आगरा: जिले में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जिले में पारस हॉस्पिटल के कंपाउंडर की पहली रिपोर्ट कोरोना निगेटिव बताई गई. इसके बाद रविवार को फोन आया कि युवक कोरोना पॉजिटिव है. पहली रिपोर्ट के बाद ही युवक अपने घर आ गया था. रविवार को शाम 6:30 बजे डॉक्टर की टीम कोरोना मरीज को अपने साथ ले गई. वहीं पूरे गांव को सील कर दिया गया है.
पारस अस्पताल के स्टाफ और मरीजों को आगरा के कमलानगर स्थित महाराजा अग्रसेन सेवा सदन में 22 दिन के लिए क्वारेंटाइन किया गया था. वहां सुविधा सही ना मिलने पर लोगों ने हंगामा काटा था. आनन-फानन में लोगों का सैंपल लेकर उसी दिन शाम को कह दिया गया था कि आपकी रिपोर्ट निगेटिव है. आप लोग घर जा सकते हैं. इसके बाद कंपाउंडर वापस अपने घर आ गया.
संक्रमित युवक ने बताया कि पहले कोरोना टेस्ट कराया गया था, जो कि निगेटिव आया था. 7 दिन बाद वह गांव आकर रहने लगा था. रविवार दोपहर कंपाउंडर के पास फोन आया कि उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. रिपोर्ट की सूचना मिलने से कंपाउंडर के पैरों तले जमीन खिसक गई. वहीं सूचना पर थाना पुलिस पहुंच गई और पूरे गांव को हॉटस्पॉट घोषित कर दिया गया.
शाम 6:30 बजे स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंच गई और युवक को अपने साथ ले गई. प्रधान आहरन पति संतोष आनंद ने बताया कि एक युवक कोरोना पॉजिटिव मिला है. पूरे गांव को पूरी तरह सील कर दिया गया है.