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डॉ. दीप्ति सुसाइड केस: ससुर सहित चार आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी

आगरा में डॉ. दीप्ति अग्रवाल की मौत के मामले में आरोपी डॉ. एससी अग्रवाल सहित चार आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है. बीते 3 अगस्त को डॉ. दीप्ति अग्रवाल ने फांसी लगाकर आत्महत्या की थी. मामले में ससुराल वालों पर दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था.

मौत मामले में गैर जमानती वॉरंट जारी.
मौत मामले में गैर जमानती वॉरंट जारी.
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Published : Sep 10, 2020, 2:31 PM IST

आगरा: शहर के बहुचर्चित डॉक्टर दीप्ति अग्रवाल सुसाइड केस में पुलिस ने दीप्ति के ससुर, सास, जेठ और जेठानी का गैर जमानती वारंट जारी कराया है. इस मामले में पहले ही दीप्ति के पति डॉ. सुमित अग्रवाल को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. पुलिस की इस कार्रवाई से आरोपित चिकित्सक परिवार की मुश्किलें बढ़ गई हैं.

जारी हुए गैर जमानती वारंट
सीओ सदर महेश कुमार ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था कि आरोपियों के घर पर कई बार दबिश दी, लेकिन वे सभी फरार हैं. इस बाबत आरोपी डॉ. एससी अग्रवाल व पत्नी अनीता, बड़ा बेटा डॉ. अमित और पुत्रवधु डॉ. तूलिका के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है. बीते 07 अगस्त को डॉ. सुमित समेत इन सभी के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था.

2014 में हुई थी शादी
मथुरा की एनेस्थेसिया विशेषज्ञ डॉ. दीप्ति अग्रवाल की शादी आगरा जिले के प्रतापपुरा निवासी डॉ. सुमित अग्रवाल के साथ 2014 में हुई थी. दोनों की एक बेटी भी है. वर्ष 2018 से डॉक्टर सुमित पत्नी डॉक्टर दीप्ति के साथ विभव वैली व्यू अपार्टमेंट में बेटी के साथ रह रहे थे.

03 अगस्त 2020 को डॉ. दीप्ति ने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. डॉ. सुमित ने दरवाजा तोड़कर पत्नी को फंदे से उतारा और प्रतापपुरा स्थित अपने अस्पताल लेकर आए. बाद में उन्हें फरीदाबाद स्थित सर्वोदय अस्पताल में रेफर किया गया, जहां डॉ. दीप्ति की मौत हो गई.

18 लाइन का मिला सुसाइड नोट
डॉ. दीप्ति ने सुसाइड से पहले पति डॉ. सुमित के लिए 18 लाइन का सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसकी पुलिस फॉरेंसिक जांच करा रही है. सुसाइड नोट में लिखा था कि 'मैं अपनी जिंदगी से हार गई, अब तक कुछ कर नहीं पाई हूं और ना ही कर पाऊंगी. मुझे माफ कर दीजिएगा.'

मुकदमा के 24 घंटे में गिरफ्तारी
डॉ. दीप्ति के कोसी (मथुरा) निवासी पिता डॉ. नरेश मंगला ने दामाद सुमित अग्रवाल, ससुर डॉ. एससी अग्रवाल, सास अनीता, जेठ डॉ. अमित और भाभी तूलिका के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा ताजगंज थाना में दर्ज कराया था. मुकदमे के तहत आरोप लगा था कि एक करोड़ रुपये की मांग को लेकर डॉ. दीप्ति को प्रताड़ित किया जा रहा था. मुकदमा दर्ज होने के 24 घण्टे में डॉ. सुमित को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया.

आगरा: शहर के बहुचर्चित डॉक्टर दीप्ति अग्रवाल सुसाइड केस में पुलिस ने दीप्ति के ससुर, सास, जेठ और जेठानी का गैर जमानती वारंट जारी कराया है. इस मामले में पहले ही दीप्ति के पति डॉ. सुमित अग्रवाल को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. पुलिस की इस कार्रवाई से आरोपित चिकित्सक परिवार की मुश्किलें बढ़ गई हैं.

जारी हुए गैर जमानती वारंट
सीओ सदर महेश कुमार ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था कि आरोपियों के घर पर कई बार दबिश दी, लेकिन वे सभी फरार हैं. इस बाबत आरोपी डॉ. एससी अग्रवाल व पत्नी अनीता, बड़ा बेटा डॉ. अमित और पुत्रवधु डॉ. तूलिका के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है. बीते 07 अगस्त को डॉ. सुमित समेत इन सभी के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था.

2014 में हुई थी शादी
मथुरा की एनेस्थेसिया विशेषज्ञ डॉ. दीप्ति अग्रवाल की शादी आगरा जिले के प्रतापपुरा निवासी डॉ. सुमित अग्रवाल के साथ 2014 में हुई थी. दोनों की एक बेटी भी है. वर्ष 2018 से डॉक्टर सुमित पत्नी डॉक्टर दीप्ति के साथ विभव वैली व्यू अपार्टमेंट में बेटी के साथ रह रहे थे.

03 अगस्त 2020 को डॉ. दीप्ति ने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. डॉ. सुमित ने दरवाजा तोड़कर पत्नी को फंदे से उतारा और प्रतापपुरा स्थित अपने अस्पताल लेकर आए. बाद में उन्हें फरीदाबाद स्थित सर्वोदय अस्पताल में रेफर किया गया, जहां डॉ. दीप्ति की मौत हो गई.

18 लाइन का मिला सुसाइड नोट
डॉ. दीप्ति ने सुसाइड से पहले पति डॉ. सुमित के लिए 18 लाइन का सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसकी पुलिस फॉरेंसिक जांच करा रही है. सुसाइड नोट में लिखा था कि 'मैं अपनी जिंदगी से हार गई, अब तक कुछ कर नहीं पाई हूं और ना ही कर पाऊंगी. मुझे माफ कर दीजिएगा.'

मुकदमा के 24 घंटे में गिरफ्तारी
डॉ. दीप्ति के कोसी (मथुरा) निवासी पिता डॉ. नरेश मंगला ने दामाद सुमित अग्रवाल, ससुर डॉ. एससी अग्रवाल, सास अनीता, जेठ डॉ. अमित और भाभी तूलिका के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा ताजगंज थाना में दर्ज कराया था. मुकदमे के तहत आरोप लगा था कि एक करोड़ रुपये की मांग को लेकर डॉ. दीप्ति को प्रताड़ित किया जा रहा था. मुकदमा दर्ज होने के 24 घण्टे में डॉ. सुमित को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया.

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