ETV Bharat / state

PMFME Scheme : फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए सरकार पैसे बांट रही है, लोन लेने वाले ही कम हैं

भारत दूध, मसाले, फल और सब्जी के उत्पादन में अव्वल है, मगर यहां फूड प्रोसेसिंग यूनिट की संख्या उत्पादन के मुकाबले कम है. फूड प्रोसेसिंग सेक्टर का कारोबार फल-फूल रहा है. फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने PM फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज स्कीम (PMFME) स्कीम शुरू की. यूपी में इस योजना का लाभ लेने वाले आवेदकों का टोटा है. जानिए क्या है PMFME स्कीम का हाल...

Etv Bharat loan borrowers for PMFME scheme
Etv Bharat loan borrowers for PMFME scheme
author img

By

Published : Jan 21, 2023, 5:57 PM IST

आगरा : पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत मिशन से युवाओं को ट्रेनिंग देने, बेरोजगारी दूर करने और रोजगार के अवसर सृजन किया करने की पहल की. फिर 'लोकल फॉर वोकल' और 'वोकल फॉर ग्लोबल' का नारा भी दिया. फिर भी देश में बेरोजगारी दर बढ़कर 8.30 फीसदी पहुंच गई है. केंद्र की मोदी सरकार ने असंगठित क्षेत्र की फूड प्रोसेसिंग यूनिट की आर्थिक मदद और नई फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए प्रधानमन्त्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन (PMFME) स्कीम लाई. जिसके जरिए दस लाख रुपए तक लोन दिए जा रहे हैं. जिसमें सरकार लाभार्थी को 35% सब्सिडी दे रही है. फिर भी पीएमएफएमई स्कीम में लक्ष्य पूरा नहीं हो रहा है. इसकी वजह पीएम एफएमई स्कीम का प्रचार-प्रसार कम होना है. फिलहाल इस स्कीम को सफल बनाने के लिए जिलों में मेला और गांव-गांव में चौपाल लगाई जा रही हैं.

पीएम एफएमई स्कीम के नोडल अफसर ने दी यह जानकारी.



केंद्र सरकार ने सन् 2020 में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन यानी PM फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज स्कीम (PMFME) स्कीम शुरू की थी. यह स्कीम आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत शुरू की गई थी. आगरा अलीगढ़ में पीएम एफएमई स्कीम के नोडल अफसर लोकेश सिंह सेंगर ने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य असंगठित क्षेत्र की माइक्रो फूड प्रोसेसिंग के फॉर्मूलेशन और नई फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने में मदद करना है. देश के असंगठित क्षेत्र में माइक्रो फूड प्रोसेसिंग की 25 लाख से ज्यादा यूनिट हैं. यूपी में करीब दो लाख फूड प्रोसेसिंग यूनिट असंगठित क्षेत्र में हैं. PMFME स्कीम के तहत यूपी में 2025 तक 41 हजार फूड प्रोसेसिंग यूनिट को सब्सिडी और नई फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने में मदद दी जाएगी.

loan borrowers for PMFME scheme
PM FME स्कीम के लिए पांच साल के लिए दस हजार करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है.


बजट भरपूर फिर भी लक्ष्य से दूर : नोडल अफसर लोकेश सिंह सेंगर ने बताया कि PM FME स्कीम के लिए पांच साल के लिए दस हजार करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है. इसमें से यूपी का बजट 1890 करोड़ रुपए है. सत्र 2022-23 में देश में दो लाख यूनिट को सब्सिडी देने का लक्ष्य रखा गया है. हालांकि चालू वित्त वर्ष में यह लक्ष्य पूरा होता नहीं दिख रहा है. यूपी में ही 41779 यूनिट को मार्च तक सब्सिडी देनी है. जबकि अभी तक सिर्फ 2100 आवेदन आए हैं. आवेदनों की यह संख्या लक्ष्य के मुकाबले बेहद कम हैं. आगरा मंडल की बात करें तो 1083 का लक्ष्य है. इसके मुकाबले 509 आवेदन आए हैं. जिसमें से 37 यूनिट की लोन स्वीकृत की हुई है और 94 आवेदन रिजेक्ट हुए हैं.




10 लाख रुपये की फूड प्रोसेसिंग यूनिट पर 3.5 लाख सब्सिडी : उप निदेशक उद्यान नीरज कुमार कौशल ने बताया कि, पीएम एफएमई स्कीम बेरोजगार युवाओं के लिए बेहद मददगार है. बेरोजगार युवा इस योजना से खुद रोजगार पाने के साथ ही रोजगार के नए अवसरों का सृजन कर सकते हैं. इस स्कीम के तहत सस्ती ब्याज दर पर 10 लाख रुपए की आर्थिक मदद के रूप में फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगा सकते हैं. जिसमें से 3.5 लाख सब्सिडी भी दी जा रही है. इस स्कीम से लोगों को जोड़ने के लिए विभाग की ओर से मेला और गांव स्तर पर चौपाल लगाई जा रही हैं.

