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Sanatan Jagriti Sammelan: देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज बोले- जामा मस्जिद देखकर रो रहा मेरा हृदय

मशहूर कथावाचक देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज (Devkinandan Thakurji Maharaj) आज सनातन जागृति सम्मेलन (Sanatan Jagriti Sammelan) में शामिल होने आगरा पहुंचे. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि जब वे जामा मस्जिद (Jama Masjid In Agra) के सामने से निकले तो उनका मन दुखी हो गया.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 25, 2023, 6:04 PM IST

Updated : Oct 25, 2023, 6:16 PM IST

आगरा में मीडिया से बात करते मशहूर कथावाचक देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज

आगरा: हनुमान सेना के अयोजित 'सनातन जागृति सम्मेलन' में शामिल होने मशहूर कथावाचक देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज बुधवार को ताजनगरी पहुंचे. वे सबसे पहले श्रीमन:कामेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे. उन्होंने बाबा श्रीमन:कामेश्वर महादेव के दर्शन किए और पूजा की. इसके बाद आवास विकास कॉलोनी सेक्टर-11 स्थित पार्क में 'सनातन जागृति सम्मेलन' पहुंचे. मीडिया से रूबरू होने पर उन्होंने कहा कि हम सनातनी कभी किसी धर्म का अपमान नहीं करते हैं.

उन्होंने कहा कि औरंगजेब ने सन् 1670 में सनातनियों को अपमानित करने का काम किया. हमारे आराध्य केशवदेव भगवान के विग्रह दबे हैं. इनके ऊपर से विधर्मी निकलते हैं. आज जब मैं श्रीमन:कामेश्वर महादेव मंदिर दर्शन करने गया तो ट्रैफिक की वजह से मुझे जामा मस्जिद के सामने से निकाला गया, जिससे मेरा मन व्यथित है. मेरा हृदय रो रहा है. मैं बहुत व्यथित हूं. मैं दुखी हूं. मैं उस देश में रहता हूं, जो स्वतंत्र है. सनातनी धर्म का है.

देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज ने कहा कि वे अब हाईकोर्ट जाएंगे और उन सीढ़ियों पर आवागमन बंद कराने की मांग करेंगे. जल्द जामा मस्जिद की सीढ़ियों का एएसआई सर्वे किया जाए. इसके साथ ही इस काम के लिए सनातनी एकजुट करने आए हैं. इसलिए, आगरा से सनातन जागृति सम्मेलन किया जा रहा है. इससे सनातनी को जगाने का काम किया जा रहा है. संवैधानिक अधिकार के तहत मेरा संघर्ष जारी रहेगा. मैं केशवदेव जी की छवि यहां से ले जाकर मथुरा में उनकी स्थापना करूंगा. यही मेरा संघर्ष है. चाहे मुझे सड़क पर भी क्यों ना आना पड़े.

बता दें कि आगरा में हनुमान सेना की ओर से 'सनातन जागृति सम्मेलन' आयोजित किया गया है. इसमें मुख्य अतिथि व वक्ता कथावाचक देवकीनंदन ठाकुरजी हैं. सनातन जागृति सम्मेलन में आगरा, मथुरा, अलीगढ़, फिरोजाबाद, टूंडला और हाथरस जिलों से सनातनी आए हैं.

जामा मस्जिद मामले की सुनवाई 27 अक्टूबर को

मथुरा की जिला अदालत के बाद अब आगरा जिला अदालत में आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबे भगवान श्रीकृष्ण के विग्रह निकालने का मामला चल रहा है. श्रीकृष्ण जन्मभूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट ने जामा मस्जिद का एएसआई की तकनीकी विशेषज्ञों की टीम से सर्वे कराने की मांग की है. इस मामले में अगली सुनवाई 27 अक्टूबर को होगी.

जामा मस्जिद का केस जिला अदालत में

बता दें कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट ने आगरा जिला जज की कोर्ट में एएसआई के तकनीकी विशेषज्ञों से जामा मस्जिद के सर्वे की मांग की है. पहले से ही श्रीकृष्ण जन्मभूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट के देवकीनंदन ठाकुरजी दावा कर रहे हैं कि कृष्ण जन्मभूमि के भगवान केशवदेव के विग्रह आगरा की जामा मस्जिद (जहांआरा बेगम मस्जिद) की सीढ़ियों के नीचे दबे हैं.

शाहजहां की सबसे प्रिय बेटी ने बनवाई थी जामा मस्जिद

वरिष्ठ इतिहासकार राजकिशोर राजे बताने हैं कि मुगल शहंशाह के 14 संतानें थीं. इसमें मेहरून्निसा बेगम, जहांआरा, दारा शिकोह, शाह शूजा, रोशनआरा, औरंगजेब, उमेदबक्श, सुरैया बानो बेगम, मुराद लुतफुल्ला, दौलत आफजा और गौहरा बेगम शामिल थे. एक बच्चा पैदा होते ही मर गया था. शाहजहां की सबसे प्रिय बेटी जहांआरा थी. उसने अपने वजीफा की रकम से सन् 1643 से 1648 के बीच जामा मस्जिद का निर्माण कराया था. 16वीं शताब्दी के सातवें दशक में मुगल बादशाह औरंगजेब ने मथुरा के केशवदेव मंदिर को ध्वस्त कराया था. केशवदेव मंदिर की मूर्तियों के साथ ही तमाम पुरावशेष आगरा लाए गए. इन सभी मूर्तियों और पुरावशेष को जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबाया गया था.

