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आगरा सेंट्रल जेल में कैदी बना रहे लेदर के जूते, राष्ट्रपति और पीएम भी कर चुके हैं हुनर की सराहना

आगरा सेंट्रल जेल में बंद कैदी अब सलाखों के पीछे अपने हुनर का कमाल दिखा रहे हैं. ये कैदी आकर्षक लेदर के जूते तैयार कर रहे हैं. इससे कैदियों की आमदनी में भी इजाफा हुआ है.

आगरा जेल में बंद कैदी जूते बना रहे हैं.
आगरा जेल में बंद कैदी जूते बना रहे हैं.
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Published : Apr 28, 2023, 4:11 PM IST

Updated : Apr 28, 2023, 6:08 PM IST

आगरा जेल में बंद कैदी जूते बना रहे हैं.

आगरा : सीएम योगी की 'एक जिला, एक उत्पाद' (ODOP) योजना से जुड़कर आगरा सेंट्रल जेल के सजायाफ्ता बंदी हुनरमंद बन गए हैं. बीते साल सेंट्रल फुटवियर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट आगरा (CFTI) ने कैदियों को लेदर शूज मेकिंग की ट्रेनिंग दी थी. अब कैदी आकर्षक जूते बना रहे हैं. कैदी जूते के ऊपर वाला हिस्सा तैयार करते हैं. इसके बाद इन्हें फैक्ट्री में ले जाया जाता है. वहां जूते में सोल लगाकर इन्हें पूरी तरह तैयार कर दिया जाता है. जूते तैयार कर कैदी अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं. अब जेल में बंद दूसरे कैदी भी ट्रेनिंग लेने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. इसे देखते हुए जेल प्रशासन की ओर से अब जेल परिसर में शूज का कुटीर उद्योग लगाने की योजना बनाई गई है. इसका संचालन जेल के कैदी ही करेंगे.

जेल डीआईजी आरके मिश्र बताते हैं कि बीते साल आगरा सेंट्रल जेल प्रशासन और सेंट्रल फुटवियर ट्रेंनिंग इंस्टीट्यूट आगरा (CFTI) ने मिलकर सीएम योगी की 'एक जिला, एक उत्पाद' योजना के तहत सजायाफ्ता बंदियों को 'लेदर शूज और अन्य लेदर प्रोडक्ट' बनाने की ट्रेनिंग दी थी, तब 50 बंदियों को शूज मेकिंग की ट्रेनिंग ली थी. प्रशिक्षण के बाद उन्हें सर्टिफिकेट भी दिए गए थे. शूज मेकिंग में हुनरबंद हुए बंदी अब जेल परिसर में रोजगार पा चुके हैं. आगरा सेंट्रल जेल के साथ एक फर्म का एमओयू हुआ है. इसके तहत फर्म की ओर से शूज का अपर (ऊपरी हिस्सा) बनाने के लिए जेल प्रशासन को कच्चा माल दिया जाता है. शूज का अपर बनाकर बंदी रोजगार पा रहे हैं. इससे दूसरे बंदी भी अब शूज मेकिंग की ट्रेनिंग लेना चाहते हैं. इसलिए, हुनरमंद बंदियों के सहयोग के लिए सेकेंड लाइन भी तैयार की जा रही है.

फर्नीचर, साबुन और कालीन बनाने में निपुण हैं बंदी : बता दें कि, सेंट्रल जेल में बंदी लूट, डकैती, हत्या, हत्या का प्रयास समेत अन्य जघन्य अपराध में सजा काट रहे हैं. आगरा सेंट्रल जेल प्रशासन की ओर से बंदियों को तमाम तरह की ट्रेनिंग दिला कर हुनरमंद बनाया गया है. यही वजह है कि, सेंट्रल जेल के कैदी फर्नीचर बनाने, साबुन बनाने, कालीन बनाने, दरी बनाने, सिलाई समेत अन्य तमाम तरह के कार्य में निपुण हो चुके हैं. इसी हुनर के जरिए वे अच्छी रकम भी कर रहे हैं.

दूसरे ​बंदी भी लेना चाह रहे प्रशिक्षण : जेल डीआईजी (आगरा रेंज) आरके मिश्र बताते हैं कि, शूज मेकिंग में हुनरमंद बन चुके बंदी जेल परिसर में शूज का अपर बना रहे हैं. उन्हें जेल में ही काम दिया जा रहा है. शूज मेकिंग की ट्रेनिंग लेकर जेल में ही काम कर रहे बंदियों को देखकर दूसरे बंदी भी यह काम सीखना चाहते हैं. उन्हें भी ट्रेनिंग लेनी है. कई बंदी अब हेल्पर के रूप में काम भी कर रहे हैं. जल्द ही अन्य बंदियों को भी ट्रेनिंग दिलाई जाएगी. जिससे बंदियों को सेंट्रल जेल परिसर में जॉब वर्क मिल सके.

राष्ट्रपति और पीएम कर चुके हैं हुनर की सराहना : यूपी सरकार में कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति की ओर से राष्ट्रपति, पीएम और सीएम योगी को आगरा सेंट्रल जेल के साथ ही अलीगढ, मेरठ और अन्य जेलों में बंदियों के बनाए उत्पाद उपहार में दिए जा चुके हैं. बंदियों के बनाए उत्पाद की राष्ट्रपति, पीएम और सीएम समेत अन्य लोग भी सराहना कर चुके हैं.

