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ग्रामीणों ने पेश की मिशाल, पढ़ी लिखी बेटी निर्विरोध बनेगी ग्राम प्रधान

उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की तारिख नजदीक है. ऐसे में प्रधान पद के उम्मीदवार को लेकर आगरा के ब्लॉक जैतपुर के बड़ा गांव से एक गौरवान्वित करने वाला मामला सामने आया है. ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से गांव की ही एक परास्नातक बेटी को निविर्रोध ग्राम प्रधान बनाने का निर्णय लिया है, जो कि इलाके में चर्चा का विषय बन गया है.

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Published : Mar 15, 2021, 4:42 PM IST

परास्नातक बेटी बनेगी निर्विरोध ग्राम प्रधान
परास्नातक बेटी बनेगी निर्विरोध ग्राम प्रधान

आगरा: ताज नगरी के ब्लॉक जैतपुर के बड़ा गांव में सर्व समाज के लोगों द्वारा एक मिसाल पेश की गई है. यहां महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए गांव की परास्नातक बेटी को निर्विरोध ग्राम प्रधान बनाने का फैसला लिया गया है. जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है.

क्या है पूरा मामला

बता दें कि, केंद्र एवं प्रदेश सरकार देश में महिलाओं और बेटियों को मजबूत बनाने के लिए महिला सशक्तिकरण अभियान चलाकर लोगों को जागरूक कर रही है. सरकार द्वारा चलाए जा रहे महिला सशक्तिकरण अभियान को अब ग्रामीण भी पूरी तरह समझ कर बढ़ावा दे रहे हैं. ऐसी ही मिसाल आगरा जनपद के ब्लॉक जैतपुर क्षेत्र के बड़ा गांव में देखने को मिली है. जहां गांव के कई ग्रामीण पंचायत चुनाव की तैयारी कर रहे थे. इससे भी बड़ी बात ये है कि बीते 1 साल से पांच उम्मीदवार लगातार ग्राम प्रधानी की तैयारी में जी-जान से जुटे हुए थे. ऐसे में ग्रामीणों ने अपनी जूझ-बूझ दिखाते हुए सभी को चौंका दिया है.

पढ़ी-लिखी बेटी बनेगी ग्राम प्रधान

दरअसल, रविवार को गांव के हनुमान मंदिर पर ग्राम प्रधान के चुनाव के लिए एक पंचायत ग्रामीणों द्वारा आयोजित की गई. इसमें दर्जनों की संख्या में ग्राम पंचायत के सर्व समाज के ग्रामीण एकत्रित हुए. पंचायत में सर्व समाज की सम्मति से गांव की ही किसान किलेदार की बेटी सरला सिंह गुर्जर को निर्विरोध ग्राम प्रधान बनाने का फैसला लिया गया है. गांव की पढ़ी-लिखी बेटी को ग्राम प्रधान बनाने पर सभी ने रजामंदी जताई. ग्रामीणों के फैसले की चर्चा बाह, पिनाहट, जैतपुर क्षेत्र के साथ दूर-दूर तक हो रही है.

बेटी के फैसले से ग्रामीण हुए प्रभावित

बड़ा गांव की परास्नातक एवं पत्रकारिता की पढ़ाई कर प्रशासनिक अधिकारी बनने की तैयारी कर रही बेटी सरला सिंह गुर्जर ने ग्रामीणों को गांव के विकास के लिए प्रेरित किया और अपने तैयार रोड मैप के बारे में बताया, कि वह अपनी ग्राम पंचायत की स्थिति को कैसे सुधारेगी और किस तरीके से इस गांव को विकास की ओर ले जाया जाएगा. महिलाओं को खुले में शौच से किस तरीके से मुक्ति मिलेगी, बुजुर्ग एवं विधवाओं को पेंशन नहीं मिल पा रही है, जिसके लिए वह कार्य करेंगी. बेटी की बातों को सुनकर सभी लोग प्रभावित हुए और अपना समर्थन दिया.

यह थे दावेदार

ब्लॉक जैतपुर के बड़ा गांव में निवर्तमान प्रधान प्रहलाद सिंह गुर्जर, भुल्ले गुर्जर, राजकुमार, सियाराम, गीता, एवं सरला गुर्जर प्रधान पद के लिए दावेदार थे, जहां सर्वसम्मति से सरला गुर्जर को गांव के विकास के लिए निर्विरोध चुनने और चुनावी मैदान से हटने का फैसला लिया गया है.

