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आगरा: कल नहीं खुलेंगे धार्मिक स्थल, मॉल और स्मारकों के खुलने पर भी संशय - अनलॉक-1

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में आठ जून से धार्मिक स्थलों का खुलना अभी संशय में है. कोरोना महामारी के बीच जिला प्रशासन के साथ हुई बैठक में धर्मगुरुओं ने धार्मिक स्थल खोले जाने से इनकार किया है. धर्मगुरुओं का कहना है कि वे धार्मिक स्थलों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करा पाएंगे.

agra religious places will not open from 8 june
आगरा में 8 जून से नहीं खुलेंगे धार्मिक स्थल.
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Published : Jun 7, 2020, 7:56 PM IST

आगरा: जनपद में लोगों को भगवान के दर्शन करने के लिए अभी थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा. रविवार को धर्मगुरुओं के साथ हुई बैठक में यह निष्कर्ष निकलकर सामने आया है. इसके साथ ही मॉल, होटल और स्मारकों को खोलने पर भी विचार किया जा रहा है.

धार्मिक स्थलों के खोलने पर संशय.

केंद्र सरकार के मंत्री प्रह्लाद पटेल ने रविवार को ट्वीट कर 3700 में से 820 स्मारकों को खोलने की अनुमति की जानकारी दी है. इसके बाद ताजमहल खोले जाने की आस जगी, लेकिन फिर बिना टिकट वाले स्मारकों को खोले जाने की पुष्टि प्रशासन द्वारा की गई.

  • आज संस्कृति मंत्रालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के संरक्षित ८२० सक्रिय गतिविधियों वाले स्मारकों को ८जून से खोलने की स्वीकृति दी है।गृह एवं स्वास्थ्य मंत्रालय के नि्र्देशो का पालन हो यही अपेक्षा है @PMOIndia @BJP4MP @incredibleindia @MinOfCultureGoI @BJP4India @

    — Prahlad Singh Patel (@prahladspatel) June 7, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

8 जून से लागू हो रही गाइडलाइन को जारी करने के लिए जिलाधिकारी व एसएसपी ने आज सभी पुलिस क्षेत्राधिकारियों, प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की. साथ ही धार्मिक स्थलों के खोले जाने के लिए धर्मगुरुओं से बातचीत की. बातचीत के दौरान प्रशासन द्वारा धर्मगुरुओं को धार्मिक स्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने की जिम्मेदारी संभालने को कहा गया, जिस पर धर्मगुरुओं ने साफ इनकार कर दिया.

धर्मगुरुओं का कहना है कि भीड़ को रोक पाना उनके लिए संभव नहीं होगा. वर्तमान समय को देखते हुए अभी इस फैसले को रोका जाना चाहिए. इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने सभी क्षेत्राधिकारियों और एसडीएम द्वारा क्षेत्र में धर्मगुरुओं से वार्ता कर आगे की रणनीति बनाने की बात कही है. एसएसपी बबलू कुमार ने साफ कहा है कि अभी शाम को क्षेत्र वाइज मीटिंग होगी और फिर सोच विचार के बाद ही धार्मिक स्थल, मॉल्स और होटल आदि को खोलने की अनुमति दी जाएगी.

बैठक के दौरान मनकामेश्वर मंदिर के महंत योगेशपुरी ने कहा कि देव पूजा तो लगातार हो रही है पर मंदिर खोलने पर लोगों को प्रतिमाओं को छूने से रोकना बहुत मुश्किल है. सेनेटाइजर का इस्तेमाल धर्म के लहजे से गलत है, क्योंकि उसमें अल्कोहल है. साथ ही वो ज्वलनशील है तो दीपक इत्यादि जलाने पर आग लगने का खतरा भी बढ़ जाएगा. इस समय मंदिर खोलने से ज्यादा हमें अगले माह आने वाली सावन की सबसे बड़ी परिक्रमा के लिए तैयारी करनी चाहिए.

मुस्लिम उलेमा मौलाना रियासत अली ने बताया कि मस्जिद में आने वाले लोगों को नमाज से रोकना मुश्किल होगा और इसकी धर्मगुरु जिम्मेदारी नहीं ले पाएगा. सिख समाज के धर्मगुरु ने भी लोगों से अभी घर पर ही गुरु ग्रंथ साहिब को माथा टेकने की अपील की है. फादर मून लाजरिस ने कहा कि वो पुलिस वाले नही हैं, जो भीड़ को कंट्रोल कर लें. धार्मिक स्थल खोलने पर प्रशासन के लोगों को भीड़ नियंत्रित करने के लिए आना चाहिए.

तन्हा हुआ सातवां अजूबा 'ताज'!

