आगरा: कोरोना संक्रमण के कहर के साथ-साथ बरसात का मौसम आने से मच्छर जनित बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है. यह मच्छर जमा हुए पानी में ज्यादा होते हैं. इन्ही बीमारियों से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश के आगरा नगर निगम ने कमर कस ली है. बारिश और जलभराव में मच्छर न पनपे, इसके लिए एंटी लार्वा छिड़काव के साथ ही हर गली और मोहल्ले में फॉगिंग करने की पूरी प्लानिंग की गई है.
अभी तक नगर निगम के कर्मचारी मुख्य सड़कों और कॉलोनियों में ही एंटी लार्वा का छिड़काव और फॉगिंग करके चलते जाते थे. घने इलाकों में रहने वाले लोग उनका इंतजार ही करते रह जाते थे. आगरा नगर निगम ने अब लखनऊ की तरह हर तंग गलियों में फॉगिंग करने की भी व्यवस्था की है. इस समस्या से निजात पाने के लिए आगरा नगर निगम ने 24 पोर्टेबल फॉगिंग मशीन खरीदी है. इन मशीनों से शहर की तंग गलियों में भी मच्छर मारने के लिए धुआं किया जा सकेगा. इन मशीनों को बाइक व साइकिल पर रखकर दो लोग घने इलाकों में भी फॉगिंग कर सकेंगे.
आगरा नगर निगम में 100 वार्ड हैं. नगर निगम के चार जोन हैं. हर दिन कई शिकायत नगर निगम में फॉगिंग और एंटी लार्वा एक्टिविटी कराने के लिए आती हैं. बारिश के मौसम में जलभराव से मच्छर पनप जाते हैं. जो डेंगू और मलेरिया के वाहक बन जाते हैं. प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बाद अब आगरा में साइकिल या बाइक से नगर निगम के कर्मचारी तंग गलियों में फॉगिंग करते नजर आ रहे हैं.
स्वास्थ्य विभाग का डोर टू डोर सर्वे
कोरोना काल में मच्छर जनित रोगों की रोकथाम पर सीएम योगी जोर दे रहे हैं. जुलाई माह में संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया गया. जिसमें स्वास्थ्य विभाग ने शहर और देहात में चिकित्सा शिविर लगाए. वैसे कोरोना संक्रमण सर्वे में चिकित्सा विभाग की टीमें मच्छर जनित बीमारियों को लेकर लोगों को जागरूक कर रही हैं. डोर टू डोर सर्वे में लोगों का डेटा जुटाया जा रहा है.
पोर्टेबल फॉगिंग मशीन की खासियत
पोर्टेबल फॉगिंग मशीन 24 हॉर्स पावर की है. पोर्टेबल फॉगिंग मशीन से साइकिल या बाइक से नगर निगम कर्मचारी तंग गलियों में जाकर फॉगिंग कर सकते हैं. पोर्टेबल फॉगिंग मशीन पेट्रोल से चल सकती है. मशीन का पेट्रोल टैंक 2 लीटर का है. एक बार इस एक घंटे तक मशीन चल सकती है.
'कराई जाएगी फागिंग'
महापौर नवीन जैन ने बताया कि नगर निगम में 100 वार्ड हैं. निगम में ताजगंज जोन, हरीपर्वत जोन, छत्ता जोन और लोहामंडी जोन है. हर जोन में छह सैनिटरी इंस्पेक्टर है. जिनका काम साफ-सफाई कराने का है. इसलिए हमने 24 पोर्टेबल फॉगिंग मशीन खरीदी है. एक-एक पोर्टेबल फॉगिंग मशीन हर सैनिटरी इंस्पेक्टर को दी है. जिससे शहर के हर इलाके में सभी तंग गलियों में फॉगिंग कराई जाए. जिससे मच्छरों के प्रकोप को खत्म किया जा सके, क्योंकि मच्छरों के प्रकोप से भी तमाम तरह की बीमारियां होती हैं.
'रोस्टर से एंटी लार्वा का छिड़काव'
नगर आयुक्त निखिल टीकाराम फुंडे का कहना है कि शहर में कोरोना के चलते सैनिटाइजेशन, एंटी लार्वा एक्टिविटी के साथ ही नालियों की सफाई का भी काम चल रहा था. बारिश में जलभराव की बात करें तो 25 स्थान चिह्वित किए हैं, जहां पर जलभराव होता है. उन सभी स्थान पर 31 पंपिंग मशीन लगा दी गई हैं. जलभराव की स्थिति में पानी की पंपिंग की जा सके, यह हमारी टेंपरेरी व्यवस्था है. जलभराव खत्म करने की स्थाई व्यवस्था पर काम किया जा रहा है.
नगर आयुक्त ने बताया कि कोरोना काल में मच्छर जनित बीमारियों को रोकने को लिए फॉगिंग की विशेष व्यवस्था की है. नगर निगम बड़ी फॉगिंग मशीन से कालोनियों बाजारों और अन्य स्थानों पर फॉगिंग करा रहे थे. मगर घनी बस्ती और तंग गलियों में फॉगिंग करने में परेशानी होती थी. जिसकी शिकायत आती थी, नगर निगम ने 24 पोर्टेबल फॉगिंग मशीन खरीदी है. जिनसे निगम कर्मचारी साइकिल या बाइक से तंग गलियों में फॉगिंग कर सकते हैं. रोस्टर के अनुसार शहर में एंटी लार्वा का छिड़काव लगातार किया जा रहा है.