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सीएम से रामगोपाल की मुलाकात पर बोले केशव देव, दोनों के बीच पक रही खिचड़ी - आगरा की खबरें

सीएम योगी से राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव की मुलाकात अब सवालों के घेरे में आ गई है. महान दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव देव मौर्य ने इस मुलाकात को शिष्टाचार नहीं, बल्कि संदेहास्पद बताया है. साथ ही कहा कि दोनों के बीच में कोई खिचड़ी पक रही है.

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राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव देव मौर्य
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Published : Aug 3, 2022, 7:16 PM IST

Updated : Aug 3, 2022, 9:52 PM IST

आगराः सीएम योगी से सपा के 'चाणक्य' कहे जाने वाले प्रो. रामगोपाल यादव की मुलाकात पर यूपी की राजनीति गरमा गई है. भले ही सपा की ओर से इस मुलाकात को 'शिष्टाचार मुलाकात' बताया जा रहा है. लेकिन राजनीतिक गलियारों में इस मुलाकात के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं. सीएम योगी की प्रो. रामगोपाल यादव की मुलाकात पर महान दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव देव मौर्य ने तंज कसा है.

राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव देव मौर्य

विधानसभा चुनाव 2022 में महान दल भी सपा के महागठबंधन में शामिल था. लेकिन अब सपा की राहें अलग हो चुकी हैं. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए केशव देव मौर्य ने कहा कि भाजपा बहुत ही माया भरी पार्टी है. जिस तरह से सीएम योगी से प्रो. रामगोपाल यादव की मुलाकात हुई है वह बेहद संदेहास्पद है. भाजपा और रामगोपाल यादव के बीच में खिचड़ी पक रही है.

पढ़ेंः सीएम योगी से मिले सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव

केशव देव मौर्य का कहना है कि के रामगोपाल यादव की सीएम योगी से शिष्टाचार मुलाकात नहीं, संदेहास्पद मुलाकात है. रामगोपाल यादव सीएम योगी से मुलाकात करने पहुंच गए. लेकिन समाजवादी पार्टी के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस मुलाकात के बारे में सभी मीडिया संस्थानों में लिखने के बाद लिखा गया. वहीं, अभी तक कोई भी विपक्षी दल का नेता सत्ता दल के नेता मिलने गया तो उसमें उसके साथ एक प्रतिनिधिमंडल जाता है. उसकी जानकारी पहले से होती है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से यह मुलाकात हुई है उससे बिल्कुल साफ है कि यह शिष्टाचार नहीं, पर्सनल मुलाकात थी. राजनीति में पर्सनल मुलाकात की अलग मायने होते हैं.

केशव देव मौर्य ने कहा कि अभी थोड़े दिन पहले ही प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल यादव की सीएम योगी और अन्य भाजपा के नेताओं से मुलाकात हुई थी, उसे भी शिष्टाचार मुलाकात बताया गया था. मुलाकात के बाद शिवपाल यादव भाजपा की भाषा बोलने लगे थे. यही नहीं, उन्हें भाजपा की ओर से बसपा सुप्रीमो मायावती को सुप्रीम कोर्ट के आदेश दिया गया है. इसके बाद विधानसभा चुनाव में सपा गठबंधन में शामिल ओमप्रकाश राजभर जब भाजपाइयों से मिले तो राष्ट्रपति चुनाव में चुपके से भाजपा के समर्थक प्रत्याशी को वोट दे आए. विपक्षी नेताओं की भाजपा के साथ शिष्टाचार मुलाकात हुई है और मुलाकात के बाद भाजपा के पाले में चले गए हैं.

पढ़ेंः मंत्री गिरीश चंद्र यादव के बिगड़े बोल, कहा- अखिलेश यादव का बिगड़ गया है दिमागी संतुलन

केशव देव मौर्य का कहना है कि सपाइयों की ओर से जो तर्क दिया जा रहा है कि प्रो. रामगोपाल यादव अति पिछड़ों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों पर किए जा रहे भाजपा सरकार में मुकदमे और बुलडोजर की कार्रवाई के चलते सीएम योगी से शिष्टाचार मुलाकात की. सीएम योगी के पहले कार्यकाल में सपाइयों के नेताओं के खिलाफ राजनीतिक रंजिश में कार्रवाई की गई थी.