यह भी पढ़ें : ताजमहल के पास यमुना में खनन, NGT ने आगरा कमिश्नर और डीएम को नोटिस भेजा

आगरा जेल में बंद कैदी जूते बना रहे हैं.

आगरा : सीएम योगी की 'एक जिला, एक उत्पाद' (ODOP) योजना से जुड़कर आगरा सेंट्रल जेल के सजायाफ्ता बंदी हुनरमंद बन गए हैं. बीते साल सेंट्रल फुटवियर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट आगरा (CFTI) ने कैदियों को लेदर शूज मेकिंग की ट्रेनिंग दी थी. अब कैदी आकर्षक जूते बना रहे हैं. कैदी जूते के ऊपर वाला हिस्सा तैयार करते हैं. इसके बाद इन्हें फैक्ट्री में ले जाया जाता है. वहां जूते में सोल लगाकर इन्हें पूरी तरह तैयार कर दिया जाता है. जूते तैयार कर कैदी अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं. अब जेल में बंद दूसरे कैदी भी ट्रेनिंग लेने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. इसे देखते हुए जेल प्रशासन की ओर से अब जेल परिसर में शूज का कुटीर उद्योग लगाने की योजना बनाई गई है. इसका संचालन जेल के कैदी ही करेंगे.

जेल डीआईजी आरके मिश्र बताते हैं कि बीते साल आगरा सेंट्रल जेल प्रशासन और सेंट्रल फुटवियर ट्रेंनिंग इंस्टीट्यूट आगरा (CFTI) ने मिलकर सीएम योगी की 'एक जिला, एक उत्पाद' योजना के तहत सजायाफ्ता बंदियों को 'लेदर शूज और अन्य लेदर प्रोडक्ट' बनाने की ट्रेनिंग दी थी, तब 50 बंदियों को शूज मेकिंग की ट्रेनिंग ली थी. प्रशिक्षण के बाद उन्हें सर्टिफिकेट भी दिए गए थे. शूज मेकिंग में हुनरबंद हुए बंदी अब जेल परिसर में रोजगार पा चुके हैं. आगरा सेंट्रल जेल के साथ एक फर्म का एमओयू हुआ है. इसके तहत फर्म की ओर से शूज का अपर (ऊपरी हिस्सा) बनाने के लिए जेल प्रशासन को कच्चा माल दिया जाता है. शूज का अपर बनाकर बंदी रोजगार पा रहे हैं. इससे दूसरे बंदी भी अब शूज मेकिंग की ट्रेनिंग लेना चाहते हैं. इसलिए, हुनरमंद बंदियों के सहयोग के लिए सेकेंड लाइन भी तैयार की जा रही है.

फर्नीचर, साबुन और कालीन बनाने में निपुण हैं बंदी : बता दें कि, सेंट्रल जेल में बंदी लूट, डकैती, हत्या, हत्या का प्रयास समेत अन्य जघन्य अपराध में सजा काट रहे हैं. आगरा सेंट्रल जेल प्रशासन की ओर से बंदियों को तमाम तरह की ट्रेनिंग दिला कर हुनरमंद बनाया गया है. यही वजह है कि, सेंट्रल जेल के कैदी फर्नीचर बनाने, साबुन बनाने, कालीन बनाने, दरी बनाने, सिलाई समेत अन्य तमाम तरह के कार्य में निपुण हो चुके हैं. इसी हुनर के जरिए वे अच्छी रकम भी कर रहे हैं.

दूसरे ​बंदी भी लेना चाह रहे प्रशिक्षण : जेल डीआईजी (आगरा रेंज) आरके मिश्र बताते हैं कि, शूज मेकिंग में हुनरमंद बन चुके बंदी जेल परिसर में शूज का अपर बना रहे हैं. उन्हें जेल में ही काम दिया जा रहा है. शूज मेकिंग की ट्रेनिंग लेकर जेल में ही काम कर रहे बंदियों को देखकर दूसरे बंदी भी यह काम सीखना चाहते हैं. उन्हें भी ट्रेनिंग लेनी है. कई बंदी अब हेल्पर के रूप में काम भी कर रहे हैं. जल्द ही अन्य बंदियों को भी ट्रेनिंग दिलाई जाएगी. जिससे बंदियों को सेंट्रल जेल परिसर में जॉब वर्क मिल सके.

राष्ट्रपति और पीएम कर चुके हैं हुनर की सराहना : यूपी सरकार में कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति की ओर से राष्ट्रपति, पीएम और सीएम योगी को आगरा सेंट्रल जेल के साथ ही अलीगढ, मेरठ और अन्य जेलों में बंदियों के बनाए उत्पाद उपहार में दिए जा चुके हैं. बंदियों के बनाए उत्पाद की राष्ट्रपति, पीएम और सीएम समेत अन्य लोग भी सराहना कर चुके हैं.

यह भी पढ़ें : ताजमहल के पास यमुना में खनन, NGT ने आगरा कमिश्नर और डीएम को नोटिस भेजा

Last Updated : Apr 28, 2023, 6:08 PM IST
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