आगराः कानपुर में पुलिस और बदमाशों की मुठभेड़ के दौरान 8 जावान शहीद हो गए थे, जिसमें आगरा जिले के सिपाही बब्लू भी शामिल थे. शहीद बब्लू आगरा जिले के पोखर पांडे गांव के रहने वाले थे. परिजनों को जैसे ही बब्लू के शहीद होने की सूचना मिली, परिवार में कोहराम मच गया. बता दें, कुछ ही दिन पहले ही बब्लू का रिश्ता राजस्थान के एक परिवार के साथ तय हुआ था.
शहीद को गार्ड ऑफ ऑनर से किया गया सम्मानित
शहीद बब्लू को तमाम पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.जयघोष के बीच शहीद बब्लू को पंचतत्व में विलीन हो गए.
शुक्रवार देर रात घर पहुंचा पार्थिव शरीर
शहीद सिपाही बब्लू का पार्थिव शरीर शुक्रवार देर रात उनके घर पहुंचा. पार्थिव शरीर गांव में पहुंचते ही उनके घर लोगों का तांता लग गया. इस दौरान लोगों के चेहरे पर गम और गुस्सा एक साथ झलक रहा था.
छोटे भाई ने शहीद को दी मुखाग्नि
शहीद के पार्थिव शरीर को सम्मान के साथ पांच गाड़ियों के काफिले के साथ ले जाया गया. सभी धार्मिक कार्य पूरे करने के बाद शहीद के छोटे भाई दिनेश ने उन्हें मुखग्नि दी.
कुछ ही दिनों में होने वाली थी बब्लू की शादी
शहीद बब्लू की अभी शादी नहीं हुई थी. कुछ ही दिन पहले उनका रिश्ता राजस्थान के एक परिवार के साथ तय हुआ था. लॉकडाउन के चलते उनकी शादी का कार्यक्रम आगे बढ़ा दिया गया था. बब्लू के परिजनों ने बताया कि वह 4 महीने बाद 3 जून को छुट्टी पर घर आए थे. इसके बाद वह 9 जून को वापस ड्यूटी पर चले गए थे.
मध्यमवर्गीय परिवार में पले-बड़े थे बब्लू
मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए बब्लू एक मध्यमवर्गीय परिवार से थे. बब्लू के 3 भाई और 5 बहने हैं. पुलिस में नौकरी लगने के बाद परिवार की सारी जिम्मेदारी बब्लू निभा रहे थे. उनके छोटे भाई उमेश ने इसी साल 12वीं की परीक्षा पास की है. बब्लू के पिता राज मिस्त्री का काम करते हैं. परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. बब्लू की नौकरी लगने के बाद उनके परिवार में उम्मीद की एक किरण जगी थी.