यह भी पढ़ें: आगरा की जामा मस्जिद फिर चर्चा में आई, जानें क्या है पूरा मामला

यह भी पढ़ें: जामा मस्जिद विवाद: सीढ़ियों से लोगों के आवागमन पर रोक की मांग पर सुनवाई 27 अक्टूबर को

आगरा में मीडिया से बात करते मशहूर कथावाचक देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज

आगरा: हनुमान सेना के अयोजित 'सनातन जागृति सम्मेलन' में शामिल होने मशहूर कथावाचक देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज बुधवार को ताजनगरी पहुंचे. वे सबसे पहले श्रीमन:कामेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे. उन्होंने बाबा श्रीमन:कामेश्वर महादेव के दर्शन किए और पूजा की. इसके बाद आवास विकास कॉलोनी सेक्टर-11 स्थित पार्क में 'सनातन जागृति सम्मेलन' पहुंचे. मीडिया से रूबरू होने पर उन्होंने कहा कि हम सनातनी कभी किसी धर्म का अपमान नहीं करते हैं.

उन्होंने कहा कि औरंगजेब ने सन् 1670 में सनातनियों को अपमानित करने का काम किया. हमारे आराध्य केशवदेव भगवान के विग्रह दबे हैं. इनके ऊपर से विधर्मी निकलते हैं. आज जब मैं श्रीमन:कामेश्वर महादेव मंदिर दर्शन करने गया तो ट्रैफिक की वजह से मुझे जामा मस्जिद के सामने से निकाला गया, जिससे मेरा मन व्यथित है. मेरा हृदय रो रहा है. मैं बहुत व्यथित हूं. मैं दुखी हूं. मैं उस देश में रहता हूं, जो स्वतंत्र है. सनातनी धर्म का है.

देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज ने कहा कि वे अब हाईकोर्ट जाएंगे और उन सीढ़ियों पर आवागमन बंद कराने की मांग करेंगे. जल्द जामा मस्जिद की सीढ़ियों का एएसआई सर्वे किया जाए. इसके साथ ही इस काम के लिए सनातनी एकजुट करने आए हैं. इसलिए, आगरा से सनातन जागृति सम्मेलन किया जा रहा है. इससे सनातनी को जगाने का काम किया जा रहा है. संवैधानिक अधिकार के तहत मेरा संघर्ष जारी रहेगा. मैं केशवदेव जी की छवि यहां से ले जाकर मथुरा में उनकी स्थापना करूंगा. यही मेरा संघर्ष है. चाहे मुझे सड़क पर भी क्यों ना आना पड़े.

बता दें कि आगरा में हनुमान सेना की ओर से 'सनातन जागृति सम्मेलन' आयोजित किया गया है. इसमें मुख्य अतिथि व वक्ता कथावाचक देवकीनंदन ठाकुरजी हैं. सनातन जागृति सम्मेलन में आगरा, मथुरा, अलीगढ़, फिरोजाबाद, टूंडला और हाथरस जिलों से सनातनी आए हैं.

जामा मस्जिद मामले की सुनवाई 27 अक्टूबर को

मथुरा की जिला अदालत के बाद अब आगरा जिला अदालत में आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबे भगवान श्रीकृष्ण के विग्रह निकालने का मामला चल रहा है. श्रीकृष्ण जन्मभूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट ने जामा मस्जिद का एएसआई की तकनीकी विशेषज्ञों की टीम से सर्वे कराने की मांग की है. इस मामले में अगली सुनवाई 27 अक्टूबर को होगी.

जामा मस्जिद का केस जिला अदालत में

बता दें कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट ने आगरा जिला जज की कोर्ट में एएसआई के तकनीकी विशेषज्ञों से जामा मस्जिद के सर्वे की मांग की है. पहले से ही श्रीकृष्ण जन्मभूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट के देवकीनंदन ठाकुरजी दावा कर रहे हैं कि कृष्ण जन्मभूमि के भगवान केशवदेव के विग्रह आगरा की जामा मस्जिद (जहांआरा बेगम मस्जिद) की सीढ़ियों के नीचे दबे हैं.

शाहजहां की सबसे प्रिय बेटी ने बनवाई थी जामा मस्जिद

वरिष्ठ इतिहासकार राजकिशोर राजे बताने हैं कि मुगल शहंशाह के 14 संतानें थीं. इसमें मेहरून्निसा बेगम, जहांआरा, दारा शिकोह, शाह शूजा, रोशनआरा, औरंगजेब, उमेदबक्श, सुरैया बानो बेगम, मुराद लुतफुल्ला, दौलत आफजा और गौहरा बेगम शामिल थे. एक बच्चा पैदा होते ही मर गया था. शाहजहां की सबसे प्रिय बेटी जहांआरा थी. उसने अपने वजीफा की रकम से सन् 1643 से 1648 के बीच जामा मस्जिद का निर्माण कराया था. 16वीं शताब्दी के सातवें दशक में मुगल बादशाह औरंगजेब ने मथुरा के केशवदेव मंदिर को ध्वस्त कराया था. केशवदेव मंदिर की मूर्तियों के साथ ही तमाम पुरावशेष आगरा लाए गए. इन सभी मूर्तियों और पुरावशेष को जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबाया गया था.

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Last Updated : Oct 25, 2023, 6:16 PM IST
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