वरिष्ठ सपा नेता आजम खान पर 89 मुकदमे लगाए गए. उस समय तो किसी भी समाजवादी पार्टी के बड़े नेता ने सीएम योगी से शिष्टाचार मुलाकात नहीं की. सपा के विधायक तक जेल में हैं, तब कोई शिष्टाचार मुलाकात नहीं हुई. अब फिर शिष्टाचार मुलाकात क्यों ? यही शिष्टाचार मुलाकात अब सवालों के घेरे में हैं. इससे लग रहा है कि रामगोपाल यादव और भाजपा के बीच में भी कोई न कोई 'खिचड़ी' पक रही है.

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आगराः सीएम योगी से सपा के 'चाणक्य' कहे जाने वाले प्रो. रामगोपाल यादव की मुलाकात पर यूपी की राजनीति गरमा गई है. भले ही सपा की ओर से इस मुलाकात को 'शिष्टाचार मुलाकात' बताया जा रहा है. लेकिन राजनीतिक गलियारों में इस मुलाकात के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं. सीएम योगी की प्रो. रामगोपाल यादव की मुलाकात पर महान दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव देव मौर्य ने तंज कसा है.

राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव देव मौर्य

विधानसभा चुनाव 2022 में महान दल भी सपा के महागठबंधन में शामिल था. लेकिन अब सपा की राहें अलग हो चुकी हैं. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए केशव देव मौर्य ने कहा कि भाजपा बहुत ही माया भरी पार्टी है. जिस तरह से सीएम योगी से प्रो. रामगोपाल यादव की मुलाकात हुई है वह बेहद संदेहास्पद है. भाजपा और रामगोपाल यादव के बीच में खिचड़ी पक रही है.

पढ़ेंः सीएम योगी से मिले सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव

केशव देव मौर्य का कहना है कि के रामगोपाल यादव की सीएम योगी से शिष्टाचार मुलाकात नहीं, संदेहास्पद मुलाकात है. रामगोपाल यादव सीएम योगी से मुलाकात करने पहुंच गए. लेकिन समाजवादी पार्टी के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस मुलाकात के बारे में सभी मीडिया संस्थानों में लिखने के बाद लिखा गया. वहीं, अभी तक कोई भी विपक्षी दल का नेता सत्ता दल के नेता मिलने गया तो उसमें उसके साथ एक प्रतिनिधिमंडल जाता है. उसकी जानकारी पहले से होती है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से यह मुलाकात हुई है उससे बिल्कुल साफ है कि यह शिष्टाचार नहीं, पर्सनल मुलाकात थी. राजनीति में पर्सनल मुलाकात की अलग मायने होते हैं.

केशव देव मौर्य ने कहा कि अभी थोड़े दिन पहले ही प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल यादव की सीएम योगी और अन्य भाजपा के नेताओं से मुलाकात हुई थी, उसे भी शिष्टाचार मुलाकात बताया गया था. मुलाकात के बाद शिवपाल यादव भाजपा की भाषा बोलने लगे थे. यही नहीं, उन्हें भाजपा की ओर से बसपा सुप्रीमो मायावती को सुप्रीम कोर्ट के आदेश दिया गया है. इसके बाद विधानसभा चुनाव में सपा गठबंधन में शामिल ओमप्रकाश राजभर जब भाजपाइयों से मिले तो राष्ट्रपति चुनाव में चुपके से भाजपा के समर्थक प्रत्याशी को वोट दे आए. विपक्षी नेताओं की भाजपा के साथ शिष्टाचार मुलाकात हुई है और मुलाकात के बाद भाजपा के पाले में चले गए हैं.

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केशव देव मौर्य का कहना है कि सपाइयों की ओर से जो तर्क दिया जा रहा है कि प्रो. रामगोपाल यादव अति पिछड़ों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों पर किए जा रहे भाजपा सरकार में मुकदमे और बुलडोजर की कार्रवाई के चलते सीएम योगी से शिष्टाचार मुलाकात की. सीएम योगी के पहले कार्यकाल में सपाइयों के नेताओं के खिलाफ राजनीतिक रंजिश में कार्रवाई की गई थी.

वरिष्ठ सपा नेता आजम खान पर 89 मुकदमे लगाए गए. उस समय तो किसी भी समाजवादी पार्टी के बड़े नेता ने सीएम योगी से शिष्टाचार मुलाकात नहीं की. सपा के विधायक तक जेल में हैं, तब कोई शिष्टाचार मुलाकात नहीं हुई. अब फिर शिष्टाचार मुलाकात क्यों ? यही शिष्टाचार मुलाकात अब सवालों के घेरे में हैं. इससे लग रहा है कि रामगोपाल यादव और भाजपा के बीच में भी कोई न कोई 'खिचड़ी' पक रही है.

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Last Updated : Aug 3, 2022, 9:52 PM IST
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