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पिता का सपना पूरा करने के लिए बेटी बनी आर्मी ऑफिसर...पढ़ें रिचा के जुनून की ये कहानी

आगरा की रिचा पाराशर ने थल सेना में अफसर बनकर इतिहास रचा है. रिचा ने आर्मी ऑफिसर बनकर अपने स्वर्गवासी पिता का सपना पूरा किया है.

रिचा ने थल सेना में अफसर
रिचा ने थल सेना में अफसर
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Published : May 28, 2021, 11:46 AM IST

आगरा: ताजनगरी की बेटी ने परिवार और जिले के साथ ही प्रदेश का नाम रोशन किया है. हम बात कर रहे हैं आगरा कॉलेज की पूर्व छात्रा रिचा पाराशर की. रिचा थल सेना में अफसर बनने वाली वाली हैं. 29 मई (शनिवार) को ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी चेन्नई में होने वाली पासिंग आउट परेड के बाद रिचा सेना में अधिकारी बन जाएंगी. रिचा ने आर्मी ऑफिसर बनकर अपने स्वर्गवासी पिता बृजेश पाराशर का सपना पूरा किया है. रिचा के पिता ने उन्हें अपने इस सपने के तब बताया था जब वह 10 साल की थीं.

रिचा को श्रेष्ठता पत्र से सम्मानित करते तत्कालीन राज्यपाल राम नाइक (फाइल फोटो)
रिचा को श्रेष्ठता पत्र से सम्मानित करते तत्कालीन राज्यपाल राम नाइक (फाइल फोटो)

ऑल इंडिया लेवल पर मिला था तीसरा स्थान

कर्मयोगी कमला नगर निवासी रिचा पाराशर का 2020 में आर्मी में चयन हुआ था. आर्मी में ऑफिसर्स ट्रेनिंग के लिए देशभर से पांच महिला ऑफिसर्स का चयन हुआ था, जिसमें रिचा पाराशर ऑल इंडिया लेवल पर तीसरे स्थान पर चयनित हुई थीं. 11 माह की ट्रेनिंग के बाद अब रिचा पाराशर की 29 मई को पासिंग आउट परेड है. ट्रेनिंग में भी रिचा पाराशर ने अपनी मेहनत और लगन से दो स्वर्ण पदक और श्रेष्ठता पत्र हासिल किया है. जिससे शुक्रवार को उन्हें सम्मानित किया जाएगा.

मां की प्रेरणा से पिता का अधूरा सपना किया पूरा

रिचा पाराशर आगरा कॉलेज गर्ल्‍स विंग की पूर्व एनसीसी कैडि‍ट हैं. रिचा पाराशर का बचपन का सपना था कि सेना में भर्ती हों, क्योंकि उनके स्वर्गीय पिता बृजेश पाराशर भी भारतीय सेना में भर्ती होना चाहते थे. लेकिन, वो सफल नहीं हो पाए. जिसके बाद वे यूपी पुलिस में भर्ती हो गए. मगर उनके दिल में सेना में सेवा न कर पाने की टीस थी, जिसे बृजेश पाराशर ने बेटी से साझा किया था. तब रिचा पाराशर की उम्र करीब 10 साल थी. उसी साल पिता का निधन हो गया. पिता का सपना पूरा करने के लिए रिचा पाराशर ने आगरा कॉलेज में प्रवेश के समय एनसीसी लिया. इसके बाद उन्होंने आगरा कॉलेज से बीए और इतिहास में एमए की पढ़ाई पूरी की और फिर डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से एम. फिल किया.

मेहनत से पाया मुकाम

आगरा कॉलेज की एनसीसी अधिकारी लेफ्टिनेट रीता निगम का कहना है कि रिचा पाराशर सामान्‍य परिवार में जन्‍मी असाधरण प्रतिभावान लड़की है, जो मेहनती और जुनूनी है. रिचा पाराशर उत्तर प्रदेश निदेशालय एवं आगरा ग्रुप से एकमात्र महिला कैडेट हैं, जिन्होंने यह मुकाम हासिल किया है. रिचा पाराशर उत्तर प्रदेश एनसीसी निदेशालय की सर्वश्रेष्‍ठ कैडिट रह चुकी हैं. वह गणतंत्र दिवस कैंप दिल्‍ली, प्रधानमंत्री रैली में एसीसी के उत्तर प्रदेश निदेशालय का प्रतिनिधित्‍व कर चुकी हैं.


रिचा की उपलब्धियां

  • 17500 फीट ऊंचाई पर पर्वतारोहण कर चुकीं हैं
  • एनसीसी निदेशालय उत्तर प्रदेश की सर्वश्रेष्ठ कैडेट रह चुकी हैं
  • दिल्ली में आयोजित होने वाली प्रधानमंत्री एनसीसी रैली में यूपी का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं
  • राज्यपाल का प्रतिष्ठित रजत पदक तथा 5000 रुपये पारितोषिक प्राप्त कर चुकीं हैं
  • डॉ. बीआर आम्बेडकर विश्वविद्यालय से इतिहास में एम. फिल कर चुकी हैं.

