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ताज महोत्सव: राजपुताना होली ने भरा जोश, गंगा अवतरण ने किया भावुक

इंटरनेशनल फेयर ताज महोत्सव में चौथे दिन सांस्कृतिक संध्या में मुक्ताकाशीय मंच से राजपूताना होली ने जहां दर्शकों में जोश भर दिया. वीर रस में लोक गायकों ने महाभारत में अभिमन्यु की चक्रव्यूह तोड़ने की कला का चित्रण किया. फिर गंगा अवतरण की नृत्य नाटिका भावुक कर दिया.

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ताज महोत्सव
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Published : Feb 22, 2020, 12:04 PM IST

आगरा: ताज महोत्सव का शुक्रवार को चौथा दिन था. शाम को सांस्कृतिक संध्या में आगरा के जगनेर से आए लोक कलाकारों ने राजपुताना होली की प्रस्तुति दी. लोक कलाकारों ने अपने वीर रस से ओतप्रोत होली गीत से महाभारत में अभिमन्यु के चक्रव्यूह तोड़ने का वर्णन किया. इसके साथ ही उन्होंने रानी तारा और राजा हरिश्चंद्र के सत्य के पथ पर चलने का होली गीत से चित्र किया.

ताज महोत्सव.
आरुषि निशंक की टीम ने बांधा समांदेहरादून से केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की बेटी आरुषि निशंक अपनी टीम के साथ गंगा अवतरण की नृत्य नाटिका पेश करने के लिए ताज महोत्सव में आईं. मंच से स्वर्ग से धरती पर गंगा के आने की कहानी को नृत्य नाटिका के जरिए प्रस्तुत किया. और संदेश दिया कि हमें गंगा, यमुना ही नहीं अपने आसपास की दूसरी नदियों की भी साफ सफाई रखनी चाहिए, इसके लिए आगे आना चाहिए.

इसे पढ़ें - ताज महोत्सव हुआ शिवमय, शिव तांडव की प्रस्तुति ने मोहा मन

आगरा के जगनेर संस्कार भारती शाखा के नरेन्द्र पाठक ने बताया कि राजपूताना होली एक विलुप्त होती हुई विधा है, जो हमारे आगरा के राजस्थान और मध्य प्रदेश से सटे जिलों में खूब गाई जाती है. आज हमने ताज महोत्सव के मंच से अभिमन्यु के चक्रव्यूह तोड़ने और रानी तारा और राजा हरिश्चंद्र की सत्य के पथ पर चलने की कहानी को होली के जरिए सुनाया.

आगरा: ताज महोत्सव का शुक्रवार को चौथा दिन था. शाम को सांस्कृतिक संध्या में आगरा के जगनेर से आए लोक कलाकारों ने राजपुताना होली की प्रस्तुति दी. लोक कलाकारों ने अपने वीर रस से ओतप्रोत होली गीत से महाभारत में अभिमन्यु के चक्रव्यूह तोड़ने का वर्णन किया. इसके साथ ही उन्होंने रानी तारा और राजा हरिश्चंद्र के सत्य के पथ पर चलने का होली गीत से चित्र किया.

ताज महोत्सव.
आरुषि निशंक की टीम ने बांधा समांदेहरादून से केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की बेटी आरुषि निशंक अपनी टीम के साथ गंगा अवतरण की नृत्य नाटिका पेश करने के लिए ताज महोत्सव में आईं. मंच से स्वर्ग से धरती पर गंगा के आने की कहानी को नृत्य नाटिका के जरिए प्रस्तुत किया. और संदेश दिया कि हमें गंगा, यमुना ही नहीं अपने आसपास की दूसरी नदियों की भी साफ सफाई रखनी चाहिए, इसके लिए आगे आना चाहिए.

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आगरा के जगनेर संस्कार भारती शाखा के नरेन्द्र पाठक ने बताया कि राजपूताना होली एक विलुप्त होती हुई विधा है, जो हमारे आगरा के राजस्थान और मध्य प्रदेश से सटे जिलों में खूब गाई जाती है. आज हमने ताज महोत्सव के मंच से अभिमन्यु के चक्रव्यूह तोड़ने और रानी तारा और राजा हरिश्चंद्र की सत्य के पथ पर चलने की कहानी को होली के जरिए सुनाया.

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