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डेंगू का डंक: जानें क्यों खतरनाक है D2 स्ट्रेन, लिवर-तंत्रिका तंत्र को कर रहा डैमेज

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Published : Sep 29, 2021, 11:02 AM IST

कोरोना महामारी का प्रकोप अभी कम हुआ भी नहीं था कि प्रदेश में डेंगू महामारी ने पैर पसारना शुरू कर दिया. फिरोजाबाद के बाद अब आगरा में भी डेंगू के लगातार मामले सामने आ रहे हैं. यहां डेंगू का डी-टू स्ट्रेन बच्चों पर कहर ढा रहा है. हर दिन सरकारी अस्पताल से लेकर निजी अस्पतालों में डेंगू और बुखार से मरीजों की संख्या बढ़ रही है.

डेंगू का डंक:जानें क्यों खतरनाक है D2 स्ट्रेन
डेंगू का डंक:जानें क्यों खतरनाक है D2 स्ट्रेन

आगरा: आगरा में डेंगू का डी-टू स्ट्रेन बच्चों पर कहर ढा रहा है. हर दिन सरकारी अस्पताल से लेकर निजी अस्पतालों में डेंगू और बुखार से मरीजों की संख्या बढ़ रही है. भले ही सरकारी आंकडों में डेंगू से एक भी बच्चे की मौत न हुई हो मगर यहां बुखार से लगातार बच्चों की मौत हो रही है. आगरा के एस.एस. मेडिकल कॉलेज में बाल रोग विभाग में तमाम बच्चे डेंगू के भर्ती हैं, तो कुछ बच्चे ठीक होकर अस्पताल से घर भी पहुंच गए हैं. विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि आगरा में डेंगू के डी-टू स्ट्रेन का असर बच्चों के लिवर, तंत्रिका तंत्र और अन्य अंगों को डैमेज कर ​रहा है. इसी मुद्दे को लेकर ईटीवी भारत ने एस.एन.एम.सी के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज यादव से विशेष बातचीत की.



अब तक आगरा में 13 मरीजों में डेंगू के घातक डी-2 स्ट्रेन की पुष्टि भी हो चुकी है. ऐसे में डॉक्टर इस स्ट्रेन को बच्चों के लिए घातक मान रहे हैं. इसकी वजह से मरीजों में ब्लीडिंग हो रही है, जो जानलेवा है. अगर, गांव-देहात की बात करें तो यहां पर लोग डेंगू के डी-टू स्ट्रेन के लक्षण को पहचान नहीं पा रहे हैं. इस वजह से इलाज में देरी हो रही है. जिससे बच्चों की जान जा रही है.

डेंगू का डंक:जानें क्यों खतरनाक है D2 स्ट्रेन
बच्चों का मल काला यानी खतरे की घंटी
एस.एन.एम.सी के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज यादव ने बताया कि, फिरोजाबाद के कई बच्चों में ब्लैक स्टूल की दिक्कत मिली है. क्योंकि, डेंगू के डी-2 स्ट्रेन की वजह से मरीज के लिवर में सूजन, पेट में अल्सर और ब्लीडिंग हो रही है. उन्होंने कहा कि अगर किसी बच्चे को तेज बुखार, पेट दर्द के साथ बच्चा को काला मल की समस्या है तो इसे हल्के में न लें, यह बच्चे के लिए खतरे की घंटी है.
हर अंग हो रहा प्रभावित
वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज यादव ने बताया कि डेंगू के इस स्ट्रेन से शरीर के हर अंग पर प्रभाव हो रहा है. हाई फीवर होने से कुछ बच्चों के ब्रेन पर असर पड रहा है. क्योंकि, हाई फीवर से ब्रेन हेमरेज भी हो रहा है. कुछ बच्चों को इंसेफेलाइटिस हो जाता है. दौरे आने लगते हैं. ऐसे में बच्चों की मौत का खतरा बढ जाता है. कुछ बच्चों में डेंगू के चलते ​हेपेटाइटिस हो रही है.बच्चों में नाक, कान और मुंह से ब्लीडिंग होने लगती है. लिवर के साथ ही डेंगू के डी-टू स्ट्रेन का असर तंत्रिका तंत्र पर भी पड़ रहा है. इससे बच्चों में घबराहट, उल्टियां, पेट में दर्द समेत अन्य परेशानियां होने लगती हैं. हृदय की मांसपेशी और शरीर की अन्य मांसपेशियों पर भी असर पड़ रहा है.
डेंगू के यह हैं स्ट्रेन डी वन: तेज बुखार और प्लेटलेट काउंट कम होना.
डी टू और डी थ्री: डेंगू हैमरेजिक फीवर में रक्तस्राव और शॉक.
डी फोर: तेज बुखार और शरीर में दर्द होना.
यह बरतें सावधानी
  • बुखार आने पर डॉक्टर से परामर्श व दवा लें.
  • बुखार उतरने पर दवाएं लेना बंद न करें.
  • उबालने के बाद सामान्य होने पर पानी पिएं.
  • दाल, सलाद, हरी सब्जी और फल खूब खाएं.
  • नारियल पानी पिएं और फलों का जूस भी पिएं.

    यूं टूटेगी चेन
  • घर और आसपास साफ सफाई रखें.
  • हर दिन कूलर का पानी बदलते रहें.
  • घर के आसपास पानी न जमा होने दें.
  • जहां जल भराव है, वहां पर के​रोसिन डालें.
  • घर में मच्छरों को न पनपने दें.
  • बच्चे और बडे़ फुल आस्तीन के कपडे़ पहनें.


