. जब से रजत यूक्रेन पहुंचा है. तब से परिजन परेशान हैं. इसी तरह से जगजीत नगर निवासी शेखर के परिजनों की यही पीड़ा है. 14 फरवरी को ही रजत गया था ताजनगरी से यूक्रेन मां मीना ने बताया कि बेटा रजत अभी तो घर से गया था.
उन्होंने बताया, 'गुरुवार सुबह रूस के यूक्रेन पर किए गए हमले की जानकारी हुई. उसके बाद बेटा रजत से बातचीत की. लगातार मैं और मेरी दोनों बेटियां रजत से बातचीत करके वहां की जानकारी ले रहे हैं'.
उन्होंने बताया कि जब से रूस और यूक्रेन के बीच जंग शुरू हुई है, पूरा परिवार चिंतित है. बार-बार बेटे से वीडियो कॉल करके बात कर रहे हैं. फिर भी मन में तसल्ली नहीं है. अब तो बस यही लग रहा है कि बेटा कब वापस आएगा. कहा कि उनकी सरकार से मांग है कि बेटे रजत के साथ ही यूक्रेन में फंसे तमाम लोगों को सरकार जल्द से जल्द सुरक्षित वापस लाए.
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वहीं, यूक्रेन में रजत ने भी बताया कि उन लोगों ने सुबह ही दो बम धमाकों की आवाज सुनी थी. घरवाले लगातार वापस घर लौटने की बात कर रहे हैं लेकिन सबसे बड़ी समस्या अब यह है कि यूक्रेन से सभी फ्लाइट बंद हो गईं हैं. ऐसे में वापस लौटना असंभव लग रहा है.
केंद्र सरकार से मदद की उम्मीद में ताजनगरी के जंगजीत नगर निवासी शेखर इस समय यूक्रेन में हैं. शेखर मेडिकल की पढ़ाई ओडेसा मेडिकल यूनिवर्सिटी से कर रहे हैं. शेखर का कहना है कि यहां के हालात बहुत खराब हैं. डर का माहौल है. यूक्रेन के ओडेसा शहर की सुपर मार्केट में सन्नाटा पसरा हुआ है. उनके साथ भारत के और भी कई छात्र यहां मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं.
गुरूवार सुबह जब धमाका हुआ तो हॉस्टल थर्रा गया. यहां पर फंसे सभी भारतीय को भारत सरकार से मदद की उम्मीद है. शेखर के परिजनों का कहना है कि सरकार को यूक्रेन में फंसे हमारे बच्चों को सुरक्षित भारत लाने के लिए व्यवस्था करनी चाहिए.