आगरा: जिले की पुलिस ने बहुचर्चित जोंस मिल की जमीन खुद-बुर्द के फरार आरोपी बिल्डर हेमेंद्र अग्रवाल उर्फ चुनमुन अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया. छत्ता थाना में चुनमुन के साथ ही रज्जो जैन और कंवलदीप के खिलाफ 12 फरवरी 2021 को धोखाधड़ी व सार्वजिनक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया था. पहले ही पुलिस की ओर से रज्जो जैन को जोंस मिल में बम विस्फोट कराने के आरोप में गिरफ्तार करके जेल भेजा था. वह जमानत पर है. अब पुलिस को इस मामले में रज्जो और कंवलदीप की तलाश है.
जोंस मिल की जमीन को खुर्द-बुर्द करने को लेकर पुलिस की विवेचना में बिल्डर चुनमुन अग्रवाल का नाम सामने आया था. कुछ दिन बाद ही बिल्डर को छत्ता थाना के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक ने क्लीन चिट दे दी. इस पर एसएसपी बबलू कुमार ने इंस्पेक्टर सुनील दत्त को निलंबित कर दिया था. एसपी सिटी रोहन पी बोत्रे ने बताया था कि, जोंस मिल मामले में फरार आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर एसएसपी के निर्देश पर एक टीम ने हरिद्वार में दबिश दी. टीम ने हरिद्वार से गुरुवार को आरोपी बिल्डर हेमेंद्र अग्रवाल उर्फ चुनमुन अग्रवाल को गिरफ्तार किया था. उसे कोर्ट में पेश किया गया. जहां से उसे जेल भेज दिया गया है.
डीएम ने बनाई थी जांच कमेटी
डीएम प्रभु नारायण सिंह ने बहुचर्चित जोंस मिल मामले में 29 जुलाई 2020 को एक कमेटी गठित की गई थी. कमेटी में आठ सदस्य हैं, जो जोंस मिल कंपाउंड की जमीन की खरीद फरोख्त की जांच की गई थी. इस मामले में ही बिल्डर चुनमुन अग्रवाल, रज्जो जैन और कंवलदीप के खिलाफ एफआईआर हुई थी. जिसमें तीनों पर उच न्यायालय और राज्य सरकार के आदेशों की अवहेलना कर जमीन खुर्द-बुर्द करने का आरोप है.
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बम धमाके के बाद चर्चा में आया था मामला
बता दें कि, जोंस मिल की जमीन की जालसाजी में कई सालों से बिल्डर और जालसाज सक्रिय थे. जालसाज फर्जी तरीके से जमीन की खरीद फरोख्त कर रहे थे. इसमें ही एक ट्रांसपोर्टर से गोदाम खाली कराने के लिए 19 जुलाई 2020 को बम धमाका कर किया गया था. जिससे गोदाम ढहाने की साजिश की गई थी. पुलिस ने छानबीन की और रज्जो जैन समेत आधा दर्जन से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार करके जेल जेल भेज दिया. बम धमाके से ही जोंस मिल का मामला सुर्खियों में आया था.