आगरा: आगरा में डेंगू का डी-टू स्ट्रेन बच्चों पर कहर ढा रहा है. हर दिन सरकारी अस्पताल से लेकर निजी अस्पतालों में डेंगू और बुखार से मरीजों की संख्या बढ़ रही है. भले ही सरकारी आंकडों में डेंगू से एक भी बच्चे की मौत न हुई हो मगर यहां बुखार से लगातार बच्चों की मौत हो रही है. आगरा के एस.एस. मेडिकल कॉलेज में बाल रोग विभाग में तमाम बच्चे डेंगू के भर्ती हैं, तो कुछ बच्चे ठीक होकर अस्पताल से घर भी पहुंच गए हैं. विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि आगरा में डेंगू के डी-टू स्ट्रेन का असर बच्चों के लिवर, तंत्रिका तंत्र और अन्य अंगों को डैमेज कर रहा है. इसी मुद्दे को लेकर ईटीवी भारत ने एस.एन.एम.सी के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज यादव से विशेष बातचीत की.
अब तक आगरा में 13 मरीजों में डेंगू के घातक डी-2 स्ट्रेन की पुष्टि भी हो चुकी है. ऐसे में डॉक्टर इस स्ट्रेन को बच्चों के लिए घातक मान रहे हैं. इसकी वजह से मरीजों में ब्लीडिंग हो रही है, जो जानलेवा है. अगर, गांव-देहात की बात करें तो यहां पर लोग डेंगू के डी-टू स्ट्रेन के लक्षण को पहचान नहीं पा रहे हैं. इस वजह से इलाज में देरी हो रही है. जिससे बच्चों की जान जा रही है.
- बुखार आने पर डॉक्टर से परामर्श व दवा लें.
- बुखार उतरने पर दवाएं लेना बंद न करें.
- उबालने के बाद सामान्य होने पर पानी पिएं.
- दाल, सलाद, हरी सब्जी और फल खूब खाएं.
- नारियल पानी पिएं और फलों का जूस भी पिएं.
यूं टूटेगी चेन
- घर और आसपास साफ सफाई रखें.
- हर दिन कूलर का पानी बदलते रहें.
- घर के आसपास पानी न जमा होने दें.
- जहां जल भराव है, वहां पर केरोसिन डालें.
- घर में मच्छरों को न पनपने दें.
- बच्चे और बडे़ फुल आस्तीन के कपडे़ पहनें.
आगरा में बुखार के चलते 15 दिन में 30 लागों की मौत हुई है. पिनाहट ब्लॉक में सर्वाधिक 10 की मौत हुई है. जबकि, सरकारी रिकॉर्ड में एक बुजुर्ग महिला की डेंगू से मौत हुई है.