आगरा के सांसद एसपी सिंह बघेल का कहना है कि अनलॉक होते ही लोगों को लग रहा है कि अब कोरोना खत्म हो गया है, जबकि अब उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का ज्यादा ध्यान रखना जरूरी है. धर्मस्थल और स्मारक खोले जाने से लोगों को मनोवैज्ञानिक लाभ होगा और मानसिक शांति मिलेगी, जो कुछ भी हो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी है.

आगरा: जनपद में लोगों को भगवान के दर्शन करने के लिए अभी थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा. रविवार को धर्मगुरुओं के साथ हुई बैठक में यह निष्कर्ष निकलकर सामने आया है. इसके साथ ही मॉल, होटल और स्मारकों को खोलने पर भी विचार किया जा रहा है.

धार्मिक स्थलों के खोलने पर संशय.

केंद्र सरकार के मंत्री प्रह्लाद पटेल ने रविवार को ट्वीट कर 3700 में से 820 स्मारकों को खोलने की अनुमति की जानकारी दी है. इसके बाद ताजमहल खोले जाने की आस जगी, लेकिन फिर बिना टिकट वाले स्मारकों को खोले जाने की पुष्टि प्रशासन द्वारा की गई.

  • आज संस्कृति मंत्रालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के संरक्षित ८२० सक्रिय गतिविधियों वाले स्मारकों को ८जून से खोलने की स्वीकृति दी है।गृह एवं स्वास्थ्य मंत्रालय के नि्र्देशो का पालन हो यही अपेक्षा है @PMOIndia @BJP4MP @incredibleindia @MinOfCultureGoI @BJP4India @

    — Prahlad Singh Patel (@prahladspatel) June 7, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

8 जून से लागू हो रही गाइडलाइन को जारी करने के लिए जिलाधिकारी व एसएसपी ने आज सभी पुलिस क्षेत्राधिकारियों, प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की. साथ ही धार्मिक स्थलों के खोले जाने के लिए धर्मगुरुओं से बातचीत की. बातचीत के दौरान प्रशासन द्वारा धर्मगुरुओं को धार्मिक स्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने की जिम्मेदारी संभालने को कहा गया, जिस पर धर्मगुरुओं ने साफ इनकार कर दिया.

धर्मगुरुओं का कहना है कि भीड़ को रोक पाना उनके लिए संभव नहीं होगा. वर्तमान समय को देखते हुए अभी इस फैसले को रोका जाना चाहिए. इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने सभी क्षेत्राधिकारियों और एसडीएम द्वारा क्षेत्र में धर्मगुरुओं से वार्ता कर आगे की रणनीति बनाने की बात कही है. एसएसपी बबलू कुमार ने साफ कहा है कि अभी शाम को क्षेत्र वाइज मीटिंग होगी और फिर सोच विचार के बाद ही धार्मिक स्थल, मॉल्स और होटल आदि को खोलने की अनुमति दी जाएगी.

बैठक के दौरान मनकामेश्वर मंदिर के महंत योगेशपुरी ने कहा कि देव पूजा तो लगातार हो रही है पर मंदिर खोलने पर लोगों को प्रतिमाओं को छूने से रोकना बहुत मुश्किल है. सेनेटाइजर का इस्तेमाल धर्म के लहजे से गलत है, क्योंकि उसमें अल्कोहल है. साथ ही वो ज्वलनशील है तो दीपक इत्यादि जलाने पर आग लगने का खतरा भी बढ़ जाएगा. इस समय मंदिर खोलने से ज्यादा हमें अगले माह आने वाली सावन की सबसे बड़ी परिक्रमा के लिए तैयारी करनी चाहिए.

मुस्लिम उलेमा मौलाना रियासत अली ने बताया कि मस्जिद में आने वाले लोगों को नमाज से रोकना मुश्किल होगा और इसकी धर्मगुरु जिम्मेदारी नहीं ले पाएगा. सिख समाज के धर्मगुरु ने भी लोगों से अभी घर पर ही गुरु ग्रंथ साहिब को माथा टेकने की अपील की है. फादर मून लाजरिस ने कहा कि वो पुलिस वाले नही हैं, जो भीड़ को कंट्रोल कर लें. धार्मिक स्थल खोलने पर प्रशासन के लोगों को भीड़ नियंत्रित करने के लिए आना चाहिए.

तन्हा हुआ सातवां अजूबा 'ताज'!

आगरा के सांसद एसपी सिंह बघेल का कहना है कि अनलॉक होते ही लोगों को लग रहा है कि अब कोरोना खत्म हो गया है, जबकि अब उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का ज्यादा ध्यान रखना जरूरी है. धर्मस्थल और स्मारक खोले जाने से लोगों को मनोवैज्ञानिक लाभ होगा और मानसिक शांति मिलेगी, जो कुछ भी हो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी है.

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