आगरा: ताजनगरी में शनिवार को पटाखे की दुकानों की लॉटरी निकाली गई. शहर में 12 स्थानों पर पटाखा बाजार लगेगा, जिसमें 286 दुकानें लगाई जाएंगी. पटाखा बाजार में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए जाएंगे. जिला प्रशासन और पुलिस इसके लिए विशेष इंतजाम कर रहा है.
जिला प्रशासन ने यमुनापार में कालिंदी विहार में लगाए जाने वाले पटाखा बाजार को बंद कर दिया. इससे पटाखों की दुकान लगाने वालों में आक्रोश है. दुकानदारों का कहना है कि लगातार जिला प्रशासन से इस बारे में शिकायत कर रहे हैं. मगर, सुनवाई नहीं हो रही है.
बता दें कि सन् 2019 की दीपावली पर कई पटाखा बाजार में आगजनी की घटना हुई थी. लाखों का नुकसान हुआ था. अधिकारियों पर आरोप लगे थे. इसको लेकर जिला प्रशासन और पुलिस ने पहले ही ऐसे पटाखा बाजारों का सर्वे किया. इन पटाखा बाजार को बंद कर दिया. इसके बाद पारदर्शिता के लिए लॉटरी सिस्टम पटाखा दुकानों का आवंटन किया गया है.
पटाखा बाजार की जगह चिह्नित नहीं
पटाखा विक्रेता पंकज कुमार का कहना है कि कालिंदी विहार के पेठा नगरी में 10 से 12 साल से पटाखा बाजार लगता रहा है. लेकिन इस बार वहां पर पटाखा बाजार नहीं लगेगा. प्रशासन ने इस बारे में पहले कुछ नहीं बताया. पटाखा बाजार को कोई जमीन चिन्हित भी नहीं की.
पहली बार लॉटरी से किया गया दुकानों का आवंटन
सिटी मैजिस्ट्रेट अरुण यादव ने बताया कि पहली बार आगरा में लॉटरी से पटाखे की दुकानों का आवंटन किया गया है. शहर में 12 स्थानों पर लगने वाले पटाखा बाजार में 286 दुकानें लगेंगी. इसके लिए 738 आवेदन आए हैं. इनमें तमाम लोग पुराने पटाखा विक्रेता भी हैं. उन्हें वरीयता दी गई. शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में दुकानों के आवंटन के लिए लॉटरी निकाली गई.
आगरा में पटाखा दुकानों के आवंटन के दौरान कई पुराने लाइसेंस धारियों ने भी जिला प्रशासन की प्रक्रिया को लेकर सवाल खड़े किए. लाइसेंस धारकों कहना था कि जहां जिस पटाखा बाजार में दुकान लगाते थे. वह बाजार बंद कर दिए हैं. ऐसे में उन्हें नए बाजारों में दुकान आवंटन करने के लिए शामिल नहीं किया गया है.