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मौत वाली मॉकड्रिल: पारस हॉस्पिटल पर लटका ताला - मौत वाली मॉकड्रिल

आगरा में 'मौत वाली मॉकड्रिल' करने वाले पारस हॉस्पिटल पर बुधवार दोपहर ताला लटक गया. पारस हॉस्पिटल के संचालक डॉ. अरिंजय जैन ने जिस समय 'मौत वाली मॉकड्रिल' की थी. उस समय हॉस्पिटल में 96 मरीज भर्ती थे. पांच मिनट की मॉकड्रिल में मरीजों की ऑक्सीजन हटाई गई थी. जिससे गंभीर 22 मरीजों की मौत हो गई थी.

पारस हॉस्पिटल पर लटका ताला
पारस हॉस्पिटल पर लटका ताला
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Published : Jun 9, 2021, 9:20 PM IST

आगरा: जिले में मरीजों पर 'मौत वाली मॉकड्रिल' करने वाले पारस हॉस्पिटल पर आखिरकार बुधवार दोपहर ताला लटक गया. जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस टीम पारस हॉस्पिटल पहुंची. टीम ने हॉस्पिटल प्रबंधन के कर्मचारियों से बातचीत की, फिर टीम ने हॉस्पिटल के हर वार्ड का निरीक्षण किया. इसके बाद पारस हॉस्पिटल में मौजूद कर्मचारियों को बाहर करके सील लगा दी. एसीएमओ डॉ. वीरेंद्र भारती ने बताया कि, इस मामले की कमेटी जांच कर रही है. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

यह था मामला
बता दें कि, आगरा-दिल्ली हाईवे पर स्थित पारस हॉस्पिटल के संचालक डॉ अरिंजय जैन के 7 जून को चार वीडियो वायरल हुए. जिसमें डॉ. अरिंजय जैन हॉस्पिटल में भर्ती कोविड-19 मरीजों के पर की गई ऑक्सीजन हटाने की पांच मिनट की 'मॉक ड्रिल' की बात कर रहे हैं. यह 'मौत वाली मॉकड्रिल' 26 अप्रैल-2021 को हुई थी. तब हॉस्पिटल में 96 मरीज भर्ती थे. जिनमें से ऑक्सीजन न मिलने से 22 मरीजों का शरीर नीला पड़ गया था.

महामारी एक्ट की धाराओं में मुकदमा
बता दें कि, मंगलवार दोपहर प्राथमिक छानबीन के बाद डीएम प्रभु नारायण सिंह ने आगरा के बहुचर्चित पारस हॉस्पिटल को 'मौत वाली मॉकड्रिल' पर सील करने के निर्देश दिए थे. वीडियो वायरल होने पर जिला प्रशासन की हॉस्पिटल संचालक डॉ. अरिंजय जैन पर यह कार्रवाई हुई थी. न्यू आगरा थाना में उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके अग्निहोत्री ने डॉ. अरिंजय जैन के खिलाफ महामारी एक्ट की गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई.

बचे मरीज किए गए शिफ्ट
पारस हॉस्पिटल सील करने के निर्देश से प्रबंधन में खलबली मच गई. हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों के परिजन भी घबरा गए. क्योंकि, हॉस्पिटल प्रबंधन ने हाथ खड़े कर दिए. उन्होंने कहा कि, वह यहां से अपने मरीज को दूसरे हॉस्पिटल में ले जा सकते हैं. इस पर तीमारदारों ने मंगलवार रात को हंगामा भी किया. तमाम तीमारदार अपने मरीजों को लेकर दूसरे हॉस्पिटल में चले गए. मंगलवार रात करीब 10 बजे के बाद स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीम पारस हॉस्पिटल पहुंची. पारस हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों को पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एसएन मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया.

हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी नहीं थी
डीएम प्रभु नारायण सिंह के मुताबिक, वायरल वीडियो 28 अप्रैल 2021 का है. हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं थी. जिला प्रशासन ने हॉस्पिटल को 25 अप्रैल को 149 ऑक्सीजन गैस सिलेंडर सप्लाई किए गए थे. 26 अप्रैल को 121 ऑक्सीजन गैस सिलेंडर सप्लाई किए गए थे. 27 अप्रैल को 117 ऑक्सीजन गैस सिलेंडर सप्लाई किए गए थे. हॉस्पिटल के पास में भी 20 ऑक्सीजन गैस सिलेंडर का रिजर्व था. हॉस्पिटल संचालक ने वीडियो में गलत कहा था कि, मोदीनगर में ऑक्सीजन खत्म हो गई है.

