आगरा : आगरा-दिल्ली हाईवे पर स्थित पारस हॉस्पिटल के संचालक डॉ अरिंजय जैन का सोमवार से एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है. जिसमें डॉ अरिंजय जैन हॉस्पिटल में भर्ती कोविड-19 मरीजों के ऊपर किए गए, ऑक्सीजन हटाए जाने की मॉकड्रिल पर बात कर रहे हैं. इसमें 26 अप्रैल-2021 को कोविड-19 के भर्ती 96 मरीजों की मॉकड्रिल में 5 मिनट तक ऑक्सीजन हटाई गई थी. इससे गंभीर 22 मरीजों की हालत खराब हो गई थी. वीडियो वायरल होने से जिले में हड़कंप मच गया है. वहीं, डॉ. अरिंजय जैन का कहना है कि, उनका वीडियो तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है. अब डीएम मामले की जांच कराने की बात कह रहे हैं.
डीएम ने की 4 मौतों की पुष्टि
ऑक्सीजन सप्लाई रोकने पर कितनी मौतें हुईं थी, इस बारे में आगरा डीएम प्रभु नारायण सिंह का कहना है कि उस दिन पारस हॉस्पिटल में 4 मौतें हुई थीं. जो वीडियो वायरल हुआ है, या 22 मौतें जो बताई जा रही हैं, ऐसी कोई भी मौत उस दिन नहीं हुई थी. लेकिन फिर भी इस पूरे मामले की जांच पड़ताल कराई जा रही है. दरअसल, उस वक्त अस्पताल में कुल 96 कोरोना मरीज भर्ती थे, जिनमें से 22 की हालत गंभीर थी.
22 मरीजों की जान पर आई थी आफत
जिला प्रशासन ने पारस हॉस्पिटल को कोविड हॉस्पिटल बनाया था. प्रशासन ने 45 कोविड मरीजों के बेड की परमिशन दी थी. वहीं, हॉस्पिटल के संचालक डॉ. अरिंजय जैन का सोमवार को जो वीडियो वायरल हुआ है, उसमें वह अपने हॉस्पिटल में कोविड-19 के 96 मरीजों के भर्ती होने की बात कह रहे हैं. सामने बैठे लोगों को बता रहे हैं कि, जब अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी होने लगी तो उन्होंने 26 अप्रैल सुबह 7 बजे एक मॉकड्रिल की थी. यह ऑक्सीजन मॉकड्रिल थी, जो 5 मिनट तक चली. इसमें सभी मरीजों की ऑक्सीजन आपूर्ति को रोक दी गई थी. जिससे अस्पताल में भर्ती 22 मरीजों की हालत गंभीर हो गई थी. वहीं, वायरल वीडियो में हॉस्पिटल संचालक कह रहे हैं कि, आगरा का कोई भी अधिकारी या सरकार के लोग ऑक्सीजन की कमी को पूरा नहीं कर रहे थे, इसलिए उन्होंने यह मॉकड्रिल अपनाया था.
पिछले साल बना था कोरोना एपिक सेंटर
बता दें, सन 2020 में पारस हॉस्पिटल आगरा का कोरोना एपिक सेंटर बना था. पारस हॉस्पिटल से ही सबसे ज्यादा कोरोना के मरीज निकले थे. आगरा के साथ ही यहां से फिरोजाबाद, एटा, मैनपुरी, इटावा, कासगंज, हाथरस, मथुरा और फर्रुखाबाद बाद तक कोरोना संक्रमण पहुंचा था. इसकी वजह से प्रशासन ने हॉस्पिटल के खिलाफ महामारी एक्ट में मुकदमा भी दर्ज किया था. हॉस्पिटल बंद भी हुआ था. मगर, सेटिंग करके फिर शुरू हो गया. वहीं, इस साल जिला प्रशासन ने उसी पारस हॉस्पिटल को कोविड हॉस्पिटल बना दिया.
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संख्या से ज्यादा भर्ती किए मरीज
बता दें कि, जिला प्रशासन की ओर से पारस हॉस्पिटल को कोविड-19 के सिर्फ 45 मरीज भर्ती करने की इजाजत दी गई थी. लेकिन, वायरल वीडियो में हॉस्पिटल संचालक डॉ. अरिंजय जैन अपने यहां पर 96 मरीज भर्ती होने की बात कह रहे हैं. वहीं, इस बारे में अब आगरा डीएम मामले की जांच कर कार्रवाई की बात कह रहे हैं.