    आगरा में बुखार के चलते 15 दिन में 30 लागों की मौत हुई है. पिनाहट ब्लॉक में सर्वाधिक 10 की मौत हुई है. जबकि, सरकारी रिकॉर्ड में एक बुजुर्ग ​महिला की डेंगू से मौत हुई है.



आगरा: आगरा में डेंगू का डी-टू स्ट्रेन बच्चों पर कहर ढा रहा है. हर दिन सरकारी अस्पताल से लेकर निजी अस्पतालों में डेंगू और बुखार से मरीजों की संख्या बढ़ रही है. भले ही सरकारी आंकडों में डेंगू से एक भी बच्चे की मौत न हुई हो मगर यहां बुखार से लगातार बच्चों की मौत हो रही है. आगरा के एस.एस. मेडिकल कॉलेज में बाल रोग विभाग में तमाम बच्चे डेंगू के भर्ती हैं, तो कुछ बच्चे ठीक होकर अस्पताल से घर भी पहुंच गए हैं. विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि आगरा में डेंगू के डी-टू स्ट्रेन का असर बच्चों के लिवर, तंत्रिका तंत्र और अन्य अंगों को डैमेज कर ​रहा है. इसी मुद्दे को लेकर ईटीवी भारत ने एस.एन.एम.सी के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज यादव से विशेष बातचीत की.



अब तक आगरा में 13 मरीजों में डेंगू के घातक डी-2 स्ट्रेन की पुष्टि भी हो चुकी है. ऐसे में डॉक्टर इस स्ट्रेन को बच्चों के लिए घातक मान रहे हैं. इसकी वजह से मरीजों में ब्लीडिंग हो रही है, जो जानलेवा है. अगर, गांव-देहात की बात करें तो यहां पर लोग डेंगू के डी-टू स्ट्रेन के लक्षण को पहचान नहीं पा रहे हैं. इस वजह से इलाज में देरी हो रही है. जिससे बच्चों की जान जा रही है.

डेंगू का डंक:जानें क्यों खतरनाक है D2 स्ट्रेन
बच्चों का मल काला यानी खतरे की घंटी
एस.एन.एम.सी के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज यादव ने बताया कि, फिरोजाबाद के कई बच्चों में ब्लैक स्टूल की दिक्कत मिली है. क्योंकि, डेंगू के डी-2 स्ट्रेन की वजह से मरीज के लिवर में सूजन, पेट में अल्सर और ब्लीडिंग हो रही है. उन्होंने कहा कि अगर किसी बच्चे को तेज बुखार, पेट दर्द के साथ बच्चा को काला मल की समस्या है तो इसे हल्के में न लें, यह बच्चे के लिए खतरे की घंटी है.
हर अंग हो रहा प्रभावित
वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज यादव ने बताया कि डेंगू के इस स्ट्रेन से शरीर के हर अंग पर प्रभाव हो रहा है. हाई फीवर होने से कुछ बच्चों के ब्रेन पर असर पड रहा है. क्योंकि, हाई फीवर से ब्रेन हेमरेज भी हो रहा है. कुछ बच्चों को इंसेफेलाइटिस हो जाता है. दौरे आने लगते हैं. ऐसे में बच्चों की मौत का खतरा बढ जाता है. कुछ बच्चों में डेंगू के चलते ​हेपेटाइटिस हो रही है.बच्चों में नाक, कान और मुंह से ब्लीडिंग होने लगती है. लिवर के साथ ही डेंगू के डी-टू स्ट्रेन का असर तंत्रिका तंत्र पर भी पड़ रहा है. इससे बच्चों में घबराहट, उल्टियां, पेट में दर्द समेत अन्य परेशानियां होने लगती हैं. हृदय की मांसपेशी और शरीर की अन्य मांसपेशियों पर भी असर पड़ रहा है.
डेंगू के यह हैं स्ट्रेन डी वन: तेज बुखार और प्लेटलेट काउंट कम होना.
डी टू और डी थ्री: डेंगू हैमरेजिक फीवर में रक्तस्राव और शॉक.
डी फोर: तेज बुखार और शरीर में दर्द होना.
यह बरतें सावधानी
  • बुखार आने पर डॉक्टर से परामर्श व दवा लें.
  • बुखार उतरने पर दवाएं लेना बंद न करें.
  • उबालने के बाद सामान्य होने पर पानी पिएं.
  • दाल, सलाद, हरी सब्जी और फल खूब खाएं.
  • नारियल पानी पिएं और फलों का जूस भी पिएं.

    यूं टूटेगी चेन
  • घर और आसपास साफ सफाई रखें.
  • हर दिन कूलर का पानी बदलते रहें.
  • घर के आसपास पानी न जमा होने दें.
  • जहां जल भराव है, वहां पर के​रोसिन डालें.
  • घर में मच्छरों को न पनपने दें.
  • बच्चे और बडे़ फुल आस्तीन के कपडे़ पहनें.


    आगरा में बुखार के चलते 15 दिन में 30 लागों की मौत हुई है. पिनाहट ब्लॉक में सर्वाधिक 10 की मौत हुई है. जबकि, सरकारी रिकॉर्ड में एक बुजुर्ग ​महिला की डेंगू से मौत हुई है.



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