हर साल 25 हजार युवाओं को ट्रेंनिंग : राजकीय खाद्य विज्ञान प्रशिक्षण केंद्र आगरा के प्रशिक्षक और आगरा-अलीगढ़ मंडल के नोडल लोकेश सिंह सेंगर ने बताया कि, नई फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए युवाओं को जागरूक करने के साथ ही उन्हें प्रशिक्षित भी किया जा रहा है. यूपी में दस मंडल स्तर के राजकीय खाद्य विज्ञान प्रशिक्षण केंद्र हैं. यूपी में जिला स्तर पर 77 राजकीय फल संरक्षण एवं प्रशिक्षण केंद्र हैं. इसके साथ ही लखनऊ में फूड टेक्नोलॉजी इंस्टिट्यूट है. जहां पर भी युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाता है. यूपी में हर साल इन सभी प्रशिक्षण संस्थान से 25000 युवाओं को ट्रेनिंग दी जाती है. इसके साथ ही युवाओं को एडवांस ट्रेनिंग की व्यवस्था है.


यूं करें आवेदन : प्रधानमंत्री फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज (PMFME Scheme) स्कीम के तहत ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है. PM FME स्कीम के लिए आधिकारिक वेबसाइट https://pmfme.mofpi.gov.in पर जाएं. इस वेबसाइट के होम पेज पर Online Registration के विकल्प पर क्लिक करें. जिससे अगला पेज खुल जाएगा. जहां पर लॉगिन और साइन अप (पंजीकरण) का विकल्प मिलेगा. ऐसे अपना आवेदन कर सकते हैं.

बता दें कि दुनिया में 2022 तक फूड प्रोसेसिंग सेक्टर की वैल्यू 3157 बिलियन डालर आंकी गई. जो 2.4 फीसदी बढ़कर होकर सन् 2028 तक लगभग 3640 बिलियन डालर के आसपास पहुंचने का अनुमान है. भारत में फूड प्रोसेसिंग सेक्टर की वैल्यू 2022 तक 307 बिलियन डालर आंकी गई. आंकलन के अनुसार, 2028 तक लगभग भारत में फूड प्रोसेसिंग का कारोबार 547 बिलियन डालर के आसपास पहुंच जाएगा. सबसे बड़ी बात यह है कि, भारत दुनिया में दूध, मसाले, केला, आम, पपीता और अदरक के उत्पादन में पहले नंबर पर है. इसके साथ ही भारत आलू समेत अन्य कमोडिटी के उत्पादन में दुनिया में दूसरे नंबर पर है. इतना ही नहीं, दुनिया में चीन के बाद भारत फूड प्रोडक्शन में दूसरे नंबर पर है.

पढ़ें : 23 करोड़ से बदलेगी बनारस के 86 गांवों की तस्वीर, तैयार हुआ ये प्लान

आगरा : पीएम मोदी ने आत्मनिर्भर भारत मिशन से युवाओं को ट्रेनिंग देने, बेरोजगारी दूर करने और रोजगार के अवसर सृजन किया करने की पहल की. फिर 'लोकल फॉर वोकल' और 'वोकल फॉर ग्लोबल' का नारा भी दिया. फिर भी देश में बेरोजगारी दर बढ़कर 8.30 फीसदी पहुंच गई है. केंद्र की मोदी सरकार ने असंगठित क्षेत्र की फूड प्रोसेसिंग यूनिट की आर्थिक मदद और नई फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए प्रधानमन्त्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन (PMFME) स्कीम लाई. जिसके जरिए दस लाख रुपए तक लोन दिए जा रहे हैं. जिसमें सरकार लाभार्थी को 35% सब्सिडी दे रही है. फिर भी पीएमएफएमई स्कीम में लक्ष्य पूरा नहीं हो रहा है. इसकी वजह पीएम एफएमई स्कीम का प्रचार-प्रसार कम होना है. फिलहाल इस स्कीम को सफल बनाने के लिए जिलों में मेला और गांव-गांव में चौपाल लगाई जा रही हैं.

पीएम एफएमई स्कीम के नोडल अफसर ने दी यह जानकारी.



केंद्र सरकार ने सन् 2020 में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन यानी PM फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज स्कीम (PMFME) स्कीम शुरू की थी. यह स्कीम आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत शुरू की गई थी. आगरा अलीगढ़ में पीएम एफएमई स्कीम के नोडल अफसर लोकेश सिंह सेंगर ने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य असंगठित क्षेत्र की माइक्रो फूड प्रोसेसिंग के फॉर्मूलेशन और नई फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने में मदद करना है. देश के असंगठित क्षेत्र में माइक्रो फूड प्रोसेसिंग की 25 लाख से ज्यादा यूनिट हैं. यूपी में करीब दो लाख फूड प्रोसेसिंग यूनिट असंगठित क्षेत्र में हैं. PMFME स्कीम के तहत यूपी में 2025 तक 41 हजार फूड प्रोसेसिंग यूनिट को सब्सिडी और नई फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने में मदद दी जाएगी.

loan borrowers for PMFME scheme
PM FME स्कीम के लिए पांच साल के लिए दस हजार करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है.


