आगरा: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ताजमहल के यमुना नदी और संरक्षित वन क्षेत्र में मिट्टी के अवैध खनन(illegal mining of soil) पर बेहद सख्त है. एनजीटी ने छह विभाग की गठित कमेटी की रिपोर्ट को नकार दिया. इस मामले में एनजीटी ने आगरा कमिश्नर अमित गुप्ता, डीएम नवनीत सिंह चहल और नगर आयुक्त निखिल टी फुंडे को तलब किया है. तीनों अधिकारियों को एनजीटी कोर्ट में व्यक्तिगत उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं.
आगरा के पर्यावरणविद डॉ. शरद गुप्ता ने 10 मार्च-2022 को एनजीटी में शिकायत की थी. कि ताजमहल के पास ताज नेचर पार्क
के पीछे यमुना नदी की खादर (रिवाइन) अवैध मिट्टी का खनन(Illegal soil mining of Yamuna river) हो रहा है. इस पर एनजीटी ने 9 मई-2022 को संज्ञान लिया. तत्काल सुधार के लिए जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार, वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के रीजनल आफिस लखनऊ, ताज ट्रेपेजियम जोन अथारिटी, उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और डीएम आगरा की एक संयुक्त कमेटी बनाई.
जिसे दो माह में अपनी रिपोर्ट एनजीटी में दाखिल करनी थी. मगर, संयुक्त समिति ने निरीक्षण किया और एनजीटी से रिपोर्ट दाखिल करने के लिए और समय मांग लिया. संयुक्त समिति ने मौके का निरीक्षण करके रिपोर्ट तैयार की और उसे 19 सितंबर-2022 एनजीटी में पेश किया.
पर्यावरणविद डॉ. शरद गुप्ता ने संयुक्त समिति की रिपोर्ट पर एनजीटी ने सुनवाई की और कमेटी की रिपोर्ट को दरकिनार कर दिया. संयुक्त समिति की रिपोर्ट पर कड़ी आपत्ति जताई है. इसके साथ ही एनजीटी ने इस मामले में आगरा कमिश्नर अमित गुप्ता, डीएम नवनीत सिंह चहल और नगर आयुक्त निखिल टी फुंडे को तलब किए हैं. इन अधिकारियों को 10 जनवरी-2023 को एनजीटी कोर्ट में व्यक्तिगत उपस्थित रहना है.
शिकायत में एनजीटी को यह कराया था अवगत:पर्यावरणविद ने अपनी शिकायत से एनजीटी को अवगत कराया था. कि अवैध खनन से यमुना का खादर क्षेत्र नष्ट हो जाएगा. इससे वहां का पारिस्थितिकी तंत्र नष्ट होगा और ताजमहल के लिए भी खतरा बढ़ेगा. इसलिए इस शिकायत पर एनजीटी के न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी व विशेषज्ञ सदस्य डा.अफरोज अहमद की बेंच ने संज्ञान लिया और याचिका दर्ज की थी.
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आगरा कमिश्नर, डीएम और नगरायुक्त को एनजीटी ने किया तलब: तलब किए गए तीनों अधिकारियों को 10 जनवरी को एनजीटी में फिजिकली प्रेजेंट होना होगा. मुख्य सचिव जल शक्ति मंत्रालय सहित आठ विभागों को नोटिस जारी किए गए हैं. एनजीटी पैनल एडीएम सिटी और यूपीपीसीबी की जांच रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं है. ताजमहल के पीछे जेसीबी से अवैध खनन हो रहा है.
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