प्रधानी लड़ने वालों को पता नहीं थे मुद्दे

ग्राम प्रधान चुनाव के अन्य दावेदारों को ग्राम पंचायत के विकास में क्या करना है, ये ज्यादातर को पता ही नहीं था. ऐसे में अब गांव की बेटी सरला गुर्जर ने अन्य लोगों से कहा, सभी लोग मिलकर साथ दें तो गांव की तरक्की हो सकती है. लोगों को न्याय मिल सकेगा और गांव का विकास भी होगा.

आगरा: ताज नगरी के ब्लॉक जैतपुर के बड़ा गांव में सर्व समाज के लोगों द्वारा एक मिसाल पेश की गई है. यहां महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए गांव की परास्नातक बेटी को निर्विरोध ग्राम प्रधान बनाने का फैसला लिया गया है. जो क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है.

क्या है पूरा मामला

बता दें कि, केंद्र एवं प्रदेश सरकार देश में महिलाओं और बेटियों को मजबूत बनाने के लिए महिला सशक्तिकरण अभियान चलाकर लोगों को जागरूक कर रही है. सरकार द्वारा चलाए जा रहे महिला सशक्तिकरण अभियान को अब ग्रामीण भी पूरी तरह समझ कर बढ़ावा दे रहे हैं. ऐसी ही मिसाल आगरा जनपद के ब्लॉक जैतपुर क्षेत्र के बड़ा गांव में देखने को मिली है. जहां गांव के कई ग्रामीण पंचायत चुनाव की तैयारी कर रहे थे. इससे भी बड़ी बात ये है कि बीते 1 साल से पांच उम्मीदवार लगातार ग्राम प्रधानी की तैयारी में जी-जान से जुटे हुए थे. ऐसे में ग्रामीणों ने अपनी जूझ-बूझ दिखाते हुए सभी को चौंका दिया है.

पढ़ी-लिखी बेटी बनेगी ग्राम प्रधान

दरअसल, रविवार को गांव के हनुमान मंदिर पर ग्राम प्रधान के चुनाव के लिए एक पंचायत ग्रामीणों द्वारा आयोजित की गई. इसमें दर्जनों की संख्या में ग्राम पंचायत के सर्व समाज के ग्रामीण एकत्रित हुए. पंचायत में सर्व समाज की सम्मति से गांव की ही किसान किलेदार की बेटी सरला सिंह गुर्जर को निर्विरोध ग्राम प्रधान बनाने का फैसला लिया गया है. गांव की पढ़ी-लिखी बेटी को ग्राम प्रधान बनाने पर सभी ने रजामंदी जताई. ग्रामीणों के फैसले की चर्चा बाह, पिनाहट, जैतपुर क्षेत्र के साथ दूर-दूर तक हो रही है.

बेटी के फैसले से ग्रामीण हुए प्रभावित

बड़ा गांव की परास्नातक एवं पत्रकारिता की पढ़ाई कर प्रशासनिक अधिकारी बनने की तैयारी कर रही बेटी सरला सिंह गुर्जर ने ग्रामीणों को गांव के विकास के लिए प्रेरित किया और अपने तैयार रोड मैप के बारे में बताया, कि वह अपनी ग्राम पंचायत की स्थिति को कैसे सुधारेगी और किस तरीके से इस गांव को विकास की ओर ले जाया जाएगा. महिलाओं को खुले में शौच से किस तरीके से मुक्ति मिलेगी, बुजुर्ग एवं विधवाओं को पेंशन नहीं मिल पा रही है, जिसके लिए वह कार्य करेंगी. बेटी की बातों को सुनकर सभी लोग प्रभावित हुए और अपना समर्थन दिया.

यह थे दावेदार

ब्लॉक जैतपुर के बड़ा गांव में निवर्तमान प्रधान प्रहलाद सिंह गुर्जर, भुल्ले गुर्जर, राजकुमार, सियाराम, गीता, एवं सरला गुर्जर प्रधान पद के लिए दावेदार थे, जहां सर्वसम्मति से सरला गुर्जर को गांव के विकास के लिए निर्विरोध चुनने और चुनावी मैदान से हटने का फैसला लिया गया है.

प्रधानी लड़ने वालों को पता नहीं थे मुद्दे

ग्राम प्रधान चुनाव के अन्य दावेदारों को ग्राम पंचायत के विकास में क्या करना है, ये ज्यादातर को पता ही नहीं था. ऐसे में अब गांव की बेटी सरला गुर्जर ने अन्य लोगों से कहा, सभी लोग मिलकर साथ दें तो गांव की तरक्की हो सकती है. लोगों को न्याय मिल सकेगा और गांव का विकास भी होगा.

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