आगरा: ताजनगरी की बेटी ने परिवार और जिले के साथ ही प्रदेश का नाम रोशन किया है. हम बात कर रहे हैं आगरा कॉलेज की पूर्व छात्रा रिचा पाराशर की. रिचा थल सेना में अफसर बनने वाली वाली हैं. 29 मई (शनिवार) को ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी चेन्नई में होने वाली पासिंग आउट परेड के बाद रिचा सेना में अधिकारी बन जाएंगी. रिचा ने आर्मी ऑफिसर बनकर अपने स्वर्गवासी पिता बृजेश पाराशर का सपना पूरा किया है. रिचा के पिता ने उन्हें अपने इस सपने के तब बताया था जब वह 10 साल की थीं.

रिचा को श्रेष्ठता पत्र से सम्मानित करते तत्कालीन राज्यपाल राम नाइक (फाइल फोटो)
रिचा को श्रेष्ठता पत्र से सम्मानित करते तत्कालीन राज्यपाल राम नाइक (फाइल फोटो)

ऑल इंडिया लेवल पर मिला था तीसरा स्थान

कर्मयोगी कमला नगर निवासी रिचा पाराशर का 2020 में आर्मी में चयन हुआ था. आर्मी में ऑफिसर्स ट्रेनिंग के लिए देशभर से पांच महिला ऑफिसर्स का चयन हुआ था, जिसमें रिचा पाराशर ऑल इंडिया लेवल पर तीसरे स्थान पर चयनित हुई थीं. 11 माह की ट्रेनिंग के बाद अब रिचा पाराशर की 29 मई को पासिंग आउट परेड है. ट्रेनिंग में भी रिचा पाराशर ने अपनी मेहनत और लगन से दो स्वर्ण पदक और श्रेष्ठता पत्र हासिल किया है. जिससे शुक्रवार को उन्हें सम्मानित किया जाएगा.

मां की प्रेरणा से पिता का अधूरा सपना किया पूरा

रिचा पाराशर आगरा कॉलेज गर्ल्‍स विंग की पूर्व एनसीसी कैडि‍ट हैं. रिचा पाराशर का बचपन का सपना था कि सेना में भर्ती हों, क्योंकि उनके स्वर्गीय पिता बृजेश पाराशर भी भारतीय सेना में भर्ती होना चाहते थे. लेकिन, वो सफल नहीं हो पाए. जिसके बाद वे यूपी पुलिस में भर्ती हो गए. मगर उनके दिल में सेना में सेवा न कर पाने की टीस थी, जिसे बृजेश पाराशर ने बेटी से साझा किया था. तब रिचा पाराशर की उम्र करीब 10 साल थी. उसी साल पिता का निधन हो गया. पिता का सपना पूरा करने के लिए रिचा पाराशर ने आगरा कॉलेज में प्रवेश के समय एनसीसी लिया. इसके बाद उन्होंने आगरा कॉलेज से बीए और इतिहास में एमए की पढ़ाई पूरी की और फिर डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से एम. फिल किया.

मेहनत से पाया मुकाम

आगरा कॉलेज की एनसीसी अधिकारी लेफ्टिनेट रीता निगम का कहना है कि रिचा पाराशर सामान्‍य परिवार में जन्‍मी असाधरण प्रतिभावान लड़की है, जो मेहनती और जुनूनी है. रिचा पाराशर उत्तर प्रदेश निदेशालय एवं आगरा ग्रुप से एकमात्र महिला कैडेट हैं, जिन्होंने यह मुकाम हासिल किया है. रिचा पाराशर उत्तर प्रदेश एनसीसी निदेशालय की सर्वश्रेष्‍ठ कैडिट रह चुकी हैं. वह गणतंत्र दिवस कैंप दिल्‍ली, प्रधानमंत्री रैली में एसीसी के उत्तर प्रदेश निदेशालय का प्रतिनिधित्‍व कर चुकी हैं.


रिचा की उपलब्धियां

  • 17500 फीट ऊंचाई पर पर्वतारोहण कर चुकीं हैं
  • एनसीसी निदेशालय उत्तर प्रदेश की सर्वश्रेष्ठ कैडेट रह चुकी हैं
  • दिल्ली में आयोजित होने वाली प्रधानमंत्री एनसीसी रैली में यूपी का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं
  • राज्यपाल का प्रतिष्ठित रजत पदक तथा 5000 रुपये पारितोषिक प्राप्त कर चुकीं हैं
  • डॉ. बीआर आम्बेडकर विश्वविद्यालय से इतिहास में एम. फिल कर चुकी हैं.
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