लाइसेंस निलंबित, जांच कमेटी गठित
सीएमओ डॉ. आरसी पांडेय ने 'मौत वाली मॉकड्रिल' के मामले में पारस हॉस्पिटल का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. इसके साथ ही हॉस्पिटल संचालक डॉ अरिंजय जैन को नोटिस दिया है. सीएमओ ने मामले की जांच एसीएमओ डॉ. वीरेंद्र भारती, एसीएमओ डॉ. संजीव वर्मन की दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है. समिति को दो दिन में जांच रिपोर्ट देनी है.

आगरा: जिले में मरीजों पर 'मौत वाली मॉकड्रिल' करने वाले पारस हॉस्पिटल पर आखिरकार बुधवार दोपहर ताला लटक गया. जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस टीम पारस हॉस्पिटल पहुंची. टीम ने हॉस्पिटल प्रबंधन के कर्मचारियों से बातचीत की, फिर टीम ने हॉस्पिटल के हर वार्ड का निरीक्षण किया. इसके बाद पारस हॉस्पिटल में मौजूद कर्मचारियों को बाहर करके सील लगा दी. एसीएमओ डॉ. वीरेंद्र भारती ने बताया कि, इस मामले की कमेटी जांच कर रही है. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

यह था मामला
बता दें कि, आगरा-दिल्ली हाईवे पर स्थित पारस हॉस्पिटल के संचालक डॉ अरिंजय जैन के 7 जून को चार वीडियो वायरल हुए. जिसमें डॉ. अरिंजय जैन हॉस्पिटल में भर्ती कोविड-19 मरीजों के पर की गई ऑक्सीजन हटाने की पांच मिनट की 'मॉक ड्रिल' की बात कर रहे हैं. यह 'मौत वाली मॉकड्रिल' 26 अप्रैल-2021 को हुई थी. तब हॉस्पिटल में 96 मरीज भर्ती थे. जिनमें से ऑक्सीजन न मिलने से 22 मरीजों का शरीर नीला पड़ गया था.

महामारी एक्ट की धाराओं में मुकदमा
बता दें कि, मंगलवार दोपहर प्राथमिक छानबीन के बाद डीएम प्रभु नारायण सिंह ने आगरा के बहुचर्चित पारस हॉस्पिटल को 'मौत वाली मॉकड्रिल' पर सील करने के निर्देश दिए थे. वीडियो वायरल होने पर जिला प्रशासन की हॉस्पिटल संचालक डॉ. अरिंजय जैन पर यह कार्रवाई हुई थी. न्यू आगरा थाना में उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके अग्निहोत्री ने डॉ. अरिंजय जैन के खिलाफ महामारी एक्ट की गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई.

बचे मरीज किए गए शिफ्ट
पारस हॉस्पिटल सील करने के निर्देश से प्रबंधन में खलबली मच गई. हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों के परिजन भी घबरा गए. क्योंकि, हॉस्पिटल प्रबंधन ने हाथ खड़े कर दिए. उन्होंने कहा कि, वह यहां से अपने मरीज को दूसरे हॉस्पिटल में ले जा सकते हैं. इस पर तीमारदारों ने मंगलवार रात को हंगामा भी किया. तमाम तीमारदार अपने मरीजों को लेकर दूसरे हॉस्पिटल में चले गए. मंगलवार रात करीब 10 बजे के बाद स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीम पारस हॉस्पिटल पहुंची. पारस हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों को पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एसएन मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया.

हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी नहीं थी
डीएम प्रभु नारायण सिंह के मुताबिक, वायरल वीडियो 28 अप्रैल 2021 का है. हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं थी. जिला प्रशासन ने हॉस्पिटल को 25 अप्रैल को 149 ऑक्सीजन गैस सिलेंडर सप्लाई किए गए थे. 26 अप्रैल को 121 ऑक्सीजन गैस सिलेंडर सप्लाई किए गए थे. 27 अप्रैल को 117 ऑक्सीजन गैस सिलेंडर सप्लाई किए गए थे. हॉस्पिटल के पास में भी 20 ऑक्सीजन गैस सिलेंडर का रिजर्व था. हॉस्पिटल संचालक ने वीडियो में गलत कहा था कि, मोदीनगर में ऑक्सीजन खत्म हो गई है.

लाइसेंस निलंबित, जांच कमेटी गठित
सीएमओ डॉ. आरसी पांडेय ने 'मौत वाली मॉकड्रिल' के मामले में पारस हॉस्पिटल का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. इसके साथ ही हॉस्पिटल संचालक डॉ अरिंजय जैन को नोटिस दिया है. सीएमओ ने मामले की जांच एसीएमओ डॉ. वीरेंद्र भारती, एसीएमओ डॉ. संजीव वर्मन की दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है. समिति को दो दिन में जांच रिपोर्ट देनी है.

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