बजट भरपूर फिर भी लक्ष्य से दूर : नोडल अफसर लोकेश सिंह सेंगर ने बताया कि PM FME स्कीम के लिए पांच साल के लिए दस हजार करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है. इसमें से यूपी का बजट 1890 करोड़ रुपए है. सत्र 2022-23 में देश में दो लाख यूनिट को सब्सिडी देने का लक्ष्य रखा गया है. हालांकि चालू वित्त वर्ष में यह लक्ष्य पूरा होता नहीं दिख रहा है. यूपी में ही 41779 यूनिट को मार्च तक सब्सिडी देनी है. जबकि अभी तक सिर्फ 2100 आवेदन आए हैं. आवेदनों की यह संख्या लक्ष्य के मुकाबले बेहद कम हैं. आगरा मंडल की बात करें तो 1083 का लक्ष्य है. इसके मुकाबले 509 आवेदन आए हैं. जिसमें से 37 यूनिट की लोन स्वीकृत की हुई है और 94 आवेदन रिजेक्ट हुए हैं.




10 लाख रुपये की फूड प्रोसेसिंग यूनिट पर 3.5 लाख सब्सिडी : उप निदेशक उद्यान नीरज कुमार कौशल ने बताया कि, पीएम एफएमई स्कीम बेरोजगार युवाओं के लिए बेहद मददगार है. बेरोजगार युवा इस योजना से खुद रोजगार पाने के साथ ही रोजगार के नए अवसरों का सृजन कर सकते हैं. इस स्कीम के तहत सस्ती ब्याज दर पर 10 लाख रुपए की आर्थिक मदद के रूप में फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगा सकते हैं. जिसमें से 3.5 लाख सब्सिडी भी दी जा रही है. इस स्कीम से लोगों को जोड़ने के लिए विभाग की ओर से मेला और गांव स्तर पर चौपाल लगाई जा रही हैं.

हर साल 25 हजार युवाओं को ट्रेंनिंग : राजकीय खाद्य विज्ञान प्रशिक्षण केंद्र आगरा के प्रशिक्षक और आगरा-अलीगढ़ मंडल के नोडल लोकेश सिंह सेंगर ने बताया कि, नई फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए युवाओं को जागरूक करने के साथ ही उन्हें प्रशिक्षित भी किया जा रहा है. यूपी में दस मंडल स्तर के राजकीय खाद्य विज्ञान प्रशिक्षण केंद्र हैं. यूपी में जिला स्तर पर 77 राजकीय फल संरक्षण एवं प्रशिक्षण केंद्र हैं. इसके साथ ही लखनऊ में फूड टेक्नोलॉजी इंस्टिट्यूट है. जहां पर भी युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाता है. यूपी में हर साल इन सभी प्रशिक्षण संस्थान से 25000 युवाओं को ट्रेनिंग दी जाती है. इसके साथ ही युवाओं को एडवांस ट्रेनिंग की व्यवस्था है.


यूं करें आवेदन : प्रधानमंत्री फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज (PMFME Scheme) स्कीम के तहत ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है. PM FME स्कीम के लिए आधिकारिक वेबसाइट https://pmfme.mofpi.gov.in पर जाएं. इस वेबसाइट के होम पेज पर Online Registration के विकल्प पर क्लिक करें. जिससे अगला पेज खुल जाएगा. जहां पर लॉगिन और साइन अप (पंजीकरण) का विकल्प मिलेगा. ऐसे अपना आवेदन कर सकते हैं.

बता दें कि दुनिया में 2022 तक फूड प्रोसेसिंग सेक्टर की वैल्यू 3157 बिलियन डालर आंकी गई. जो 2.4 फीसदी बढ़कर होकर सन् 2028 तक लगभग 3640 बिलियन डालर के आसपास पहुंचने का अनुमान है. भारत में फूड प्रोसेसिंग सेक्टर की वैल्यू 2022 तक 307 बिलियन डालर आंकी गई. आंकलन के अनुसार, 2028 तक लगभग भारत में फूड प्रोसेसिंग का कारोबार 547 बिलियन डालर के आसपास पहुंच जाएगा. सबसे बड़ी बात यह है कि, भारत दुनिया में दूध, मसाले, केला, आम, पपीता और अदरक के उत्पादन में पहले नंबर पर है. इसके साथ ही भारत आलू समेत अन्य कमोडिटी के उत्पादन में दुनिया में दूसरे नंबर पर है. इतना ही नहीं, दुनिया में चीन के बाद भारत फूड प्रोडक्शन में दूसरे नंबर पर है.

पढ़ें : 23 करोड़ से बदलेगी बनारस के 86 गांवों की तस्वीर, तैयार हुआ ये प्लान

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.