आगराः कोरोना संक्रमण के चलते देशभर में लॉकडाउन-5 लागू है. यह लॉकडाउन 30 जून तक चलेगा. देशभर में लॉकडाउन-4 खत्म होने के बाद अनलॉक-1 में बाजार खुल गए हैं और 8 जून से धार्मिक स्थलों को खोलने की भी गाइडलाइन जारी हो चुकी है. ऐसे में अब ताजमहल के साथ ही देश भर के तमाम ऐतिहासिक स्मारकों को खोलने को लेकर आवाज उठने लगी है.
आगरा के मेयर नवीन जैन ने ताजमहल के साथ जिले के अन्य स्मारक खोलने की अपील केंद्र सरकार से की है. इससे पर्यटन उद्योग से जुड़े करीब साढ़े चार लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा. इसमें टूरिस्ट गाइड, फोटोग्राफर, ट्रेवल एजेंसी संचालक, होटल्स, एंपोरियम संचालक समेत अन्य तमाम लोग शामिल है.
एएसआई ने 17 मार्च 2020 में कोरोना संक्रमण को देखते हुए ताजमहल के साथ देश भर के तमाम स्मारकों को बंद कर दिया था. इसमें आगरा के फतेहपुर सीकरी, एत्मादउद्दौला, आगरा फोर्ट, सिकंदरा स्मारक समेत स्मारक शामिल थे. इससे पर्यटन उद्योग एकदम धड़ाम से गिर गया. इस उद्योग में जुड़े लोग बेरोजगार हो गए. लॉकडाउन-1, लॉकडाउन-2, लॉकडाउन-3, लॉकडाउन-4 और लॉकडाउन-5 में भी स्मारक नहीं खोले गए हैं.
बने भुखमरी के हालात
टूरिस्ट गाइड सचिन सिंह ने बताया कि लॉकडाउन से पर्यटन उद्योग से रोजी-रोटी कमाने वाले चार लाख से ज्यादा लोग भुखमरी के कगार पर हैं. केंद्र सरकार ने पहले लॉकडाउन किया था तो लोगों को उम्मीद थी, कि 21 दिन बाद फिर पर्यटन उद्योग पटरी पर आ जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और लगातार लॉकडाउन आगे बढ़ता गया. आज हालात यह है कि पर्यटन उद्योग से जुड़े फोटोग्राफर, टूरिस्ट गाइड, पच्चीकारी कारीगर और अन्य तमाम लोग भुखमरी के कगार पर आ गए हैं.
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टूरिस्ट गाइडों को छोड़ना पड़ेगा अपना काम
आगरा टूरिस्ट गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ गाइड शमशुद्दीन ने बताया कि ताजमहल पर्यटन का देश में गेटवे ऑफ इंडिया है और हजारों की संख्या में प्रतिदिन लोग विदेशों से ताजमहल के साथ अन्य स्मारक देखने के लिए आते हैं, लेकिन लॉकडाउन के चलते सभी स्मारक बंद हैं. इसका असर पर्यटन उद्योग से जुड़े टूरिस्ट गाइड, फोटोग्राफर, पच्चीकारी कारीगर, हैंडीक्राफ्ट कारीगर समेत अन्य लोग बेरोजगार हो गए हैं. इस बारे में गाइडों की समस्या को लेकर के कई बार सीएम योगी और पीएम मोदी सरकार को पत्र भी लिखा है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
इतना ही नहीं ट्रेवल एजेंसियां भी गाइडों का बकाया रकम का भुगतान नहीं कर रहे हैं और यही वजह है कि टूरिस्ट गाइडों के सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया है. ऐसे ही हालात रहते हैं, तो टूरिस्ट गाइड इस काम को छोड़ कर कोई दूसरा काम करने के लिए मजबूर हो जाएंगे.